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| नागपुर के पास एक प्राचीन कस्बा है रामटेक। वनवास के समय भगवान् श्री राम ने जानकी व लक्ष्मण के साथ यहाँ कुछ दिन निवास किया था। अत: यह स्थान रामटेक कहलाता है। बस्ती के पास रामगिरेि पर्वत है। पर्वतशिखर परश्रीराम मन्दिर में राम, सीता तथा लक्ष्मण एवं भगवान वाराह की मूर्तियाँ हैं। एक पुराना किला है। जिसमें बावड़ी व मन्दिर हैं। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के द्वितीय सरसंघचालक श्री गुरूजी का यह पैतृक स्थान है। | | नागपुर के पास एक प्राचीन कस्बा है रामटेक। वनवास के समय भगवान् श्री राम ने जानकी व लक्ष्मण के साथ यहाँ कुछ दिन निवास किया था। अत: यह स्थान रामटेक कहलाता है। बस्ती के पास रामगिरेि पर्वत है। पर्वतशिखर परश्रीराम मन्दिर में राम, सीता तथा लक्ष्मण एवं भगवान वाराह की मूर्तियाँ हैं। एक पुराना किला है। जिसमें बावड़ी व मन्दिर हैं। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के द्वितीय सरसंघचालक श्री गुरूजी का यह पैतृक स्थान है। |
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− | अटवर्ती
| + | === अमरावती === |
| + | अमरावती महाराष्ट्र का एक सुन्दर नगर है। इसे देवताओं की नगरी माना जाता है,अत: इसे अमरावती नाम दिया गया है। एक छोटी सी नदी के तटपर यह नगरी बसी है। नदी के तट पर वीरा देवी का सुन्दर मन्दिर है। नदी के दूसरे तट पर अम्बा जी का मन्दिर है। इन मन्दिरों की आसपास के क्षेत्र में बहुत मान्यता है। पास के गाँव में नीललोहित महादेव का मन्दिर है। यहाँ करंज ऋषि भगवती की तपस्या कर रोगमुक्त हुए थे। |
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− | अमरावती महाराष्ट्र का एक सुन्दर नगर है। इसे देवताओं की नगरी
| + | === नागपुर === |
− | | + | नागपुर प्रसिद्ध भोंसले शासकों की राजधानी रहा है। स्वतंत्रता आन्दोलन के दौरान डा. बालकृष्ण मुंजे, वीर सावरकर, लोकमान्य तिलक और गोपाल कृष्ण गोखले का कार्य-क्षेत्र बनने का श्रेय भी इस नगर को हुआ। सन् १९२५ (विजया दशमी सं. १९८२ वि) में यहीं पर संघ कार्य का श्रीगणेश हुआ।भोंसले राजाओं का सीतावड़ीं नामक किला तथा डॉक्टर हेडगेवार और श्रीगुरुजी की समाधियाँ यहाँ के प्रमुख स्थान हैं। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का केन्द्रीय कार्यालय (मुख्यालय) भी यहीं है। |
− | माना जाता है,अत: इसे अमरावती नाम दिया गया है। एक छोटी सी नदी
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− | के तटपर यह नगरी बसी है। नदी के तट पर वीरा देवी का सुन्दर मन्दिर
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− | है। नदी के दूसरे तट पर अम्बा जी का मन्दिर है। इन मन्दिरों की
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− | आसपास के क्षेत्र में बहुत मान्यता है। पास के गाँव में नीललोहित महादेव
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− | का मन्दिर है। यहाँ करंज ऋषि भगवती की तपस्या कर रोगमुक्त हुए थे।
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− | बागपुर
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− | नागपुर प्रसिद्ध भोंसले शासकों की राजधानी रहा है। स्वतंत्रता | |
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− | आन्दोलन के दौरान डा. बालकृष्ण मुंजे, वीर सावरकर, लोकमान्य तिलक | |
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− | और गोपाल कृष्ण गोखले का कार्य-क्षेत्र बनने का श्रेय भी इस नगर को | |
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− | हुआ। सन् 1925 (विजया दशमी सं. 1982 वि)में यहीं पर संघ कार्य का | |
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− | श्रीगणेश हुआ।भोंसले राजाओं का सीतावड़ीं नामक किला तथा डॉक्टर | |
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− | हेडगेवार और श्रीगुरुजी की समाधियाँ यहाँ के प्रमुख स्थान हैं। राष्ट्रीय | |
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− | स्वयंसेवक संघ का केन्द्रीय कार्यालय (मुख्यालय) भी यहीं है। | |
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| ==References== | | ==References== |