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इस ग्राम का आर्थिक आधार कृषि और गोरक्षा है - आप अपना खाना उगाओं और खाओं (खरीदो-बेचों नहीं), कपडा उगाओ, गाय से दूध प्राप्त करो, इस तरह पूरे समाज की आर्थिक आवश्यकतायें आपस में मिल-बाँट कर पूर्ण होती है - किसान उत्पादन का एक भाग गुरुकुल को भी देता है, और कपड़ा बनानेवालों को भी ।
 
इस ग्राम का आर्थिक आधार कृषि और गोरक्षा है - आप अपना खाना उगाओं और खाओं (खरीदो-बेचों नहीं), कपडा उगाओ, गाय से दूध प्राप्त करो, इस तरह पूरे समाज की आर्थिक आवश्यकतायें आपस में मिल-बाँट कर पूर्ण होती है - किसान उत्पादन का एक भाग गुरुकुल को भी देता है, और कपड़ा बनानेवालों को भी ।
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हमारा दृढ़ विश्वास है कि जो व्यवस्था भगवान श्रीकृष्णने वर्णाश्रिम के नाम से स्थापित की है वही सटीक है और उसमें कोईभी फेरबदल करने से बरबादी ही होगी । इसलिये इस ग्राम में हम पूरी तरह से आधुनिकता को हटाने के लिये प्रतिज्ञाबद्ध है । यह थोड़ा कठिन तो जरूर है किन्तु कृष्णकृपा से हम काफी हद तक इसमें सफल हो रहे है । हम बिजली का उपयोग नहीं करते, ज्योति के लिये तेल के
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हमारा दृढ़ विश्वास है कि जो व्यवस्था भगवान श्रीकृष्णने वर्णाश्रिम के नाम से स्थापित की है वही सटीक है और उसमें कोईभी फेरबदल करने से बरबादी ही होगी । इसलिये इस ग्राम में हम पूरी तरह से आधुनिकता को हटाने के लिये प्रतिज्ञाबद्ध है । यह थोड़ा कठिन तो अवश्य है किन्तु कृष्णकृपा से हम काफी हद तक इसमें सफल हो रहे है । हम बिजली का उपयोग नहीं करते, ज्योति के लिये तेल के
    
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