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== सम्यक् विकास के सूत्र ==
 
== सम्यक् विकास के सूत्र ==
  सम्यक विकास की भारतीय मान्यता व्यक्तिगत, समष्टिगत और सृष्टिगत ऐसे तीनों के विकास की है।   
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सम्यक विकास की भारतीय मान्यता व्यक्तिगत, समष्टिगत और सृष्टिगत, तीनों के विकास की है।   
 
५.१ न्यूनतम उपभोग से मतलब उस उपभोग से है जिससे कम उपभोग के कारण मनुष्य की स्वाभाविक क्षमताओं को हानी होती हो। ऐसे धर्म अविरोधी न्यूनतम उपभोग की मानसिकता निर्माण करना यह शिक्षा का काम है।  
 
५.१ न्यूनतम उपभोग से मतलब उस उपभोग से है जिससे कम उपभोग के कारण मनुष्य की स्वाभाविक क्षमताओं को हानी होती हो। ऐसे धर्म अविरोधी न्यूनतम उपभोग की मानसिकता निर्माण करना यह शिक्षा का काम है।  
 
५.२ भौतिक समृद्धि की सीमा धारणाक्षम उपभोग के स्तर से तय होगी।  
 
५.२ भौतिक समृद्धि की सीमा धारणाक्षम उपभोग के स्तर से तय होगी।  
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५.७ कौटुम्बिक उद्योगों में सभी मालिक होते हैं। अपवाद या आवश्यकतानुसार अल्प संख्या में नौकर भी हो सकते हैं। इस से समाज मालिकों की मानसिकता और क्षमताओं का बनता है। आनुवांशिकता से ये उद्योग चलते हैं।
 
५.७ कौटुम्बिक उद्योगों में सभी मालिक होते हैं। अपवाद या आवश्यकतानुसार अल्प संख्या में नौकर भी हो सकते हैं। इस से समाज मालिकों की मानसिकता और क्षमताओं का बनता है। आनुवांशिकता से ये उद्योग चलते हैं।
 
५.८ राष्ट्र की सुरक्षा याने राष्ट्र की भूमि, समाज और संस्कृति की सुरक्षा के साथ कोई समझौता नहीं हो सकता।
 
५.८ राष्ट्र की सुरक्षा याने राष्ट्र की भूमि, समाज और संस्कृति की सुरक्षा के साथ कोई समझौता नहीं हो सकता।
५.९ समाज का संस्कृति और समृद्धि का स्तर सामाजिक विकास के मापदंड के दो पहलू हैं।
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५.९ समाज का संस्कृति और समृद्धि का स्तर सामाजिक विकास के मापदंड के दो पहलू हैं।
    
== शिक्षा के मूलतत्व ==
 
== शिक्षा के मूलतत्व ==
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