Changes

Jump to navigation Jump to search
Line 160: Line 160:  
विवेक भूले हुए हैं । इन्हें विविक सिखाने वाले लोगों को आगे आने की आवश्यकता है । नई पीढ़ी के छात्रों को यह काम करने की आवश्यकता है ।
 
विवेक भूले हुए हैं । इन्हें विविक सिखाने वाले लोगों को आगे आने की आवश्यकता है । नई पीढ़ी के छात्रों को यह काम करने की आवश्यकता है ।
   −
== विद्यालय एवं परिवार ==
+
==विद्यालय एवं परिवार==
   −
=== प्रश्नावली ===
+
===प्रश्नावली===
   −
# विद्यालय एवं छात्र के परिवार का क्या सम्बन्ध है?
+
#विद्यालय एवं छात्र के परिवार का क्या सम्बन्ध है?
# आचार्य एवं छात्र के परिवार का क्या सम्बन्ध है?
+
#आचार्य एवं छात्र के परिवार का क्या सम्बन्ध है?
# मातापिता को विद्यालय में क्यों एवं कब जाना चाहिये ?
+
#मातापिता को विद्यालय में क्यों एवं कब जाना चाहिये ?
# विद्यालय परिवार को किन किन बातों में मार्गदर्शन कर सकता है ?
+
#विद्यालय परिवार को किन किन बातों में मार्गदर्शन कर सकता है ?
# विद्यालय एवं छात्र के परिवार में आत्मीय सम्बन्ध कैसे निर्माण हो सकता है ?
+
#विद्यालय एवं छात्र के परिवार में आत्मीय सम्बन्ध कैसे निर्माण हो सकता है ?
# विद्यालय संचालन में छात्र के परिवार का योगदान कितने प्रकार से हो सकता है ?
+
#विद्यालय संचालन में छात्र के परिवार का योगदान कितने प्रकार से हो सकता है ?
# विद्यालय की शिक्षा योजना के सन्दर्भ में अभिभावकों की भूमिका क्या होनी चाहिये ?
+
#विद्यालय की शिक्षा योजना के सन्दर्भ में अभिभावकों की भूमिका क्या होनी चाहिये ?
# परिवार को किन किन विषयों में मार्गदर्शन की आवश्यकता होती है ?
+
#परिवार को किन किन विषयों में मार्गदर्शन की आवश्यकता होती है ?
# परिवार का मार्गदर्शन करने के लिये विद्यालय किस प्रकार से व्यवस्था कर सकता है ?
+
#परिवार का मार्गदर्शन करने के लिये विद्यालय किस प्रकार से व्यवस्था कर सकता है ?
   −
=== प्रश्नावली से प्राप्त उत्तर ===
+
===प्रश्नावली से प्राप्त उत्तर===
 
विद्यालय और परिवारका केन्द्रवर्ती बिंदु विद्यार्थी
 
विद्यालय और परिवारका केन्द्रवर्ती बिंदु विद्यार्थी
 
होता है । उसका विकास यही दोनों का लक्ष्य बन जाता
 
होता है । उसका विकास यही दोनों का लक्ष्य बन जाता
Line 195: Line 195:  
के काम में लगाना, समाज में विद्यालय के प्रति अच्छा दृष्टिकोण विकसित करना इस प्रकार की मदद हो सकती है। प्र. ४, ८ और ९ परस्परावलंबी प्रश्न थे उनका तथ्य इस प्रकार था । अपने बालक की शैक्षिक प्रगति अनुशासन, चारित्र्य, व्यवहार में परिवर्तन इस बातों में विद्यालय परिवार का मार्गदर्शक बने । उसके लिए अभिभावक संमेलन, बैठकें, ई-मेल, दूरध्वनि द्वारा संपर्क करना तथा चिन्तन बैठक का आयोजन करना ।
 
के काम में लगाना, समाज में विद्यालय के प्रति अच्छा दृष्टिकोण विकसित करना इस प्रकार की मदद हो सकती है। प्र. ४, ८ और ९ परस्परावलंबी प्रश्न थे उनका तथ्य इस प्रकार था । अपने बालक की शैक्षिक प्रगति अनुशासन, चारित्र्य, व्यवहार में परिवर्तन इस बातों में विद्यालय परिवार का मार्गदर्शक बने । उसके लिए अभिभावक संमेलन, बैठकें, ई-मेल, दूरध्वनि द्वारा संपर्क करना तथा चिन्तन बैठक का आयोजन करना ।
   −
=== अभिमत : ===
+
===अभिमत :===
 
आज विद्यालय एवं परिवार में जैसे संबंध होते हैं उसी के आधार पर जवाब मिले । छात्र का विकास विद्यालय एवं घर दोनों मे होता है । दोनों की भूमिका जब कि भिन्न हैं । घर संस्कारकेन्द्र और विद्यालय बालक का ज्ञानकेन्द्र होता है । ऐसी भूमिका जब दोनों के मन में होती है तब छात्र का समग्र विकास सहजता से होता है यह
 
आज विद्यालय एवं परिवार में जैसे संबंध होते हैं उसी के आधार पर जवाब मिले । छात्र का विकास विद्यालय एवं घर दोनों मे होता है । दोनों की भूमिका जब कि भिन्न हैं । घर संस्कारकेन्द्र और विद्यालय बालक का ज्ञानकेन्द्र होता है । ऐसी भूमिका जब दोनों के मन में होती है तब छात्र का समग्र विकास सहजता से होता है यह
 
भारतीय सोच है । इसलिए विद्यालय और परिवार के संबंध
 
भारतीय सोच है । इसलिए विद्यालय और परिवार के संबंध
Line 228: Line 228:  
बडा होगा, शिक्षा का दर्जा बढ़ेगा ।
 
बडा होगा, शिक्षा का दर्जा बढ़ेगा ।
   −
भारतीय शिक्षा के व्यावहारिक आयाम
+
=== शिक्षा के तीन केन्द्र ===
 
+
भारतीय शिक्षाविचार के अनुसार शिक्षा मनुष्य के जीवन के साथ अभिन्न रूप से जुडी है । वह आजीवन होती है और सर्वत्र चलती है ।
 
  −
 
  −
शिक्षा के तीन केन्द्र
  −
 
  −
भारतीय शिक्षाविचार के अनुसार शिक्षा मनुष्य के
  −
जीवन के साथ अभिन्न रूप से जुडी है । वह आजीवन
  −
होती है और सर्वत्र चलती है ।
      
शिक्षा सर्वत्र चलती है तब भी वह तीन स्थानों में
 
शिक्षा सर्वत्र चलती है तब भी वह तीन स्थानों में
केन्द्रित हुई है। ये तीन केन्द्र हैं विद्यालय, परिवार और
+
केन्द्रित हुई है। ये तीन केन्द्र हैं विद्यालय, परिवार और मन्दिर । विद्यालय में शिक्षक, घर में अभिभावक और मन्दिर में धर्माचार्य इस शिक्षा की योजना और व्यवस्था करने वाले होते हैं ।
मन्दिर । विद्यालय में शिक्षक, घर में अभिभावक और मन्दिर
  −
में धर्माचार्य इस शिक्षा की योजना और व्यवस्था करने वाले
  −
होते हैं ।
     −
आज शिक्षा का विचार केवल विद्यालयों के सन्दर्भ
+
आज शिक्षा का विचार केवल विद्यालयों के सन्दर्भ में ही होता है, जबकि विद्यालय से भी प्रभावी और अधिक महत्त्वपूर्ण केन्द्र है घर । घर में व्यक्ति जन्म पूर्व से ही रहना शुरू करता है और आजीवन रहता है । जीवनशिक्षा की ६० से ७० प्रतिशत शिक्षा घर में ही होती है । घर इतना प्रभावी स्थान है । परन्तु आज घर उपेक्षित हो गया है । घर का सांस्कृतिक और शैक्षिक दोनों प्रकार का महत्त्व कम हो गया है ।
में ही होता है, जबकि विद्यालय से भी प्रभावी और अधिक
  −
महत्त्वपूर्ण केन्द्र है घर । घर में व्यक्ति जन्म पूर्व से ही रहना
  −
शुरू करता है और आजीवन रहता है । जीवनशिक्षा की
  −
६० से ७० प्रतिशत शिक्षा घर में ही होती है । घर इतना
  −
प्रभावी स्थान है । परन्तु आज घर उपेक्षित हो गया है । घर
  −
का सांस्कृतिक और शैक्षिक दोनों प्रकार का महत्त्व कम हो
  −
गया है ।
     −
यह बहुत बडी हानि है। इसे शीघ्र ही भर देना
+
यह बहुत बडी हानि है। इसे शीघ्र ही भर देना चाहिये । वर्तमान समय में जितनी दुर्गति घर की हुई है उतनी ही मन्दिर की भी हुई है । मन्दिर तो और भी विवाद
चाहिये । वर्तमान समय में जितनी दुर्गति घर की हुई है
+
में फँस गया है। इस कारण से अब घर को पुनः शिक्षा केन्द्र बनाने का दायित्व भी विद्यालय पर आता है ।
उतनी ही मन्दिर की भी हुई है । मन्दिर तो और भी विवाद
  −
में फँस गया है। इस कारण से अब घर को पुनः शिक्षा
  −
केन्द्र बनाने का दायित्व भी विद्यालय पर आता है ।
      
विद्यार्थियों की शिक्षा के साथ साथ घर अर्थात्‌
 
विद्यार्थियों की शिक्षा के साथ साथ घर अर्थात्‌
परिवार की शिक्षा की योजना करनी चाहिये । परिवार के
+
परिवार की शिक्षा की योजना करनी चाहिये । परिवार के लिये स्वतन्त्र विद्यालय भी हो सकता है और विद्यार्थियों के साथ साथ भी हो सकता है। विद्यार्थियों के साथ साथ करना सुविधाजनक है क्योंकि अनेक व्यवस्थायें अलग से
लिये स्वतन्त्र विद्यालय भी हो सकता है और विद्यार्थियों के
+
नहीं करनी पडतीं । परिवारशिक्षा की योजना कैसे और कैसी हो सकती है ?
साथ साथ भी हो सकता है। विद्यार्थियों के साथ साथ
  −
करना सुविधाजनक है क्योंकि अनेक व्यवस्थायें अलग से
  −
नहीं करनी पडतीं । परिवारशिक्षा की योजना कैसे और कैसी
  −
हो सकती है ?
      
परिवार शिक्षा के कुछ विषय
 
परिवार शिक्षा के कुछ विषय
1,815

edits

Navigation menu