विश्व पर आधिपत्य स्थापित करने की आकांक्षा से ग्रस्त होकर अमेरिका राष्ट्रों के साथ व्यवहार कर रहा है। पाँच सो वर्ष पूर्व से यूरोप ने अपना साम्राज्य स्थापित करने का प्रयास शुरू किया था उसका ही यह नवीन संस्करण है। उस समय यूरोप था, आज अमेरिका है। देशों के नाम भले ही बदलें हों, प्रजा वही है। विगत पाँच सौ वर्षों में यूरोप के अन्यान्य देशों ने पूर्व अपरिचित अमेरिका में अपने उपनिवेश स्थापित किये, अठारहवीं शातब्दी के उत्तरार्ध में ये सारे उपनिवेश अपने मूल देशों से स्वतन्त्र होकर अमेरिकन देश बन गये और अपने आपको यूरोपीय नहीं अपितु अमेरिकन कहने लगे। अमेरिकन बनकर अब वे वही कर रहे हैं जो वे यूरोपीय थे तब कर रहे थे । | विश्व पर आधिपत्य स्थापित करने की आकांक्षा से ग्रस्त होकर अमेरिका राष्ट्रों के साथ व्यवहार कर रहा है। पाँच सो वर्ष पूर्व से यूरोप ने अपना साम्राज्य स्थापित करने का प्रयास शुरू किया था उसका ही यह नवीन संस्करण है। उस समय यूरोप था, आज अमेरिका है। देशों के नाम भले ही बदलें हों, प्रजा वही है। विगत पाँच सौ वर्षों में यूरोप के अन्यान्य देशों ने पूर्व अपरिचित अमेरिका में अपने उपनिवेश स्थापित किये, अठारहवीं शातब्दी के उत्तरार्ध में ये सारे उपनिवेश अपने मूल देशों से स्वतन्त्र होकर अमेरिकन देश बन गये और अपने आपको यूरोपीय नहीं अपितु अमेरिकन कहने लगे। अमेरिकन बनकर अब वे वही कर रहे हैं जो वे यूरोपीय थे तब कर रहे थे । |