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| विवेक भूले हुए हैं । इन्हें विविक सिखाने वाले लोगों को आगे आने की आवश्यकता है । नई पीढ़ी के छात्रों को यह काम करने की आवश्यकता है । | | विवेक भूले हुए हैं । इन्हें विविक सिखाने वाले लोगों को आगे आने की आवश्यकता है । नई पीढ़ी के छात्रों को यह काम करने की आवश्यकता है । |
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− | == विद्यालय एवं परिवार == | + | ==विद्यालय एवं परिवार== |
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− | === प्रश्नावली === | + | ===प्रश्नावली=== |
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− | # विद्यालय एवं छात्र के परिवार का क्या सम्बन्ध है? | + | #विद्यालय एवं छात्र के परिवार का क्या सम्बन्ध है? |
− | # आचार्य एवं छात्र के परिवार का क्या सम्बन्ध है? | + | #आचार्य एवं छात्र के परिवार का क्या सम्बन्ध है? |
− | # मातापिता को विद्यालय में क्यों एवं कब जाना चाहिये ? | + | #मातापिता को विद्यालय में क्यों एवं कब जाना चाहिये ? |
− | # विद्यालय परिवार को किन किन बातों में मार्गदर्शन कर सकता है ? | + | #विद्यालय परिवार को किन किन बातों में मार्गदर्शन कर सकता है ? |
− | # विद्यालय एवं छात्र के परिवार में आत्मीय सम्बन्ध कैसे निर्माण हो सकता है ? | + | #विद्यालय एवं छात्र के परिवार में आत्मीय सम्बन्ध कैसे निर्माण हो सकता है ? |
− | # विद्यालय संचालन में छात्र के परिवार का योगदान कितने प्रकार से हो सकता है ? | + | #विद्यालय संचालन में छात्र के परिवार का योगदान कितने प्रकार से हो सकता है ? |
− | # विद्यालय की शिक्षा योजना के सन्दर्भ में अभिभावकों की भूमिका क्या होनी चाहिये ? | + | #विद्यालय की शिक्षा योजना के सन्दर्भ में अभिभावकों की भूमिका क्या होनी चाहिये ? |
− | # परिवार को किन किन विषयों में मार्गदर्शन की आवश्यकता होती है ? | + | #परिवार को किन किन विषयों में मार्गदर्शन की आवश्यकता होती है ? |
− | # परिवार का मार्गदर्शन करने के लिये विद्यालय किस प्रकार से व्यवस्था कर सकता है ? | + | #परिवार का मार्गदर्शन करने के लिये विद्यालय किस प्रकार से व्यवस्था कर सकता है ? |
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− | === प्रश्नावली से प्राप्त उत्तर === | + | ===प्रश्नावली से प्राप्त उत्तर=== |
| विद्यालय और परिवारका केन्द्रवर्ती बिंदु विद्यार्थी | | विद्यालय और परिवारका केन्द्रवर्ती बिंदु विद्यार्थी |
| होता है । उसका विकास यही दोनों का लक्ष्य बन जाता | | होता है । उसका विकास यही दोनों का लक्ष्य बन जाता |
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| के काम में लगाना, समाज में विद्यालय के प्रति अच्छा दृष्टिकोण विकसित करना इस प्रकार की मदद हो सकती है। प्र. ४, ८ और ९ परस्परावलंबी प्रश्न थे उनका तथ्य इस प्रकार था । अपने बालक की शैक्षिक प्रगति अनुशासन, चारित्र्य, व्यवहार में परिवर्तन इस बातों में विद्यालय परिवार का मार्गदर्शक बने । उसके लिए अभिभावक संमेलन, बैठकें, ई-मेल, दूरध्वनि द्वारा संपर्क करना तथा चिन्तन बैठक का आयोजन करना । | | के काम में लगाना, समाज में विद्यालय के प्रति अच्छा दृष्टिकोण विकसित करना इस प्रकार की मदद हो सकती है। प्र. ४, ८ और ९ परस्परावलंबी प्रश्न थे उनका तथ्य इस प्रकार था । अपने बालक की शैक्षिक प्रगति अनुशासन, चारित्र्य, व्यवहार में परिवर्तन इस बातों में विद्यालय परिवार का मार्गदर्शक बने । उसके लिए अभिभावक संमेलन, बैठकें, ई-मेल, दूरध्वनि द्वारा संपर्क करना तथा चिन्तन बैठक का आयोजन करना । |
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− | === अभिमत : === | + | ===अभिमत :=== |
| आज विद्यालय एवं परिवार में जैसे संबंध होते हैं उसी के आधार पर जवाब मिले । छात्र का विकास विद्यालय एवं घर दोनों मे होता है । दोनों की भूमिका जब कि भिन्न हैं । घर संस्कारकेन्द्र और विद्यालय बालक का ज्ञानकेन्द्र होता है । ऐसी भूमिका जब दोनों के मन में होती है तब छात्र का समग्र विकास सहजता से होता है यह | | आज विद्यालय एवं परिवार में जैसे संबंध होते हैं उसी के आधार पर जवाब मिले । छात्र का विकास विद्यालय एवं घर दोनों मे होता है । दोनों की भूमिका जब कि भिन्न हैं । घर संस्कारकेन्द्र और विद्यालय बालक का ज्ञानकेन्द्र होता है । ऐसी भूमिका जब दोनों के मन में होती है तब छात्र का समग्र विकास सहजता से होता है यह |
| भारतीय सोच है । इसलिए विद्यालय और परिवार के संबंध | | भारतीय सोच है । इसलिए विद्यालय और परिवार के संबंध |
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| बडा होगा, शिक्षा का दर्जा बढ़ेगा । | | बडा होगा, शिक्षा का दर्जा बढ़ेगा । |
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− | भारतीय शिक्षा के व्यावहारिक आयाम
| + | === शिक्षा के तीन केन्द्र === |
− | | + | भारतीय शिक्षाविचार के अनुसार शिक्षा मनुष्य के जीवन के साथ अभिन्न रूप से जुडी है । वह आजीवन होती है और सर्वत्र चलती है । |
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− | शिक्षा के तीन केन्द्र | |
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− | भारतीय शिक्षाविचार के अनुसार शिक्षा मनुष्य के | |
− | जीवन के साथ अभिन्न रूप से जुडी है । वह आजीवन | |
− | होती है और सर्वत्र चलती है । | |
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| शिक्षा सर्वत्र चलती है तब भी वह तीन स्थानों में | | शिक्षा सर्वत्र चलती है तब भी वह तीन स्थानों में |
− | केन्द्रित हुई है। ये तीन केन्द्र हैं विद्यालय, परिवार और | + | केन्द्रित हुई है। ये तीन केन्द्र हैं विद्यालय, परिवार और मन्दिर । विद्यालय में शिक्षक, घर में अभिभावक और मन्दिर में धर्माचार्य इस शिक्षा की योजना और व्यवस्था करने वाले होते हैं । |
− | मन्दिर । विद्यालय में शिक्षक, घर में अभिभावक और मन्दिर | |
− | में धर्माचार्य इस शिक्षा की योजना और व्यवस्था करने वाले | |
− | होते हैं । | |
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− | आज शिक्षा का विचार केवल विद्यालयों के सन्दर्भ | + | आज शिक्षा का विचार केवल विद्यालयों के सन्दर्भ में ही होता है, जबकि विद्यालय से भी प्रभावी और अधिक महत्त्वपूर्ण केन्द्र है घर । घर में व्यक्ति जन्म पूर्व से ही रहना शुरू करता है और आजीवन रहता है । जीवनशिक्षा की ६० से ७० प्रतिशत शिक्षा घर में ही होती है । घर इतना प्रभावी स्थान है । परन्तु आज घर उपेक्षित हो गया है । घर का सांस्कृतिक और शैक्षिक दोनों प्रकार का महत्त्व कम हो गया है । |
− | में ही होता है, जबकि विद्यालय से भी प्रभावी और अधिक | |
− | महत्त्वपूर्ण केन्द्र है घर । घर में व्यक्ति जन्म पूर्व से ही रहना | |
− | शुरू करता है और आजीवन रहता है । जीवनशिक्षा की | |
− | ६० से ७० प्रतिशत शिक्षा घर में ही होती है । घर इतना | |
− | प्रभावी स्थान है । परन्तु आज घर उपेक्षित हो गया है । घर | |
− | का सांस्कृतिक और शैक्षिक दोनों प्रकार का महत्त्व कम हो | |
− | गया है । | |
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− | यह बहुत बडी हानि है। इसे शीघ्र ही भर देना | + | यह बहुत बडी हानि है। इसे शीघ्र ही भर देना चाहिये । वर्तमान समय में जितनी दुर्गति घर की हुई है उतनी ही मन्दिर की भी हुई है । मन्दिर तो और भी विवाद |
− | चाहिये । वर्तमान समय में जितनी दुर्गति घर की हुई है | + | में फँस गया है। इस कारण से अब घर को पुनः शिक्षा केन्द्र बनाने का दायित्व भी विद्यालय पर आता है । |
− | उतनी ही मन्दिर की भी हुई है । मन्दिर तो और भी विवाद | |
− | में फँस गया है। इस कारण से अब घर को पुनः शिक्षा | |
− | केन्द्र बनाने का दायित्व भी विद्यालय पर आता है । | |
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| विद्यार्थियों की शिक्षा के साथ साथ घर अर्थात् | | विद्यार्थियों की शिक्षा के साथ साथ घर अर्थात् |
− | परिवार की शिक्षा की योजना करनी चाहिये । परिवार के | + | परिवार की शिक्षा की योजना करनी चाहिये । परिवार के लिये स्वतन्त्र विद्यालय भी हो सकता है और विद्यार्थियों के साथ साथ भी हो सकता है। विद्यार्थियों के साथ साथ करना सुविधाजनक है क्योंकि अनेक व्यवस्थायें अलग से |
− | लिये स्वतन्त्र विद्यालय भी हो सकता है और विद्यार्थियों के | + | नहीं करनी पडतीं । परिवारशिक्षा की योजना कैसे और कैसी हो सकती है ? |
− | साथ साथ भी हो सकता है। विद्यार्थियों के साथ साथ | |
− | करना सुविधाजनक है क्योंकि अनेक व्यवस्थायें अलग से | |
− | नहीं करनी पडतीं । परिवारशिक्षा की योजना कैसे और कैसी | |
− | हो सकती है ? | |
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| परिवार शिक्षा के कुछ विषय | | परिवार शिक्षा के कुछ विषय |