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#सज्जनों का व्यवहार
 
#सज्जनों का व्यवहार
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=== क्रियान्वयन हेतु आवश्यक बातें ===
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===क्रियान्वयन हेतु आवश्यक बातें===
 
इस सूची को घटाया बढाया जा सकता है । परन्तु महत्त्वपूर्ण बात इसकी व्यवस्था की है । इसे प्रभावी ढंग से कार्यान्वित करने के लिये इतनी बातों की आवश्यकता होगी ।
 
इस सूची को घटाया बढाया जा सकता है । परन्तु महत्त्वपूर्ण बात इसकी व्यवस्था की है । इसे प्रभावी ढंग से कार्यान्वित करने के लिये इतनी बातों की आवश्यकता होगी ।
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# पाठ्यक्रमों का विवरण विस्तार से लिखना
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#पाठ्यक्रमों का विवरण विस्तार से लिखना
# इसके लिये पाठन-पठन सामग्री का निर्माण करना
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#इसके लिये पाठन-पठन सामग्री का निर्माण करना
# ऐसी सामग्री निर्माण करने हेतु अध्ययन और अनुसन्धान करना
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#ऐसी सामग्री निर्माण करने हेतु अध्ययन और अनुसन्धान करना
# इसे पढ़ाने वाले लोग तैयार करना तैयार होने योग्य लोग ढूँढना
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#इसे पढ़ाने वाले लोग तैयार करना तैयार होने योग्य लोग ढूँढना
# पाठ्यक्रम चलाने के लिये स्थान, अन्य सामग्री और धन की व्यवस्था करना
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#पाठ्यक्रम चलाने के लिये स्थान, अन्य सामग्री और धन की व्यवस्था करना
# पढ़ने वाले लोग प्राप्त करना
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#पढ़ने वाले लोग प्राप्त करना
    
अनुभव ऐसा है कि पढने वाले लोग तो मिल ही जाते हैं। आज का समय ऐसा है कि लोग वर्तमान असंस्कारिता से तथा अन्य समस्याओं से त्रस्त हो गये हैं और उनका हल चाहते हैं । लोग अच्छे बच्चे भी चाहते हैं इसलिये पढ़ने के लिये विद्यार्थी मिल ही जायेंगे । कठिन बात है पढ़ाने वाले, लिखने वाले, अध्ययन और अनुसन्धान करनेवाले लोग प्रयासपूर्वक निमन्त्रित करने होंगे । परन्तु इन विषयों का महत्त्व समझाने पर लोग अवश्य प्राप्त होंगे ।
 
अनुभव ऐसा है कि पढने वाले लोग तो मिल ही जाते हैं। आज का समय ऐसा है कि लोग वर्तमान असंस्कारिता से तथा अन्य समस्याओं से त्रस्त हो गये हैं और उनका हल चाहते हैं । लोग अच्छे बच्चे भी चाहते हैं इसलिये पढ़ने के लिये विद्यार्थी मिल ही जायेंगे । कठिन बात है पढ़ाने वाले, लिखने वाले, अध्ययन और अनुसन्धान करनेवाले लोग प्रयासपूर्वक निमन्त्रित करने होंगे । परन्तु इन विषयों का महत्त्व समझाने पर लोग अवश्य प्राप्त होंगे ।
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इस दृष्टि से परिवार हेतु विद्यालय तो विद्यार्थियों के साथ ही हो सकता है परन्तु शेष बातों के लिये अध्ययन अनुसन्धान संस्थान प्रारम्भ करना चाहिये । एक बार यह काम प्रारम्भ हुआ तो वह शीघ्र ही गति पकड लेगा ऐसा होने की सारी सम्भावनायें हैं ।
 
इस दृष्टि से परिवार हेतु विद्यालय तो विद्यार्थियों के साथ ही हो सकता है परन्तु शेष बातों के लिये अध्ययन अनुसन्धान संस्थान प्रारम्भ करना चाहिये । एक बार यह काम प्रारम्भ हुआ तो वह शीघ्र ही गति पकड लेगा ऐसा होने की सारी सम्भावनायें हैं ।
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== शिक्षा और परिवार प्रबोधन ==
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==शिक्षा और परिवार प्रबोधन==
शिक्षा समाजजीवन का अभिन्न अंग है । समाज और
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शिक्षा समाजजीवन का अभिन्न अंग है । समाज और शिक्षा का एकदूसरे पर प्रभाव पडता है । शिक्षा समाज को ज्ञानवान बनाती है और समाज शिक्षा का पोषण करता है ।
शिक्षा का एकदूसरे पर प्रभाव पडता है । शिक्षा समाज को
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ज्ञानवान बनाती है और समाज शिक्षा का पोषण करता है ।
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परिवार समाज का एक अंग है, एक इकाई है ।
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परिवार समाज का एक अंग है, एक इकाई है । परिवारों में अभिभावक परिवार विशिष्ट है । अपने बालक की शिक्षा के निमित्त से जो विद्यालय के साथ ज़ुडा है वह अभिभावक परिवार है । ऐसे अभिभावक के मन में शिक्षा
परिवारों में अभिभावक परिवार विशिष्ट है । अपने बालक
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विषयक कुछ स्पष्टतायें होना आवश्यक है । स्पष्टता नहीं होने से विद्यार्थी की शिक्षा में तथा शिक्षा विषयक चिन्तन और व्यवस्था में अवरोध निर्माण होते हैं, स्पष्टता होने से
की शिक्षा के निमित्त से जो विद्यालय के साथ ज़ुडा है वह
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अभिभावक परिवार है । ऐसे अभिभावक के मन में शिक्षा
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विषयक कुछ स्पष्टतायें होना आवश्यक है । स्पष्टता नहीं
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होने से विद्यार्थी की शिक्षा में तथा शिक्षा विषयक चिन्तन
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और व्यवस्था में अवरोध निर्माण होते हैं, स्पष्टता होने से
   
समर्थन और सहयोग प्राप्त होते हैं ।
 
समर्थन और सहयोग प्राप्त होते हैं ।
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आवश्यक है ऐसे विषय कुछ इस प्रकार हैं
 
आवश्यक है ऐसे विषय कुछ इस प्रकार हैं
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१, बालक की शिक्षा घर में भी होती है
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=== १, बालक की शिक्षा घर में भी होती है ===
 
   
शिक्षा व्यक्ति के साथ जन्मपूर्व से ही जुडी है।
 
शिक्षा व्यक्ति के साथ जन्मपूर्व से ही जुडी है।
 
आजन्मशिक्षा का एक स्थान विद्यालय है । जीवन के भी
 
आजन्मशिक्षा का एक स्थान विद्यालय है । जीवन के भी
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