10. प्राथमिक विद्यालय चरित्रनिर्माण, सामान्य ज्ञान और कुशलताओं के विकास का क्षेत्र है। चरित्रनिर्माण मातापिता और धर्माचार्य कर सकते हैं । सामान्य ज्ञान शिक्षक दे सकते हैं। कुशलताओं का विकास अर्थार्जन हेतु तथा गृहस्थाश्रम चलाने हेतु आवश्यक है। इसमें से एक भी काम सरकार का नहीं है। मातापिता, धर्माचार्य, शिक्षक और उद्योजक मिलकर इसकी व्यवस्था करें यह अपक्षित है। | 10. प्राथमिक विद्यालय चरित्रनिर्माण, सामान्य ज्ञान और कुशलताओं के विकास का क्षेत्र है। चरित्रनिर्माण मातापिता और धर्माचार्य कर सकते हैं । सामान्य ज्ञान शिक्षक दे सकते हैं। कुशलताओं का विकास अर्थार्जन हेतु तथा गृहस्थाश्रम चलाने हेतु आवश्यक है। इसमें से एक भी काम सरकार का नहीं है। मातापिता, धर्माचार्य, शिक्षक और उद्योजक मिलकर इसकी व्यवस्था करें यह अपक्षित है। |