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| गच्क्षता तिष्ठता वापि स्वपता जग्रताथवा | काशीत्येष महामन्त्रो येन जप्तः स निर्गम || | | गच्क्षता तिष्ठता वापि स्वपता जग्रताथवा | काशीत्येष महामन्त्रो येन जप्तः स निर्गम || |
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− | जो प्राणी चलते , स्थिर रहते , सोते और जागते हुवे हर समय ' ' काशी ' इस दो अक्षरों के महामंत्र को जपते रहते है , वे इस कराल संसार मे निर्भय रहते है (अर्थात इस भयानक संसार से मुक्त हो जाते है) ।<blockquote> योजनानां शतस्थोपी विमुक्तम संस्मरेद्यदि | बहुपातक पुर्णोःपि पदं गच्छत्यनामयम ||</blockquote>काशी विश्वनाथ से एक सौ योजन (1200 किलोमीटर दूर) पर स्थित रहने पर भी जो काशी नगरी का स्मरण करता है । वह पापी होते हुवे भी सभी पापो से मुक्त हो जाता है । | + | जो प्राणी चलते , स्थिर रहते , सोते और जागते हुवे हर समय ' ' काशी ' इस दो अक्षरों के महामंत्र को जपते रहते है , वे इस कराल संसार मे निर्भय रहते है (अर्थात इस भयानक संसार से मुक्त हो जाते है) ।<blockquote> योजनानां शतस्थोपी विमुक्तम संस्मरेद्यदि | बहुपातक पुर्णोःपि पदं गच्छत्यनामयम ||</blockquote>काशी विश्वनाथ से एक सौ योजन (1200 किलोमीटर दूर) पर स्थित रहने पर भी जो काशी नगरी का स्मरण करता है । वह पापी होते हुवे भी सभी पापो से मुक्त हो जाता है । |
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| + | == विश्वेश्वर खण्ड == |
| + | भगवान विश्वेश्वर की अन्तर्गृह यात्रा का विवरण - |
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| + | भगवतः विश्वेश्वरस्यान्तर्गृहयात्राया विवरणम् |
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| + | 1. मणिकर्णीश्वरः ( मणिकर्णिका घट्टे सी०के० 8/12 ) |
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| + | 2. कम्बलेश्वरः ( तत्रैव 8/14 ) |
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| + | 3. अश्वतरेश्वरः ( तत्रैव ) |
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| + | 4. वासुकीश्वरः ( संकठा देव्या पार्श्वे सी०के० 7/155 ) |
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| + | 5. पर्वतेश्वरः ( तत्रैव सी०के० 7/50 ) |
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| + | 6. गंगाकेशव: ( ललिताघट्टे डी० 2/67 ) |
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| + | 7. ललिता देवी ( तत्रैव ) |
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| + | 8. जरासन्धेश्वर: ( मीरघट्टे डी० 3/79 ) |
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| + | 9. सोमेश्वर: ( मानमन्दिरघट्टे डी० 16/34 ) |
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| + | 10. वाराहेश्वर: ( दशाश्वमेध घट्टे डी० 17/111 ) |
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| + | 11. ब्रह्मेश्वर: ( डी० 33/66-67 ) |
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| + | 12. अगस्तीश्वरः ( अगस्त्यकुण्डापार्श्वे डी० 36/11 ) |
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| + | 13. कश्यपेश्वर: ( जंगमबाड़ीमठे डी० 35/77 ) |
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| + | 14. हरिकेशेश्वरः ( तत्रैव डी० 35/273 ) |
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| + | 15. वैद्यनाथ: ( डी० 50/20 ) |
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| + | 16. ध्रुवेश्वरः ( मिसिरपोखरापार्श्वे ) |
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| + | 17. गोकर्णेश्वर: ( डी० 50/34 ए ) |
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| + | 18. घटकेश्वर: ( पुरानीगुड़ीस्थाने ) |
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| + | 19. कीकसेश्वर: ( सी०के 48/45) |
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| + | 20. भारभूतेश्वरः ( राजादरवाजाक्षेत्रे सी०के० 54/44 ) |
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| + | 21. चित्रगुप्तेश्वरः ( महरहट्टा क्षेत्रे सी०के० 57/77 ) |
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| + | 22. चित्रघण्टा देवी ( सी०के० 23/34 ) |
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| + | 23. पशुपतीश्वरः ( सी०के० 13/66 ) |
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| + | 24. पितामहेश्वरः ( सी०के० 7/92 ) |
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| + | 25. कलेशेश्वरः ( ब्रहमपुरी क्षेत्र सी०के० 7/106 ) |
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| + | 26. चन्द्रेश्वरः ( सी०के० 7/124 ) |
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| + | 27. आत्मावीरेश्वर ( संकटाघट्टे सी-के- 7/158 ) |
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| + | 28. विद्येश्वरः ( ब्रहमपुरीक्षेत्र सी के 2/41 ) |
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| + | 29. अग्नीश्वर: ( अग्नीश्वरघट्टे सी०के० 2/3 ) |
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| + | 30. नागेश्वरः ( भोसलामन्दिरपार्श्वे सी०के० 1/२१ ) |
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| + | 31. हरिश्चन्द्रेश्वर: ( संकटाघट्टे सी०के० 7/166 ) |
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| + | 32. चिन्तामणिविनायकः ( तत्रैव सी०के० 7/161 ) |
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| + | 33. सेनाविनायकः ( तत्रैव पार्श्वे ) |
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| + | 34. वशिष्ठ: ( तत्रैव सी०के० 7/161 ) |
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| + | 35. वामदेवः ( तत्रैव ) |
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| + | 36. सीमाविनायकः ( तत्रैव ) |
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| + | 37. करुणेश्वर: ( ललिताघट्टस्योपरि सी०के० 34/10 ) |
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| + | 38. त्रिसन्ध्येश्वर: ( तत्रैव डी० 1/40 ) |
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| + | 39. विशालाक्षी देवी( मीरघट्टे डी० 3/85 ) |
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| + | 40. धर्मवर: ( धर्मकूपे डी० 2/21 ) |
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| + | 41. विश्वभुजादेवी ( तत्रैव डी० 2/13 ) |
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| + | 42. आशाविनायकः ( मीरघट्टे डी० 3/79 ) |
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| + | 43. वृ.द्धादित्यः ( मीरघट्टे डी० 3/16 ) |
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| + | 44. चतुर्वक्त्रेश्वरः ( सकरकन्दगलीक्षेत्रे डी० 7/19 ) |
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| + | 45. ब्राह्मीश्वरः ( तत्रैव डी० 7/6 ) |
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| + | 46. मनः प्रकामेश्वरः ( साक्षीविनायकस्यापाश्र्वें डी० 10/50 ) |
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| + | 47 ईशानेश्वरः ( सी०के० 37/69 ) |
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| + | 48. चण्डी - चण्डीश्वर ( कालिकागली क्षेत्रे डी 8/27 ) |
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| + | 49. भवानी शंकर ( अन्नपूणामन्दिरस्यपार्श्वे ) |
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| + | 50. ढुण्डिराजः ( प्रसिद्धोऽयम ) |
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| + | 51. राजराजेश्वर: ( सी०के० 35/33 ) |
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| + | 52. लांगलीश्वर: ( खोवाबाजारक्षेत्रे सी०के० 28/4 ) |
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| + | 53. नकुलीश्वरः ( अक्षयवटे सी०के० 35/20 ) |
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| + | 54. परान्नेश्वर: (दण्डपाणिसमक्षे सी०के० 35/34 ) |
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| + | 55. परद्रव्येश्वर: ( दण्डपाणिसमक्षे सी०के० 35/34 ) |
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| + | 56. प्रतिग्रहेश्वर: ( दण्डपाणिसमक्षे सी०के० 35/34 ) |
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| + | 57. निष्कलकेश्वर: ( दण्डपाणिसमक्षे सी०के० 35/34 ) |
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| + | 58. मार्कण्डेयेश्वर: ( सी०के० 16/10. ) |
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| + | 59. अप्सरेश्वर: ( विश्वनाथमन्दिर परिसरे ) |
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| + | 60. गंगेश्वर: ( अधुना लुप्तः ) |
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| + | 61. महाकालेश्वर: ( अधुनालुप्तः श्रीनाथ मन्दिरस्य पार्श्वे नूतनोऽयम ) |
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| + | 62. दण्डपाणि: ( सी०के० 36/10 ) |
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| + | 63. महेश्वर: ( ज्ञानवापीक्षेत्रे ) |
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| + | 64. मोक्षेश्वर ( तत्रैव इदानीं लुप्त ) |
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| + | 65. वीरभद्रेश्वर: ( ज्ञानवापी समीपे लुप्त ) |
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| + | 66. अविमुक्तेश्वर: ( विश्वनाथ मन्दिरक्षेत्रे ) |
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| + | 67. पञ्चविनायक ( सी०के० 31/12. 31/16. 34/60, 35/8, 37/1 ) |
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| + | 68. विश्वेश्वरः ( प्रसिद्धोऽयं ज्योतिर्लिगः ) |
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| == केदार खण्ड == | | == केदार खण्ड == |
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| 125 केदारेश्वरः ( प्रसिद्धः ) | | 125 केदारेश्वरः ( प्रसिद्धः ) |
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| + | == ओंकार खण्ड == |
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| == श्रीशिवअंगयात्रा == | | == श्रीशिवअंगयात्रा == |