ईसाईयत का प्रारम्भ लगभग २००० वर्ष पूर्व और इस्लाम का प्रारंभ लगभग १४०० वर्ष पूर्व हुआ था।
ईसाईयत का प्रारम्भ लगभग २००० वर्ष पूर्व और इस्लाम का प्रारंभ लगभग १४०० वर्ष पूर्व हुआ था।
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एक और भी नया रिलिजन या मजहब है। वह है कम्युनिज्म। कम्युनिज्म के इस तत्व को कि मनुष्य मेहनत करे, संपत्ति निर्माण करे और सम्पत्ति सरकार की या अन्य किसी की हो, कोई स्वीकार नहीं कर सकता। इसलिए कम्युनिज्म अपने ही आत्मविरोध के कारण नष्ट होने की दिशा में बढ़ रहा है। हाँ ! इसका नया रूप धीरे धीरे फिर पनपने लगा है। नव-सोशलिज्म के नाम से यह चल रहा है। इसका उद्देश्य वर्तमान में जो भी व्यवस्थाएँ हैं उन्हें तोड़ना है। नया कोई विकल्प निर्माण करने का कोई विचार इसमें नहीं है।
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एक और भी नया रिलिजन या मजहब है। वह है कम्युनिज्म। कम्युनिज्म के इस तत्व को कि मनुष्य मेहनत करे, संपत्ति निर्माण करे और सम्पत्ति सरकार की या अन्य किसी की हो, कोई स्वीकार नहीं कर सकता। अतः कम्युनिज्म अपने ही आत्मविरोध के कारण नष्ट होने की दिशा में बढ़ रहा है। हाँ ! इसका नया रूप धीरे धीरे फिर पनपने लगा है। नव-सोशलिज्म के नाम से यह चल रहा है। इसका उद्देश्य वर्तमान में जो भी व्यवस्थाएँ हैं उन्हें तोड़ना है। नया कोई विकल्प निर्माण करने का कोई विचार इसमें नहीं है।
वर्तमान में जो सबसे प्रभावी रिलिजन या मजहब हैं ईसाई और इस्लाम हैं उन पर कुछ विचार:
वर्तमान में जो सबसे प्रभावी रिलिजन या मजहब हैं ईसाई और इस्लाम हैं उन पर कुछ विचार: