जो दैवज्ञ गणित व होरा शास्त्र के साथ संहिता शास्त्र में भी पारंगत होता है उसकी संवत्सर संज्ञा दी गई। संवत्सर का अत्यधिक महत्त्व प्रतिपादित किया गया। सांवत्सर किसी देश, प्रदेश, जिले या नगर का शुभाशुभ फलकथन करने में समर्थ होता है, अतएव कहा गया कि अपने कल्याण की इच्छा रखने वाले व्यक्ति को साम्वत्सर रहित देश में निवास नहीं करना चहिये। जैसा कि आचार्य का कथन है- <blockquote> | जो दैवज्ञ गणित व होरा शास्त्र के साथ संहिता शास्त्र में भी पारंगत होता है उसकी संवत्सर संज्ञा दी गई। संवत्सर का अत्यधिक महत्त्व प्रतिपादित किया गया। सांवत्सर किसी देश, प्रदेश, जिले या नगर का शुभाशुभ फलकथन करने में समर्थ होता है, अतएव कहा गया कि अपने कल्याण की इच्छा रखने वाले व्यक्ति को साम्वत्सर रहित देश में निवास नहीं करना चहिये। जैसा कि आचार्य का कथन है- <blockquote> |