जो लोग भौतिक दृष्टि से ही जीवन और जगत को देखते हैं वे इस प्रकार की समानता की कल्पना करते हैं। उनके लिये सारा मापन यान्त्रिक हो जाता है। अन्तःकरण की प्रवृत्तियाँ उनके लिये कोई मायने नहीं रखती। | जो लोग भौतिक दृष्टि से ही जीवन और जगत को देखते हैं वे इस प्रकार की समानता की कल्पना करते हैं। उनके लिये सारा मापन यान्त्रिक हो जाता है। अन्तःकरण की प्रवृत्तियाँ उनके लिये कोई मायने नहीं रखती। |