'''याग-''' इष्टदेव के पूजन को याग कहते हैं। यह दो प्रकार का होता है- अन्तर्याग तथा बहिर्याग। अन्तर्याग में अपने देहमयपीठ पर पीठदेवता, पीठशक्तियों एवं आवरण देवताओं के साथ मानसोपचारों से इष्टदेव का पूजन किया जाता है। | '''याग-''' इष्टदेव के पूजन को याग कहते हैं। यह दो प्रकार का होता है- अन्तर्याग तथा बहिर्याग। अन्तर्याग में अपने देहमयपीठ पर पीठदेवता, पीठशक्तियों एवं आवरण देवताओं के साथ मानसोपचारों से इष्टदेव का पूजन किया जाता है। |