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भारतीय संस्कृति वेदों, उपनिषदों व पुराणों से समृद्ध है । हमारी इस धार्मिक संस्कृति में सभी देव-देवियाँ अपने अनेक विविध आयुध धारण करते हैं । प्रत्येक देव व देवी की आराधना करने के लिए अपने धर्म शास्त्रों में विविध मास बताये गये हैं ।
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धार्मिक संस्कृति वेदों, उपनिषदों व पुराणों से समृद्ध है । हमारी इस धार्मिक संस्कृति में सभी देव-देवियाँ अपने अनेक विविध आयुध धारण करते हैं । प्रत्येक देव व देवी की आराधना करने के लिए अपने धर्म शास्त्रों में विविध मास बताये गये हैं ।
(अ) भगवान शंकर एवं श्रीकृष्ण की आराधना का श्रावण मास ।
(अ) भगवान शंकर एवं श्रीकृष्ण की आराधना का श्रावण मास ।
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=== कुछ विचारणीय बिन्दु ===
=== कुछ विचारणीय बिन्दु ===
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. पाश्चात्य शिक्षा से प्रभावित-शिक्षित वर्ग आज भी भारतीय ज्ञान को अवैज्ञानिक और अन्धविश्वास से भरा मानकर उसे नकारता है ।
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. पाश्चात्य शिक्षा से प्रभावित-शिक्षित वर्ग आज भी धार्मिक ज्ञान को अवैज्ञानिक और अन्धविश्वास से भरा मानकर उसे नकारता है ।
. हमारे देश में जीवन से जुड़ी प्रत्येक बात को धर्म व अध्यात्म से जोड़कर कहा गया है । धर्म एवं विज्ञान में विरोधाभास नहीं है । फिर भी आज धार्मिक बातों को विज्ञान सम्मत नहीं माना जाता है ।
. हमारे देश में जीवन से जुड़ी प्रत्येक बात को धर्म व अध्यात्म से जोड़कर कहा गया है । धर्म एवं विज्ञान में विरोधाभास नहीं है । फिर भी आज धार्मिक बातों को विज्ञान सम्मत नहीं माना जाता है ।
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. उपर्युक्त लेख “शंख विज्ञान' भी एसा ही विषय है । आप इसे किस दृष्टि से देखेंगे, यह आप पर निर्भर है ।
. उपर्युक्त लेख “शंख विज्ञान' भी एसा ही विषय है । आप इसे किस दृष्टि से देखेंगे, यह आप पर निर्भर है ।
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. हमारा सुधी पाठकों से विनम्र निवेदन है कि यदि आपकी भारतीय संस्कृति, भारतीय शास्त्रों एवं भारतीय चिकित्सा पद्धति में श्रद्धा और विश्वास है तो इस लेख को आयुर्वेद से जुड़े लोगों को पढ़ायें तथा उन्हें शंख विज्ञान' पर अध्ययन - अनुसंधान करने के लिए प्रेरित करें । यही कृतिशील देशभक्ति है ।
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. हमारा सुधी पाठकों से विनम्र निवेदन है कि यदि आपकी धार्मिक संस्कृति, धार्मिक शास्त्रों एवं धार्मिक चिकित्सा पद्धति में श्रद्धा और विश्वास है तो इस लेख को आयुर्वेद से जुड़े लोगों को पढ़ायें तथा उन्हें शंख विज्ञान' पर अध्ययन - अनुसंधान करने के लिए प्रेरित करें । यही कृतिशील देशभक्ति है ।