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बेताल  ने विक्रम को कहानी सुनने के बाद एक प्रसन पूछा  की परमज्ञानी साधू का आशीर्वाद सत्य क्यों नही हुआ क्या उस साधू को  वरदान देने की सिद्धि नही प्राप्त थी क्या ?अगर तुमने इस प्रश्न का उत्तर जानते हुई भी उत्तर नही दिया तो तुम्हारे सर के सौ टुकड़े होकर तुम्हारे कदमों में गिर जायेंगे |
 
बेताल  ने विक्रम को कहानी सुनने के बाद एक प्रसन पूछा  की परमज्ञानी साधू का आशीर्वाद सत्य क्यों नही हुआ क्या उस साधू को  वरदान देने की सिद्धि नही प्राप्त थी क्या ?अगर तुमने इस प्रश्न का उत्तर जानते हुई भी उत्तर नही दिया तो तुम्हारे सर के सौ टुकड़े होकर तुम्हारे कदमों में गिर जायेंगे |
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विक्रम ने उत्तर दिया की दानी व्यक्ति निस्वार्थ भाव से आशीर्वाद नही माँगा इस लिए साधू का आशीर्वाद असफल हो गया |
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विक्रम ने उत्तर दिया की दानी व्यक्ति निस्वार्थ भाव से आशीर्वाद नही माँगा इस लिए साधू का आशीर्वाद असफल हो गया | अगर दानी व्यक्ति ने एसा आशीर्वाद माँगा होता की समाज में किसी को भी दान लेने की आवशकता ही ना पड़े और कोई गरीब ही ना रहे एसा आशीर्वाद मांगता तो इसे नीरस्वार्थी का रंग दिया जाता | इस लिए साधू का आशीर्वाद आसफल हो गया |
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