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| विद्यालय के सांस्कृतिक स्वरूप की संकल्पना को ही प्रथम सुसंस्कृत बनाने की आवश्यकता है । मनोयोग से __इन बातों का चिन्तन करने से यह किया जा सकता है, __ सतही बातचीत या विचार से यह नहीं होता है । | | विद्यालय के सांस्कृतिक स्वरूप की संकल्पना को ही प्रथम सुसंस्कृत बनाने की आवश्यकता है । मनोयोग से __इन बातों का चिन्तन करने से यह किया जा सकता है, __ सतही बातचीत या विचार से यह नहीं होता है । |
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− | ............. page-204 ............. | + | === विद्यालय की प्रतिष्ठा === |
| + | '''१. विद्यालय की प्रतिष्ठा का क्या अर्थ है ?''' |
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− | (ट्रि) योजना करना यही विचार प्रधान
| + | '''२. विद्यालय की प्रतिष्ठा का निम्नलिखित बातों के साथ क्या सम्बन्ध है ?''' |
| + | # परीक्षा परिणाम |
| + | # सर्वांगीण व्यक्तित्व विकास |
| + | # अन्यान्य कार्यक्रम एवं कार्य |
| + | # प्रतियोगिताओं में अग्रक्रम |
| + | # सामाजिक, सांस्कृतिक कार्यों में सहभाग |
| + | # समाज को मार्गदर्शन |
| + | # हिन्दुत्व का दृष्टिकोण |
| + | # हिन्दुत्वनिष्ठ व्यवहार का आग्रह |
| + | # संख्या, भवन, शुल्क, सुविधायें |
| + | # अंग्रेजी माध्यम |
| + | '''३. उपर्युक्त सूची में किन बातों का आग्रह उपयुक्त है और किन बातों का अनुपयुक्त ?''' |
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− | मानकर प्रश्नावली के उत्तर लिखे गये । भ्रमण के लिए
| + | '''४. विद्यालय की प्रतिष्ठा एवं विद्यालय के लक्ष्य में कितना सम्बन्ध होना चाहिये ? सम्बन्ध न होने से क्या क्या उपाय करने चाहिये ?''' |
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− | अच्छे स्थान एवं उनके नाम बताए गये । भ्रमण समय में
| + | '''५. समसम्बन्ध न होने पर कितने समझौते करने चाहिये ?''' |
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− | कौन सी सावधानीयाँ रखना इसका भी विचार हुआ परन्तु
| + | '''६. प्रतिष्ठा के मापदण्ड किस आधार पर बनते हैं ?''' |
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− | भ्रमण के साथ शैक्षिक बातों का विचार बहुत कम TT |
| + | चार पाँच विद्यालयों को यह प्रश्नावली भेजी थी । परंतु किसी से भी उत्तर प्राप्त नहीं हुए । प्रश्न तो सरल थे । उसका शब्दार्थ और ध्वन्यार्थ भी हम समझते तो है परंतु आज शिक्षा की गाडी जो अत्यंत विपरीत पटरी पर जा रही है इसके कारण सत्य तो जानते है व्यवहार उलटा हो रहा है यह जानकर सरल प्रश्न भी उत्तर लिखने में कठीन लगते होंगे ऐसा अनुमान है । |
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− | अत्यंत विचारपूर्ण और गहराई मे विचार करने वाली
| + | ==== अभिमत : ==== |
− | | + | विद्या + आलय संधि से विद्यालय शब्द बनता है । आलय का अर्थ घर । ज्ञान का विद्या का घर अर्थात् स्थान विद्यालय कहलाता है । |
− | यह दस प्रश्नों की प्रश्नावली थी । देखना और निरीक्षण
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− | करना दोनों भी दृश्येंट्रिय से की जानेवाली क्रियाएँ हैं ।
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− | देखना आँखोंसे होता है परंतु निरीक्षण मे आँखों के साथ
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− | | |
− | मन और बुद्धी भी जुड़ते हैं । उसी प्रकार भ्रमण और शैक्षिक
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− | | |
− | भ्रमण में भी अंतर है । आज विद्यालयों में भ्रमण कार्यक्रम
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− | | |
− | का अर्थ भ्रमण इतना ही किया जाता है ।
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− | अभिमत | |
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− | भ्रमण अर्थात् घूमना । शैक्षिक भ्रमण अर्थात् कुछ
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− | | |
− | जानने समझने के लिए घूमना । उस दृष्टि से गाँव का
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− | | |
− | साप्ताहिक बाजार, मेले, प्राचीन मन्दिर, अखाड़े, प्रेक्षणीय
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− | | |
− | CIM, Wie, उद्याने, Bie, su, dane,
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− | | |
− | नदीकिनारा, समुद्रकिनारा, म्युझियम, कारखाने, गोशाला,
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− | | |
− | फसल से भरी खेती, फल के बगीचे, निसर्गरम्य स्थान,
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− | | |
− | प्रपात, गरमपानी के झरने इत्यादि प्रकार के स्थान शैक्षिक
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− | | |
− | भ्रमण के लिए होने चाहिये ।
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− | 2. जहाँ जाना वहाँ क्या, देखना, किससे
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− | | |
− | मिलना, कैसी पूछताछ करना, उसकी विस्तृत चर्चा शिक्षकों
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− | | |
− | ने विद्यार्थियों के साथ करनी चाहिये ।
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− | | |
− | ३. भ्रमण के समय अध्यापक और छात्र दोनों में
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− | | |
− | समवयस्क जैसा व्यवहार हो परंतु अनुशासन, और
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− | | |
− | आदृरभाव भी होना जरूरी है ।
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− | | |
− | ४. भ्रमण शैक्षिक होने के कारण सब विद्यार्थियों की
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− | सहभागिता अवश्य हो । क्षेत्रभेट करनेके लिए छात्रों की
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− | | |
− | टोली बने ये टोलियाँ ३-४ स्थानों पर अलग अलग जाये |
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− | दूसरे दिन सब छात्र मिलकर चर्चा में सम्मिलित हों इस
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− | | |
− | प्रकार का आयोजन करना चाहिये । भ्रमण खर्च सब कर
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− | | |
− | सके ऐसा ही हो कभी कभी खर्चिले भ्रमण मे ऐच्छिकता से
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− | | |
− | सम्मिलित होने का प्रावधान किया जाता है ऐसा न हो ।
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− | | |
− | श्८८
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− | | |
− | भारतीय शिक्षा के व्यावहारिक आयाम
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− | ऐसा भ्रमण शैक्षिक नहीं होता है, मात्र मनोरंजन को दिया
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− | गया व्यावसायिक रूप ही है ।
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− | शैक्षिक भ्रमण से इतिहास भूगोल समाजविज्ञान आदि
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− | विषयों का अध्ययन होता है । भ्रमण से पूर्व योग्य सूचनाएँ
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− | सावधानी एवं पूर्वजानकारी (स्थान संदर्भ में) और वापसी
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− | के बाद उस विषय में चर्चा लेखन प्रश्नावलियाँ तैयार करना
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− | आदि अवश्य करें ।
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− | कुंभ मेला, वेदपाठशाला आदि स्थानों में जाकर
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− | | |
− | संस्कृति परिचय होता है । सामाजिक एवं राष्ट्रीय विकास
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− | होता है । पूर्व के जमाने में संतवृन्द, शंकराचार्य पैदल यात्रा
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− | | |
− | करते थे । उन्हें देशकाल परिस्थिति का आकलन होता
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− | था । वह शैक्षिक भ्रमण था । आज वह तत्त्व ध्यान में
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− | | |
− | रखकर परिस्थिति एवं छात्रों की आयु क्षमता ध्यान में लेते
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− | | |
− | हुए योग्य परिवर्तन करके विद्यालयों ने शैक्षिक भ्रमण की
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− | | |
− | योजना बनानी चाहिये ।
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− | विमर्श
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− | शैक्षिक भ्रमण सम्बन्धी विचारणीय मुद्दे
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− | आज हमने सभी बातों को उल्टा कर दिया है । उसमें
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− | भ्रमण का भी विषय समाविष्ट है । जरा इन मुद्दों पर विचार
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− | १... शैक्षिक भ्रमण में से शैक्षिक शब्द छूट गया है, विस्मृत
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− | हो गया है । उसका कोई प्रयोजन नहीं रहा । अब
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− | केवल भ्रमण ही रह गया है जिसका उद्देश्य शैक्षिक
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− | नहीं है, मनोरंजन है, मजा करना है ।
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− | | |
− | औपचारिकता के लिये अभी भी यह शैक्षिक भ्रमण
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− | है । भ्रमण यदि शैक्षिक है तो रेलवे की ओर से ५०
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− | प्रतिशत किराया कम हो जाता है, दस विद्यार्थियों पर
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− | एक शिक्षक की निःशुल्क यात्रा होती है । इसलिये
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− | सरकारी एवं विद्यालय के कार्यालयमें और रेलवे या
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− | | |
− | अन्य यातायात के लिये यह शैक्षिक भ्रमण है,
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− | विद्यार्थियों और शिक्षकों - भ्रमण हेतु जाने वालों -
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− | के लिये यह मनोरंजन यात्रा है ।
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− | सबसे पहले यह दुविधा दूर करनी चाहिये । यह
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− | दुविधा अप्रामाणिकता है, दम्भ है, झूठ बोलकर लाभ
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− | ............. page-205 .............
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− | पर्व ३ : विद्यालय की शैक्षिक व्यवस्थाएँ
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− | लेने की वृत्ति प्रवृत्ति है। विद्यार्थियों पर इससे पहुँचे थे ।
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− | भ्रष्टाचार के संस्कार होते हैं । ०... संस्कृति विषय में बारह ज्योतिर्लिंग और चार धाम
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− | | |
− | ४. विद्यार्थियों, अभिभावकों और शिक्षकों में शैक्षिक का वर्णन आता है। वहाँ जाकर उन्हें देखने की
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− | | |
− | भ्रमण' शब्द परिचित, प्रचलित और प्रतिष्ठित करना योजना बनानी चाहिये ।
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− | चाहिये और विद्यार्थियों को शैक्षिक भ्रमण का अर्थ... *... दिल्ली का लोहस्तम्भ, अजंता की चित्रावलि, कैलास
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− | | |
− | और उद्देश्य समझाना चाहिये । मन्दिर, वाराणसी की वेधशाला के अवशेष आदि
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− | | |
− | ५... इतिहास, भूगोल, समाजशास्त्र, संस्कृति आदि विषयों भारत की कारीगरी के नमूने हैं, गौरवबिन्दु हैं । उन्हें
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− | | |
− | के साथ भ्रमण कार्यक्रम को जाड़ना चाहिये । भिन्न देखने की योजना बना सकते हैं ।
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− | | |
− | भिन्न कक्षाओं के पाठ्यक्रम के साथ उसे जोड़ना... १०. इस प्रकार विशिष्ट उद्देश्यों को लेकर भ्रमण की योजना
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− | चाहिये । कक्षा और विषय के अनुसार विभिन्न गट बनानी चाहिये । परन्तु भ्रमण हेतु जाने से पहले और
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− | | |
− | बनाने चाहिये । गट में एक साथ कम संख्या होनी आने के बाद बहुत सारी शैक्षिक गतिविधियों को
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− | | |
− | चाहिये ताकि व्यवस्था ठीक बनी रहे । भ्रमण के साथ जोड़ना आवश्यक है ।
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− | | |
− | ६... जब ठीक से प्रबोधन नहीं किया जाता है तब जहाँ. ११. भ्रमण में जाने से पूर्व स्थानों की पूरी जानकारी, यात्रा
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− | जाते हैं उस दर्शनीय स्थान के दर्शन और अवलोकन का उद्देश्य, वहाँ जाकर करने के काम, वापस आकर
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− | | |
− | तो एक और रह जाते हैं और यात्रा के दौरान का देने के वृत्त हेतु करने के कार्य की जानकारी देनी
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− | दंगा, खान पान, वेश और फैशन, फोटो सेशन, चाहिये ।
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− | | |
− | खरीदी आदि मुख्य बातें बन जाती हैं । विद्यार्थियों. १२. यात्रा के दौरान जिन आचारों का पालन करना है उस
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− | और शिक्षकों की इस मानसिकता का उपचार करने सम्बन्ध में उचित पद्धति से विद्यार्थियों का प्रबोधन
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− | | |
− | की. आवश्यकता है। शिक्षकों का. उपचार करना चाहिये । यह बात बहुत कठिन है क्योंकि
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− | शिक्षाशाख्रियों ने और विद्यार्थीयों का उपचार शिक्षकों भ्रमण के साथ विद्यार्थियों की उन्मुक्तता की वृत्ति
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− | ने करना चाहिये । जुड़ी हुई होती है । दैनन्दिन जीवन में भी उनकी
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− | ७... शैक्षिक भ्रमण देशदर्शन और संस्कृति दर्शन हेतु होता अभिमुखता शिक्षा, संस्कृति, देश आदि की atk
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− | | |
− | है, इतिहास दर्शन हेतु भी होता है । बनाना कठिन हो जाता है । सारा विद्यार्थीजगत भ्रमण
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− | | |
− | ८... अपने ही नगर का भूगोल और दर्शनीय स्थान देखने की ओर मनोरंजन की दृष्टि से देखता है तब एक
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− | | |
− | से भ्रमण कार्यक्रम की शुरुआत होती है । आगे विद्यालय के विद्यार्थियों को यात्रा के दौरान शिष्ट
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− | | |
− | चलकर अपना जिला, अपना राज्य और अपने देश व्यवहार करने को कहना कठिन ही होता है तथापि
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− | | |
− | का भ्रमण करना चाहिये । कुछ विद्यालयों के उदाहरण ऐसे भी हैं जो इस बात
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− | | |
− | 8. कुछ उदाहरण देखें... को सम्भव बनाते हैं । उनके अनुभव से हम कह
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− | | |
− | ०"... कक्षा में यदि शिवाजी महाराज का इतिहास पढ़ना है सकते हैं कि यह कार्य कठिन अवश्य होगा, असम्भव
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− | | |
− | तो दो प्रकार से भ्रमण गट बन सकते हैं । एक गट नहीं है ।
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− | | |
− | महाराष्ट्र में शिवाजी महाराज के गढ़ और किले देखने. १३. भ्रमण के दौरान लेखन पुस्तिका में अनुभव लिखकर
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− | | |
− | के लिये और दूसरा गट आगरा और दिल्ली के किले, स्मृति में रखने लायक स्थानों के छायाचित्र लेना,
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− | | |
− | जहाँ शिवाजी महाराज को औरंगजेबने कैद में रखा सम्बन्धित लोगों के साथ वार्तालाप करना, वहाँ यदि
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− | | |
− | था और मिठाई की टोकरियों में बैठकर पुत्र के साथ कोई गाइड है तो उसे प्रश्न पूछना आदि बातों में
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− | | |
− | वे कैद से भागकर वापस अपनी राजधानी रायगढ़ शिक्षकों ने विद्यार्थीयों का मार्गदर्शन और सहायता
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− | 828
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− | a4.
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− | करनी चाहिये । एक स्थान पर बार बार
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− | | |
− | जाना होता नहीं है अतः पूर्ण रूप से अनुभव लेना
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− | आवश्यक है |
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− | वापस आने के बाद अनुभव कथन और लेखन,
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− | | |
− | वृत्त-कथन और लेखन, छायाचित्रों की प्रदर्शनी
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− | आदि कार्यक्रम करने चाहिये । अपना किस विषय के
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− | साथ कैसा सम्बन्ध जुड़ा यह भी समझाना चाहिये ।
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− | | |
− | शैक्षिक भ्रमण यह क्रियात्मक शिक्षण ही है । शिक्षण
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− | | |
− | में यदि आनन्द आता है तो यह विशेष लाभ है । यह
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− | | |
− | आनन्द शैक्षिक है तो और भी लाभ है । आनन्द
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− | | |
− | जानकारी की तरह बाहर से हृदय में नहीं डाला
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− | | |
− | जाता, वह अन्दर जन्मता है और बाहर प्रकट होता
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− | | |
− | है। ऐसे आनन्द का अनुभव आता है तो भ्रमण
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− | | |
− | कार्यक्रम सार्थक हुआ यह कह सकते हैं । शिक्षकों
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− | | |
− | को इस दिशा में प्रयास करना चाहिये ।
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− | | |
− | आजकल कुछ इण्टरनेशनल विद्यालय विद्यार्थियों को
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− | | |
− | विदेश यात्रा के लिये ले जाते हैं । विदेशयात्रा यह
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− | | |
− | शैक्षिक विषय नहीं है, विद्यालय में प्रवेश हेतु
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− | | |
− | आकर्षण का इनका उदाहरण अनेकों को अनुकरण
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− | | |
− | की प्रेरणा देता है। फिर विद्यालयों में स्पर्धा होने
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− | लगती है । स्पर्धा के अनेक क्षेत्र खुल जाते हैं और
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− | | |
− | शैक्षिक उद्देश्य उपेक्षित हो जाते हैं ।
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− | | |
− | शैक्षिक भ्रमण को हम अध्ययन यात्रा का नाम भी दे
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− | | |
− | सकते हैं । देश के अनेक भूषण रूप विद्वान, वैज्ञानिक,
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− | | |
− | कारीगर, कलाकार आदि से भेंट कर उनके साथ
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− | वार्तालाप करना अध्ययन यात्रा का उद्देश्य हो सकता
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− | है । उदाहरण के लिये परम संगणक के जनक डॉ.
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− | | |
− | विजय भटकर, महान वैज्ञानिक डॉ, रघुनाथ माशेलकर,
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− | | |
− | वाराणसी के शास्त्री लक्ष्मण शास्त्री ट्रविड , प्रसिद्ध सन्त
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− | | |
− | मोरारी बापू, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प. पू.
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− | | |
− | सरसंघचालक मोहनजी भागवत, पू, रामदेव महाराज,
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− | | |
− | दक्षिण की अम्मा माता अमृतानन्द्मयी आदि अनेक
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− | महानुभाव हैं जो विद्यार्थियों के आदर्श बन सकते हैं
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− | और जिनसे मिलना विशिष्ट अनुभव हो सकता है । ये
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− | श्९०
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− | भारतीय शिक्षा के व्यावहारिक आयाम
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− | तो कुछ संकेत मात्र हैं । भारत तो ऐसे महापुरुषों की
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− | खान है ।
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− | | |
− | इसी प्रकार से अनेक सेवा प्रकल्प, निर्माण प्रकल्प,
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− | | |
− | शिक्षा प्रकल्प चलते हैं जिन की भेंट करना ज्ञान में वृद्धि
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− | | |
− | करना है ।
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− | दृष्टिकोण बदलने की आवश्यकता
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− | शैक्षिक दृष्टि से यदि विचार करने लगें तो शैक्षिक
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− | भ्रमण के विषय में हम अनेक नई बातें सोच सकते हैं ।
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− | केवल दृष्टिकोण बदलने की आवश्यकता है । शिक्षा के
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− | ठहरे हुए पानी को प्रवाहित करने से सडाँध दूर होगी और
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− | शैक्षिक गतिविधियाँ परिष्कृत होंगी ।
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− | देश में कुछ जाने और जानने योग्य स्थान
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− | g. पुनर्रचित नालन्दा विश्वविद्यालय
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− | २... पोखरण जहाँ १९९८ में अणुपरीक्षण हुआ था ।
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− | | |
− | ३... कालडी, केरल जो भगवान शंकराचार्य का जन्मस्थान
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− | | |
− | है।
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− | | |
− | ४... बासर, आन्थ्रप्रदेश का सरस्वती मन्दिर जो भगवान
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− | | |
− | वेदव्यास ट्रारा निर्मित है ।
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− | | |
− | ५... कानपुर के पास बिढूर जो झाँसी की रानी लक्ष्मीबाई
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− | | |
− | का जन्मस्थान है और जहाँ तात्या टोपे का घर है ।
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− | | |
− | ६. हम्पी, कर्नाटक जो विजयनगर साम्राज्य की राजधानी
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− | थी।
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− | ७... सम्पूर्ण बाम्बू केन्द्र, लवादा, महाराष्ट्र जहाँ बाम्बू तथा
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− | अन्य कारीगरी के गुरुकुल हैं ।
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− | ८. . बेरफूट युनिवर्सिटी, जयपुर जहाँ जिन्हें लिखना पढ़ना
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− | नहीं आता ऐसी महिलायें कम्प्यूटर का काम करती
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− | a |
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− | 8. कुरुक्षेत्र, हरियाणा जहाँ महाभारत का युद्ध हुआ था
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− | | |
− | और भगवान श्रीकृष्णने गीता का उपदेश दिया था ।
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− | | |
− | १०, नैमिषारण्य, उत्तर प्रदेश जहाँ आज से पाँच हजार वर्ष
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− | | |
− | पूर्व ८८,००० ऋषि एकत्रित हुए थे और बारह वर्ष
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− | | |
− | तक ज्ञानयज्ञ किया था ।
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− | पर्व ३ : विद्यालय की शैक्षिक व्यवस्थाएँ
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− | १४१, fader शिला स्मारक, कन्याकुमारी जहाँ बैठकर
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− | | |
− | १४. हिमालय में रोहतांग पास जहाँ से
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− | | |
− | व्यास (बियास) नदी निकलती है और जहाँ बैठकर
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− | | |
− | भगवान aq ने. गणेशजी को. महाभारत
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− | | |
− | लिखवाया था |
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− | | |
− | आदि बद्री, हरियाणा जो भारत की महान नदी
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− | सरस्वती का उद्गम स्थान है ।
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− | | |
− | 4.
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− | | |
− | विद्यालय में सांस्कृतिक गतिविधियाँ
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− | स्वामीजीने तीन दिन ध्यान किया था ।
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− | | |
− | १२. जगन्नाथपुरी, उडीसा जहाँ भगवान जगन्नाथ की
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− | | |
− | रथयात्रा निकलती है ।
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− | | |
− | १३, कामाख्या मन्दिर, असम जहाँ देवी कामाख्या
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− | शक्तिपीठ है ।
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− | १. संस्कृति का अर्थ क्या है ?
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− | | |
− | २... सांस्कृतिक गतिविधियाँ किसे कहते हैं ?
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− | ३.. विद्यालय में दैनन्दिन स्वरूप की सांस्कृतिक
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− | गतिविधियाँ कौन कौन सी होती हैं ?
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− | | |
− | ४. विद्यालय में समय समय पर होने वाली
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− | सांस्कृतिक गतिविधियाँ कौन सी हैं ?
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− | | |
− | ५... सांस्कृतिक गतिविधियों में कभी. कभी
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− | सांस्कृतिक दृष्टिकोण बनाये रखना कठिन होता
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− | है। ऐसा क्यों होता है ? ऐसा न हो इसलिये
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− | क्या करें ?
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− | | |
− | ६... सांस्कृतिक गतिविधियों का शैक्षिक कार्य के
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− | | |
− | साथ सम्बन्ध किस प्रकार से बिठाया जा सकता
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− | है?
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− | | |
− | ७. आज की वैश्विक समस्यायें एवं विद्यालय की
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− | सांस्कृतिक गतिविधियाँ - इन दो में सामंजस्य
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− | | |
− | कैसे बिठा सकते हैं ?
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− | | |
− | ८... सॉस्कृतिक गतिविधियों के साथ छात्र के
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− | | |
− | परिवार एवं सम्पूर्ण समाज का सम्बन्ध कैसे
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− | | |
− | बिठा सकते हैं ?
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− | | |
− | विमर्श
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− | | |
− | जब से भारत में अंग्रेजी भाषा का प्रभुत्व स्थापित
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− | हुआ है तब से विचार के क्षेत्र में घालमेल शुरू हो गया
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− | | |
− | है । इसमें बहुत बडी भूमिका अनुवाद की है । भारतीय
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− | | |
− | भाषाओं के संकल्पनात्मक शब्दों के अंग्रेजी अनुवाद इसके
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− | | |
− | १९१
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− | | |
− | खास उदाहरण हैं । उदाहरण के लिये “धर्म' का अनुवाद
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− | | |
− | <nowiki>*</nowiki>रिलीजन' और “संस्कृति का अनुवाद “कल्चर किया
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− | | |
− | जाता है । यदि केवल अनुवाद तक ही बात सीमित रहती
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− | | |
− | है तब बहुत चिन्ता की बात नहीं रहती है । यदि अंग्रेजी
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− | | |
− | भाषी लोग “संस्कृति को “कल्चर के रूप में और “धर्म'
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− | | |
− | al “रिलीजन' के रूप में समझते हैं तब सीमित समझ
| |
− | | |
− | उनकी ही समस्या बनेगी । परन्तु हुआ यह है कि हम
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− | | |
− | भारतीय “धर्म' को 'रिलीजन' और “संस्कृति को 'कल्चर'
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− | | |
− | समझने लगे हैं । अंग्रेजी को ही मानक के रूप में
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− | | |
− | प्रतिष्ठित करने का और उसे प्रमाण के रूप में स्वीकार
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− | | |
− | करने का कार्य हमारे देश का बौद्धिक जगत तथा सरकार
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− | | |
− | करती है । परिणाम स्वरूप सामान्यजन को भी उसका
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− | स्वीकार करना ही पडता है । भले ही हम भारतीय भाषा
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− | में “संस्कृति' बोले, हमारे मनमस्तिष्क में उसकी समझ
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− | “कल्चर के रूप में ही होती है ।
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− | इसलिये प्रथम आवश्यकता “संस्कृति को “कल्चर
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− | | |
− | से मुक्त कर “संस्कृति' के ही अर्थ में समझने की है ।
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− | | |
− | संस्कृति का अर्थ होता है “सम्यकू कृति' अर्थात्
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− | अच्छी तरह से की हुई कृति । जिसमें अव्यवस्था, न हो,
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− | अनौचित्य न हो, कुरूपता न हो, अशुद्धि न हो, जो
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− | सबका कल्याण करने वाली , सुख देने वाली, आनन्द
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− | देने वाली, सुन्दर, सुशोभित सही कृति है वह संस्कृति है
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− | । इस रूप में वह जीवनशैली है । वह व्यक्तिगत नहीं
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− | अपितु समस्त प्रजा की अर्थात् राष्ट्र की जीवनशैली है |
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− | संस्कृति के दो आयाम हैं । एक तो वह धर्म का
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− | कृतिरूप है । वह धर्म की प्रणाली है
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− | | aft वह सबका भला करने वाली, सबका कल्याण
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− | करनेवाली बनती है । दूसरी ओर वह सुन्दर है । अतः
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− | संस्कृति में कल्याणकारी और सुन्दर ऐसे दोनों रूप प्रकट
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− | होते हैं ।
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− | जीवन के हर व्यावहारिक आविष्कार में यह स्वरूप
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− | प्रकट होता है । भोजन स्वादिष्ट, हृद्य, सात्त्तिक और
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− | पौष्टिक होता है, अकेला eles a adhe aan
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− | नहीं, वस्र और अलंकार शरीर का रक्षण और पोषण करते
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− | हैं साथ ही शोभा भी बढ़ाते हैं और दृष्टि को आनन्द का
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− | अनुभव भी करवाते हैं; नृत्य, गीत-संगीत, आनन्द भी देते
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− | हैं और मुक्ति का मार्ग भी प्रशस्त करते हैं । श्रेय और प्रेय
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− | को wage में ओतप्रोत बनाने की यह भारतीय
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− | सांस्कृतिक दृष्टि है जो बर्तन साफ करने के, पानी भरने
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− | के, मिट्टी कूटने के, भूमि जोतने के, कपडा बुनने के,
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− | लकडी काटने के कामों में सुन्दरता, आनन्द, मुक्ति की
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− | साधना और लोककल्याण के सभी आयामों को एकत्र
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− | गूंथती है । यह समग्रता का दर्शन है ।
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− | अतः विद्यालयों में केवल रंगमंच कार्यक्रम अर्थात्
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− | नृत्य, गीत, नाटक और रंगोली, चित्र, सुशोभन ही
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− | सांस्कृतिक कार्यक्रम नहीं है । ये सब भी अपने आपमें
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− | सांस्कृतिक कार्यक्रम नहीं हैं । उनके साथ जब शुभ और
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− | पवित्र भाव, शुद्ध आनन्द और मुक्ति की भावना ज़ुडती हैं
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− | तब वे सांस्कृतिक कार्यक्रम कहे जाने योग्य होते हैं,
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− | अन्यथा वे केवल मनोरंजन कार्यक्रम होते हैं । संस्कृति के
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− | मूल तत्त्वों के अभाव में तो वे भडकाऊ, उत्तेजक और
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− | निकृष्ट मनोवृत्तियों का ही प्रकटीकरण बन जाते हैं । अतः
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− | पहली बात तो जिन्हें हम एक रूढ़ि के तहत सांस्कृतिक
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− | कार्यक्रम कहते हैं उन्हें परिष्कृत करने की अवश्यकता है ।
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− | इसके लिये कुल मिलाकर रुचि परिष्कृत करने की
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− | आवश्यकता होती है |
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− | साथ ही शरीर के अंगउपांगों से होने वाले सभी
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− | छोटे छोटे काम उत्तम और सही पद्धति से करने की
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− | आवश्यकता होती है । उदाहरण के लिये कागज चिपकाने
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− | श्९२
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− | भारतीय शिक्षा के व्यावहारिक आयाम
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− | का, कपडे की तह करने का, बस्ते में सामान जमाने का,
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− | कपडे पहनने का काम भी उत्तम पद्धति से करने का
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− | अभ्यास बनाना चाहिये ।
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− | दूसरी आवश्यकता मनोभावों को शुद्ध करने की
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− | होती है ।
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− | विद्यालय में समाजसेवा के कार्य भी सांस्कृतिक
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− | कार्यक्रम ही कहे जाने चाहिये । समाजप्रबोधन हेतु
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− | प्रभातफेरी, ग्रन्थों की. शोभायात्रा और पूजन, यज्ञ,
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− | जन्मदिनोत्सव, कृष्णजन्माष्टमी जैसे उत्सव, मेले सत्संग
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− | आदि सब सांस्कृतिक कार्यक्रम ही हैं । विद्यालय में
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− | मन्दिर, पुस्तकालय, कक्षाकक्ष, प्रवेशट्वरार आदि का
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− | सुशोभन भी सांस्कृतिक गतिविधि ही कहा जायेगा ।
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− | अतिथियों का मन्त्रोच्चार सहित स्वागत पुष्पार्पषण आदि भी
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− | सांस्कृतिक कार्य ही है ।
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− | परन्तु पुष्पगुच्छ ato यदि प्लास्टिक के या
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− | सुगन्धरहित फूलों का है तो वह सांस्कृतिक नहीं है,
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− | मन्त्रोच्चार यदि अशुद्ध और बेसूरे हैं तो वे सांस्कृतिक नहीं
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− | है, रंगोली यदि सुरुचिपूर्ण और कलात्मक नहीं है तो वह
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− | सांस्कृतिक नहीं है । सामान्य वेशभूषा भी यदि शालीन
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− | नहीं है तो वह सांस्कृतिक नहीं है ।
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− | सम्पूर्ण विद्यालय परिसर यदि स्वच्छ, सुशोभित,
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− | शान्त सौहार्दपूर्ण, स्वागतोत्सुक है तो वह सांस्कृतिक है ।
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− | यही संस्कारक्षम वातावरण है |
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− | संस्कृति मनुष्य के व्यक्तित्व के सारे निम्न स्तर के,
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− | निकृष्ट दर्ज के तत्त्वों को दूर कर उसे शिष्ट, सभ्य, शुद्ध,
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− | उच्च, उत्कृष्ट बनाती है । यही उसका विकास है । शिक्षा
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− | के इस प्रकार का विकास अपेक्षित है । यह विकास
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− | शारीरिक, मानसिक, बौद्धिक सभी स्तरों पर होता है ।
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− | ऐसा विकास सिद्ध होता है इसलिये धर्म और संस्कृति को
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− | साथ साथ बोलने का प्रचलन है ।
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− | विद्यालय के सांस्कृतिक स्वरूप की संकल्पना को
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− | ही प्रथम सुसंस्कृत बनाने की आवश्यकता है । मनोयोग से
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− | इन बातों का चिन्तन करने से यह किया जा सकता है,
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− | सतही बातचीत या विचार से यह नहीं होता है ।
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− | पर्व ३ : विद्यालय की शैक्षिक व्यवस्थाएँ
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− | विद्यालय की प्रतिष्ठा का क्या अर्थ है ?
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− | विद्यालय की प्रतिष्ठा का निम्नलिखित बातों के
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− | साथ क्या सम्बन्ध है ?
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− | १, परीक्षा परिणाम
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− | . सर्वांगीण व्यक्तित्व विकास
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− | « अन्यान्य कार्यक्रम एवं कार्य
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− | . प्रतियोगिताओं में अग्रक्रम
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− | . सामाजिक, सांस्कृतिक कार्यों में सहभाग
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− | . समाज को मार्गदर्शन
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− | . हिन्दुत्व का दृष्टिकोण
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− | . हिन्दुत्वनिष्ठ व्यवहार का आग्रह
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− | ,. संख्या, भवन, शुल्क, सुविधायें
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− | १०, अंग्रेजी माध्यम
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− | उपर्युक्त सूची में किन बातों का आग्रह उपयुक्त है
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− | और किन बातों का अनुपयुक्त ?
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− | विद्यालय की प्रतिष्ठा एवं विद्यालय के लक्ष्य में
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− | कितना सम्बन्ध होना चाहिये ? सम्बन्ध न होने से
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− | क्या क्या उपाय करने चाहिये ?
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− | समसम्बन्ध न होने पर कितने समझौते करने
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− | चाहिये ?
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− | प्रतिष्ठा के मापदण्ड किस आधार पर बनते हैं ?
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− | चार पाँच विद्यालयों को यह प्रश्नावली भेजी थी ।
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− | परंतु किसी से भी उत्तर प्राप्त नहीं हुए । प्रश्न तो सरल थे ।
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− | उसका शब्दार्थ और ध्वन्यार्थ भी हम समझते तो है परंतु
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− | आज शिक्षा की गाडी जो अत्यंत विपरीत पटरी पर जा रही
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− | है इसके कारण सत्य तो जानते है व्यवहार उलटा हो रहा है
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− | यह जानकर सरल प्रश्न भी उत्तर लिखने में कठीन लगते
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− | होंगे ऐसा अनुमान है ।
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− | अभिमत : विद्या + आलय संधि से विद्यालय शब्द
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− | बनता है । आलय का अर्थ घर । ज्ञान का विद्या का घर | |
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− | अर्थात् स्थान विद्यालय कहलाता है । | |
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