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=== मानसिकता ===
 
=== मानसिकता ===
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१. हम अपने आपको आर्य मानते थे । आर्य का अर्थ है संस्कारों में श्रेष्ठ । जो प्रजा भौतिक स्तर से ऊपर उठकर उन्नत जीवन जीती है वह आर्य है । हम स्वयं तो आर्य थे ही, हम विश्व को भी आर्य बनाना चाहते थे । इसलिए हम हमेशा कहते थे, कृण्व॑ततों विश्वमार्यम्‌' अर्थात सम्पूर्ण विश्व को भी हम आर्य बनायें ।
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१. हम अपने आपको आर्य मानते थे । आर्य का अर्थ है संस्कारों में श्रेष्ठ । जो प्रजा भौतिक स्तर से ऊपर उठकर उन्नत जीवन जीती है वह आर्य है । हम स्वयं तो आर्य थे ही, हम विश्व को भी आर्य बनाना चाहते थे । अतः हम हमेशा कहते थे, कृण्व॑ततों विश्वमार्यम्‌' अर्थात सम्पूर्ण विश्व को भी हम आर्य बनायें ।
    
२. परन्तु ब्रिटिश काल में हमारी आर्यभावना को ग्रहण लग गया । ब्रिटीशों ने अत्याचार, लूट और शिक्षा के माध्यम से हमें उनके अधीन कर दिया और हम आर्य प्रजा हीनताबोध से ग्रस्त हो गए । उसमें भी शिक्षा ही मुख्य साधन था । अत्याचारों का तो हम प्रतिकार कर लेते परन्तु शिक्षा के द्वारा बदला हुआ मानस आज भी हमें गुलामी से मुक्त नहीं होने देता है ।
 
२. परन्तु ब्रिटिश काल में हमारी आर्यभावना को ग्रहण लग गया । ब्रिटीशों ने अत्याचार, लूट और शिक्षा के माध्यम से हमें उनके अधीन कर दिया और हम आर्य प्रजा हीनताबोध से ग्रस्त हो गए । उसमें भी शिक्षा ही मुख्य साधन था । अत्याचारों का तो हम प्रतिकार कर लेते परन्तु शिक्षा के द्वारा बदला हुआ मानस आज भी हमें गुलामी से मुक्त नहीं होने देता है ।
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१८. उसी प्रकार डाइनिंग टेबल पर बैठकर भोजन करना प्रगति की निशानी मानी जाती है । पैसे वाले के घर में डाइनिंग टैबल न हो इसकी कल्पना भी नहीं की जा सकती है । अब तो लोग नीचे बैठ भी नहीं सकते । लोग घुटनों के दर्द का कारण बताते हैं परन्तु घुटनों का दर्द कारण नहीं परिणाम है ।
 
१८. उसी प्रकार डाइनिंग टेबल पर बैठकर भोजन करना प्रगति की निशानी मानी जाती है । पैसे वाले के घर में डाइनिंग टैबल न हो इसकी कल्पना भी नहीं की जा सकती है । अब तो लोग नीचे बैठ भी नहीं सकते । लोग घुटनों के दर्द का कारण बताते हैं परन्तु घुटनों का दर्द कारण नहीं परिणाम है ।
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१९. बच्चों ने जन्म से ही नीचे बैठना सीखा ही नहीं होता है । उन्होंने किसीको नीचे बैठे हुए देखा ही नहीं होता है इसलिए पालथी क्या होती है यह वे जानते ही नहीं हैं । घुटने चलते चलते भूमि पर बैठ तो जाते ही हैं परन्तु बहुत जल्दी यह आदत भूल जाते हैं और पालथी लगाकर बैठना होता है इसकी कल्पना भी नहीं कर सकते ।
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१९. बच्चों ने जन्म से ही नीचे बैठना सीखा ही नहीं होता है । उन्होंने किसीको नीचे बैठे हुए देखा ही नहीं होता है अतः पालथी क्या होती है यह वे जानते ही नहीं हैं । घुटने चलते चलते भूमि पर बैठ तो जाते ही हैं परन्तु बहुत जल्दी यह आदत भूल जाते हैं और पालथी लगाकर बैठना होता है इसकी कल्पना भी नहीं कर सकते ।
    
२०. कार्यालयों में काम करने के लिए नीचे बैठना होता है ऐसी कोई कल्पना भी नहीं कर सकता है । लिखना, संगणक पर काम करना, बैठक करना आदि काम टेबल कुर्सी के बिना नहीं हो सकते । उसी प्रकार विद्यालयों में बेंच और डेस्क तथा टेबल और कुर्सी अनिवार्य माने जाते हैं । छोटे बच्चों के प्लेस्कूल में भी टेबल और कुर्सी प्रगति की निशानी मानी जाती है ।
 
२०. कार्यालयों में काम करने के लिए नीचे बैठना होता है ऐसी कोई कल्पना भी नहीं कर सकता है । लिखना, संगणक पर काम करना, बैठक करना आदि काम टेबल कुर्सी के बिना नहीं हो सकते । उसी प्रकार विद्यालयों में बेंच और डेस्क तथा टेबल और कुर्सी अनिवार्य माने जाते हैं । छोटे बच्चों के प्लेस्कूल में भी टेबल और कुर्सी प्रगति की निशानी मानी जाती है ।
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२७. केवल विषय ही नहीं तो माध्यम भी अंग्रेजी भाषा का हो इसका आग्रह बढ़ रहा है। गलियों में अंग्रेजी माध्यम के विद्यालय आरम्भ हो रहे हैं । प्रादेशिक भाषा के विद्यालय बन्द हो रहे हैं । पढेलिखे लोगों को अंग्रेजी इतनी अनिवार्य लगती है कि वे किसी भी प्रकार का तर्क सुनने के लिए तैयार ही नहीं है ।
 
२७. केवल विषय ही नहीं तो माध्यम भी अंग्रेजी भाषा का हो इसका आग्रह बढ़ रहा है। गलियों में अंग्रेजी माध्यम के विद्यालय आरम्भ हो रहे हैं । प्रादेशिक भाषा के विद्यालय बन्द हो रहे हैं । पढेलिखे लोगों को अंग्रेजी इतनी अनिवार्य लगती है कि वे किसी भी प्रकार का तर्क सुनने के लिए तैयार ही नहीं है ।
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२८. प्राथमिक विद्यालयों से ही ऐसी मान्यता प्रचलित की जाती है कि गणित और विज्ञान जैसे विषय तो अंग्रेजी में ही पढे जाते हैं । इसलिए एक सेमी अंग्रेजी कि पद्धति चली है जिसमें ये दो विषय अंग्रेजी में पढ़ाये जाते हैं और शेष विषय प्रादेशिक भाषा में । इन शेष विषयों का शिक्षा की दृष्टि से भी कोई मूल्य नहीं होता ।
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२८. प्राथमिक विद्यालयों से ही ऐसी मान्यता प्रचलित की जाती है कि गणित और विज्ञान जैसे विषय तो अंग्रेजी में ही पढे जाते हैं । अतः एक सेमी अंग्रेजी कि पद्धति चली है जिसमें ये दो विषय अंग्रेजी में पढ़ाये जाते हैं और शेष विषय प्रादेशिक भाषा में । इन शेष विषयों का शिक्षा की दृष्टि से भी कोई मूल्य नहीं होता ।
    
२९. कहीं सरकारी दफ्तर में जाओ और प्रादेशिक भाषा में बात करो तो अपनी स्वाभाविक उदासीनता से बाबू कोई उत्तर ही नहीं देता या काम नहीं करता परन्तु यदि अंग्रेजी में बात करो तो तुरन्त प्रभाव होता है । अंग्रेजी ठीक से आती हो या न हो अंग्रेजी सम्मान करने योग्य भाषा है ।
 
२९. कहीं सरकारी दफ्तर में जाओ और प्रादेशिक भाषा में बात करो तो अपनी स्वाभाविक उदासीनता से बाबू कोई उत्तर ही नहीं देता या काम नहीं करता परन्तु यदि अंग्रेजी में बात करो तो तुरन्त प्रभाव होता है । अंग्रेजी ठीक से आती हो या न हो अंग्रेजी सम्मान करने योग्य भाषा है ।
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३७. जो मातृभाषा के आदर के लिए मातृभाषा में ही व्यवहार करते हैं वे भी बताना नहीं चूकते कि उन्हें अँग्रेजी नहीं आती है ऐसा नहीं है । हर बार अँग्रेजी आती है यह तो बताना ही पड़ता है । इसे सिद्ध करने के लिए अँग्रेजी बोलकर भी दिखाते हैं । इससे तो अँग्रेजी सीधे सीधे बोलना अधिक अच्छा है ।
 
३७. जो मातृभाषा के आदर के लिए मातृभाषा में ही व्यवहार करते हैं वे भी बताना नहीं चूकते कि उन्हें अँग्रेजी नहीं आती है ऐसा नहीं है । हर बार अँग्रेजी आती है यह तो बताना ही पड़ता है । इसे सिद्ध करने के लिए अँग्रेजी बोलकर भी दिखाते हैं । इससे तो अँग्रेजी सीधे सीधे बोलना अधिक अच्छा है ।
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३८. जो लोग मातृभाषा का आग्रह रखते हैं वे भी कहते रहते हैं कि हमें अँग्रेजी से दुश्मनी नहीं है, अँग्रेजी भी अच्छी भाषा है, कोई भी भाषा अपने आपमें बुरी नहीं होती इसलिए अँग्रेजी माध्यम नहीं चाहिए, अँग्रेजी भाषा तो अच्छी तरह सिखनी ही चाहिए । किसी न किसी प्रकार अँग्रेजी का महत्त्व तो स्वीकार करना पड़ता है ।
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३८. जो लोग मातृभाषा का आग्रह रखते हैं वे भी कहते रहते हैं कि हमें अँग्रेजी से दुश्मनी नहीं है, अँग्रेजी भी अच्छी भाषा है, कोई भी भाषा अपने आपमें बुरी नहीं होती अतः अँग्रेजी माध्यम नहीं चाहिए, अँग्रेजी भाषा तो अच्छी तरह सिखनी ही चाहिए । किसी न किसी प्रकार अँग्रेजी का महत्त्व तो स्वीकार करना पड़ता है ।
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३९. सिनेमा के क्षेत्र में हॉलीवुड का महत्त्व बॉलीवुड कि अपेक्षा अधिक है । वहाँ कला कि गुणवत्ता बॉलीवुड से अधिक है इसलिए ही केवल ऐसा नहीं है । वह हॉलीवुड है यह एक कारण है और वहाँ पैसे अधिक हैं यह दूसरा कारण है । पैसे कुछ कम भी हों तो भी हॉलीवुड का महत्त्व हॉलीवुड है इसीलिए अधिक है ।
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३९. सिनेमा के क्षेत्र में हॉलीवुड का महत्त्व बॉलीवुड कि अपेक्षा अधिक है । वहाँ कला कि गुणवत्ता बॉलीवुड से अधिक है अतः ही केवल ऐसा नहीं है । वह हॉलीवुड है यह एक कारण है और वहाँ पैसे अधिक हैं यह दूसरा कारण है । पैसे कुछ कम भी हों तो भी हॉलीवुड का महत्त्व हॉलीवुड है इसीलिए अधिक है ।
    
४०. योग को जब पाश्चात्य जगत में मान्यता प्राप्त हुई तब हम कहने लगे कि अब तो पश्चिम भी योग का स्वीकार करने लगा अर्थात योग का महत्त्व अब सिद्ध हुआ । भारतीय विद्याओं को पश्चिम का ठप्पा लगाना आवश्यक होता है ।
 
४०. योग को जब पाश्चात्य जगत में मान्यता प्राप्त हुई तब हम कहने लगे कि अब तो पश्चिम भी योग का स्वीकार करने लगा अर्थात योग का महत्त्व अब सिद्ध हुआ । भारतीय विद्याओं को पश्चिम का ठप्पा लगाना आवश्यक होता है ।

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