− | शिवाजी महाराज और पेशवाओं के शौर्य की गाथा कहने वाला पुणे नगर महाराष्ट्र का प्रसिद्ध नगर है। औरंगजेब के घमण्डी सेनापति शाइस्ताखां को यहीं पर शिवाजी की चमत्कारिक शक्ति का आभास हुआ था, जिसके कारण रात को ही अपनी अंगुलियाँ गाँवाकर उसे भागना पड़ा था।पुणे लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक कीभी कर्मभूमि है। तिलक द्वारा है। अब पास में ही नयी राजधानी गांधीनगर का निर्माण किया गया है। स्थापित कई संस्थाएँ व विद्यामन्दिरआज भी कार्यरत हैं।श्री लक्ष्मीनारायण | + | शिवाजी महाराज और पेशवाओं के शौर्य की गाथा कहने वाला पुणे नगर महाराष्ट्र का प्रसिद्ध नगर है। औरंगजेब के घमण्डी सेनापति शाइस्ताखां को यहीं पर शिवाजी की चमत्कारिक शक्ति का आभास हुआ था, जिसके कारण रात को ही अपनी अंगुलियाँ गाँवाकर उसे भागना पड़ा था।पुणे लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक कीभी कर्मभूमि है। तिलक द्वारा है। अब पास में ही नयी राजधानी गांधीनगर का निर्माण किया गया है। स्थापित कई संस्थाएँ व विद्यामन्दिरआज भी कार्यरत हैं।श्री लक्ष्मीनारायण मन्दिर, जैन मन्दिर, पार्वती मन्दिर, पेशवा काल के भवन, शिवाजी महाराज कीअश्वारूढ़ प्रतिमा पुणे के मुख्य आकर्षण केन्द्र हैं। ज्ञानेश्वरी के रचयिता सन्त ज्ञानेश्वर की समाधि (आलंदी) और सन्त तुकाराम का जन्म स्थान देहू पुणे के पास ही हैं। |