यह ५१ शक्तिपीठों में से एक है। परन्तु पाकिस्तान (बलोचस्थान) में होने के कारण यहाँ भक्तगण इस पीठ के दर्शनों से वंचित रहते हें। यह स्थान हिंगोल नदी के तट पर स्थित है। प्रमुख स्थान गुफा में है जहाँ भगवती के दर्शन पृथ्वी सेनिकली ज्योति के रूप में होते हैं। साथ में काली मां के भी दर्शन किये जा सकते हैं। भगवती सती का ब्रह्मरिन्ध यहाँ गिरा था; उसी स्थान पर शक्तिपीठ का उद्भव हुआ। | यह ५१ शक्तिपीठों में से एक है। परन्तु पाकिस्तान (बलोचस्थान) में होने के कारण यहाँ भक्तगण इस पीठ के दर्शनों से वंचित रहते हें। यह स्थान हिंगोल नदी के तट पर स्थित है। प्रमुख स्थान गुफा में है जहाँ भगवती के दर्शन पृथ्वी सेनिकली ज्योति के रूप में होते हैं। साथ में काली मां के भी दर्शन किये जा सकते हैं। भगवती सती का ब्रह्मरिन्ध यहाँ गिरा था; उसी स्थान पर शक्तिपीठ का उद्भव हुआ। |