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| | विद्या + आलय संधि से विद्यालय शब्द बनता है । आलय का अर्थ घर । ज्ञान का विद्या का घर अर्थात् स्थान विद्यालय कहलाता है । | | विद्या + आलय संधि से विद्यालय शब्द बनता है । आलय का अर्थ घर । ज्ञान का विद्या का घर अर्थात् स्थान विद्यालय कहलाता है । |
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| − | A 07 CGC MM LF K ww w
| + | जहाँ ज्ञान की प्रतिष्ठा हो, ज्ञान की पतरित्रता को जानते हुए सभी व्यवहार हो, तेजस्वी, मेधावि, जिज्ञासु एवं विनयशील छात्र हो वास्तव मे वहीं गौरवशाली एवं प्रतिष्ठित विद्यालय होता है । |
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| − | विद्यालय की प्रतिष्ठा
| + | ==== विमर्श ==== |
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| − | १९३
| + | ==== विद्यालय साधनास्थली है ==== |
| | + | विद्यालय शिक्षक एवं छात्रो की साधनास्थली है । तपस्थली है । अतः वह पवित्र स्थान है । जहाँ छात्र का शारीरिक, मानसिक, प्राणिक, बौद्धिक एवं आत्मिक विकास होता है वह गौरवप्राप्त विद्यालय होता है । पर्यावरण, स्वच्छता, अन्याय का प्रतिकार करना इस प्रकार समाज को सुल्यवस्थित रखनेवाले सामाजिक एवं सांस्कृतिक कार्यों में जिसका सक्रीय सहयोग हो वह प्रतिष्ठित विद्यालय है । विद्यालय सामाजिक चेतना का केन्द्र है इसलिए समाज को मार्गदर्शन करना उसका दायित्व बनता है । हिन्दुत्व का दूष्टीकोन एवं हिन्दुत्वनिष्ठ व्यवहार का आग्रह रखनेवाला विद्यालय प्रतिष्ठा प्राप्त होता है । |
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| − | जहाँ ज्ञान की प्रतिष्ठा हो, ज्ञान की पतरित्रता को
| + | परंतु आज हमारी भ्रमित सोच एवं शिक्षा के व्यवसायीकरण से प्रतिष्ठा के मापदंड उल्टे पड़े दिखाई देते है । अंग्रेजी माध्यम, सी.बी.एस.सी., इ.सी.एस.ई बोर्ड के मान्यता प्राप्त विद्यालय क्रमशः समाज मे प्रतिष्ठित बने है । प्रतिष्ठित होने के नाते प्रवेश अधिक अतः छात्रसंख्या अधिक यह भी प्रतिष्ठा का लक्षण माना जाता है । प्रतिष्ठा प्राप्त है तो लाखों रुपया शुल्क लेना प्रतिष्ठा बन गई है । बडा, भव्य एवं वातानुकुलित कॉम्प्यूटराइड विद्यालय प्रतिष्ठा के मापदृण्ड बने है । अनेक प्रतियोगिताओं में सहभागी होना एवं उसमे प्रथम क्रमांक प्राप्त करने हेतु अनुचित मार्ग अपनाना यह बात स्वाभाविक लगती है । ऐसी अनिष्ट बातों को हटाकर ज्ञान की प्रतिष्ठा हो वह विद्यालय प्रतिष्ठा प्राप्त होगा यह समझ विकसित करना भारतीय शिक्षा का व्यावहारिक आयाम है । |
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| − | जानते हुए सभी व्यवहार हो, तेजस्वी, मेधावि, जिज्ञासु एवं
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| − | विनयशील छात्र हो वास्तव मे वहीं गौरवशाली एवं
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| − | प्रतिष्ठित विद्यालय होता है ।
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| − | विद्यालय शिक्षक एवं छात्रो की साधनास्थली है ।
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| − | तपस्थली है । अतः वह पवित्र स्थान है । जहाँ छात्र का
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| − | शारीरिक, मानसिक, प्राणिक, बौद्धिक एवं आत्मिक विकास
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| − | होता है वह गौरवप्राप्त विद्यालय होता है । पर्यावरण,
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| − | स्वच्छता, अन्याय का प्रतिकार करना इस प्रकार समाज को
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| − | सुल्यवस्थित रखनेवाले सामाजिक एवं सांस्कृतिक कार्यों में
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| − | जिसका सक्रीय सहयोग हो वह प्रतिष्ठित विद्यालय है ।
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| − | विद्यालय सामाजिक चेतना का केन्द्र है इसलिए समाज को
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| − | मार्गदर्शन करना उसका दायित्व बनता है । हिन्दुत्व का
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| − | दूष्टीकोन एवं हिन्दुत्वनिष्ठ व्यवहार का आग्रह रखनेवाला
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| − | परंतु आज हमारी भ्रमित सोच एवं शिक्षा के | |
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| − | व्यवसायीकरण से प्रतिष्ठा के मापदंड उल्टे पड़े दिखाई देते | |
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| − | है । अंग्रेजी माध्यम, सी.बी.एस.सी., इ.सी.एस.ई बोर्ड के | |
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| − | मान्यता प्राप्त विद्यालय क्रमशः समाज मे प्रतिष्ठित बने है । | |
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| − | प्रतिष्ठित होने के नाते प्रवेश अधिक अतः छात्रसंख्या | |
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| − | अधिक यह भी प्रतिष्ठा का लक्षण माना जाता है । प्रतिष्ठा | |
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| − | प्राप्त है तो लाखों रुपया शुल्क लेना प्रतिष्ठा बन गई है । | |
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| − | बडा, भव्य एवं वातानुकुलित कॉम्प्यूटराइड विद्यालय प्रतिष्ठा | |
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| − | के मापदृण्ड बने है । अनेक प्रतियोगिताओं में सहभागी होना | |
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| − | एवं उसमे प्रथम क्रमांक प्राप्त करने हेतु अनुचित मार्ग | |
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| − | बातों को हटाकर ज्ञान की प्रतिष्ठा हो वह विद्यालय प्रतिष्ठा | |
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| − | व्यावहारिक आयाम है । | |
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