३८. इस दृष्टि से हमें मानसिक और बौद्धिक स्तर पर उपाय करने होंगे । अपने आपको बदलने का पुरुषार्थ करना होगा । ज्ञानसाधना करनी होगी । आगामी अध्यायों में इसी विषय की चर्चा होगी । | ३८. इस दृष्टि से हमें मानसिक और बौद्धिक स्तर पर उपाय करने होंगे । अपने आपको बदलने का पुरुषार्थ करना होगा । ज्ञानसाधना करनी होगी । आगामी अध्यायों में इसी विषय की चर्चा होगी । |