२२. काम करने में आनन्द नहीं इसलिये मनोरंजन के और क्षेत्र खोजे जाते हैं । मनोरंजन के लिये काम से छुट्टी चाहिये इसलिये छुट्टी की पैरवी होती है । काम और मनोरंजन अलग हैं इसलिये सप्ताह में एक दिन तो छुट्टी चाहिये ही, फिर दो दिन चाहिये । फिर छुट्टियों का भी एक तन्त्र निर्माण होता है, अन्य आवश्यकताओं के लिये छुट्टियों का प्रावधान होता है, फिर आवश्यकता है इसलिये छुट्टी नहीं अपितु नियमानुसार छुट्टी मिलती है इसलिये छुट्टी लेना ऐसा सर्वमान्य प्रचलन हो जाता है । | २२. काम करने में आनन्द नहीं इसलिये मनोरंजन के और क्षेत्र खोजे जाते हैं । मनोरंजन के लिये काम से छुट्टी चाहिये इसलिये छुट्टी की पैरवी होती है । काम और मनोरंजन अलग हैं इसलिये सप्ताह में एक दिन तो छुट्टी चाहिये ही, फिर दो दिन चाहिये । फिर छुट्टियों का भी एक तन्त्र निर्माण होता है, अन्य आवश्यकताओं के लिये छुट्टियों का प्रावधान होता है, फिर आवश्यकता है इसलिये छुट्टी नहीं अपितु नियमानुसार छुट्टी मिलती है इसलिये छुट्टी लेना ऐसा सर्वमान्य प्रचलन हो जाता है । |