नये पाठ्यक्रमों के लिये हमें नयी अध्ययन सामग्री भी तैयार करनी पड़ेगी । हमारे शाश्वत सिद्धान्तों को समाहित करने वाले शास्त्र ग्रन्थों का अध्ययन कर उनके आधार पर वर्तमान युग के अनुरूप साहित्य निर्माण करने का कार्य भी करना होगा । उसी समय विश्व के ज्ञान प्रवाहों से अवगत रहते हुए उनका समायोजन हमारी ज्ञानधारा से कर उसे समृद्ध भी बनाना होगा । संक्षेप में विपुल साहित्य निर्माण हमारा दूसरा कार्य होगा । | नये पाठ्यक्रमों के लिये हमें नयी अध्ययन सामग्री भी तैयार करनी पड़ेगी । हमारे शाश्वत सिद्धान्तों को समाहित करने वाले शास्त्र ग्रन्थों का अध्ययन कर उनके आधार पर वर्तमान युग के अनुरूप साहित्य निर्माण करने का कार्य भी करना होगा । उसी समय विश्व के ज्ञान प्रवाहों से अवगत रहते हुए उनका समायोजन हमारी ज्ञानधारा से कर उसे समृद्ध भी बनाना होगा । संक्षेप में विपुल साहित्य निर्माण हमारा दूसरा कार्य होगा । |