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२.. सूती वस्त्र पहनना वैज्ञानिक है सिन्थेटिक पहनना और थैले, मेजपोश, सोफाकवर, पर्दे आदि में भी अवैज्ञानिक क्योंकि सूती वस्त्र शरीर का रक्षण करते हैं सूती का स्थान सिन्थेटिक कपडे ने लिया है । अब जबकि सिन्थेटिक वस्त्र स्वास्थ्य के लिये हानिकारक तो सूती माँगने पर भी दुकानदार सूती जैसे लगने वाले हैं । सिन्थेटिक वस्र आकर्षक लगते हैं, सस्ते मिलते हैं, धोने में सुविधा है, प्रैस नहीं करने पड़ते, परन्तु वस्त्रों से स्वास्थ्य का रक्षण करना ही महत्त्वपूर्ण है ।  सुविधा नहीं, स्वास्थ्य के अविरोधी सुविधा का . विचार करना वैज्ञानिकता है ।  
 
२.. सूती वस्त्र पहनना वैज्ञानिक है सिन्थेटिक पहनना और थैले, मेजपोश, सोफाकवर, पर्दे आदि में भी अवैज्ञानिक क्योंकि सूती वस्त्र शरीर का रक्षण करते हैं सूती का स्थान सिन्थेटिक कपडे ने लिया है । अब जबकि सिन्थेटिक वस्त्र स्वास्थ्य के लिये हानिकारक तो सूती माँगने पर भी दुकानदार सूती जैसे लगने वाले हैं । सिन्थेटिक वस्र आकर्षक लगते हैं, सस्ते मिलते हैं, धोने में सुविधा है, प्रैस नहीं करने पड़ते, परन्तु वस्त्रों से स्वास्थ्य का रक्षण करना ही महत्त्वपूर्ण है ।  सुविधा नहीं, स्वास्थ्य के अविरोधी सुविधा का . विचार करना वैज्ञानिकता है ।  
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अलंकार, सौन्दर्यप्रसाधन, अन्य छोटी मोटी
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==== अलंकार, सौन्दर्यप्रसाधन, अन्य छोटी मोटी वस्तुओं में वैज्ञानिकता ====
 
   
३... वख स्वास्थ्यरक्षा के साथ साथ शील रक्षा के लिये, ... उस्तुओं में वैज्ञानिकता
 
३... वख स्वास्थ्यरक्षा के साथ साथ शील रक्षा के लिये, ... उस्तुओं में वैज्ञानिकता
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गया है कि अधिकांश लोगों को इसकी कल्पना तक... १. दिनचर्या में सोना, जागना, अध्ययन करना, काम
 
गया है कि अधिकांश लोगों को इसकी कल्पना तक... १. दिनचर्या में सोना, जागना, अध्ययन करना, काम
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दिनचर्या, ऋतुचर्या और जीवनचर्या में वैज्ञानिकता
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==== दिनचर्या, ऋतुचर्या और जीवनचर्या में वैज्ञानिकता ====
 
   
नहीं होती । ये कपड़े मोजे, स्वेटर, शाल आदि के करना, भोजन करना आदि के उचित समय का पालन
 
नहीं होती । ये कपड़े मोजे, स्वेटर, शाल आदि के करना, भोजन करना आदि के उचित समय का पालन
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हम वैज्ञानिकता से कोसों दूर हैं । प्रत्यक्ष व्यवहार में घोर... शिक्षा का काम है ।
 
हम वैज्ञानिकता से कोसों दूर हैं । प्रत्यक्ष व्यवहार में घोर... शिक्षा का काम है ।
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विद्यार्थियों की मानसिकता : समस्या और निराकरण
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=== विद्यार्थियों की मानसिकता : समस्या और निराकरण ===
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यह तो व्यावहारिकता है मार्गदर्शन, न निषेध । दस प्रतिशत विद्यार्थी अपनी पढाई
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==== यह तो व्यावहारिकता है ====
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मार्गदर्शन, न निषेध । दस प्रतिशत विद्यार्थी अपनी पढाई
    
महाविद्यालयीन छात्रा के मुख से सुना हुआ एक को गम्भीरता | लेते हैं, शेष मजे नि के लिये
 
महाविद्यालयीन छात्रा के मुख से सुना हुआ एक को गम्भीरता | लेते हैं, शेष मजे नि के लिये
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यदि है तो वह अनर्थ का कारण बनता है । जहाँ चारों
 
यदि है तो वह अनर्थ का कारण बनता है । जहाँ चारों
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मानसिकता के आयाम एकत्र हों तब तो अनर्थ की सीमा ही नहीं रहती ।
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==== मानसिकता के आयाम ====
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एकत्र हों तब तो अनर्थ की सीमा ही नहीं रहती ।
    
महाविद्यालयीन छात्रों की यह मानसिकता है । परीक्षा आज के महाविद्यालय के विद्यार्थियों में दो तो होते
 
महाविद्यालयीन छात्रों की यह मानसिकता है । परीक्षा आज के महाविद्यालय के विद्यार्थियों में दो तो होते
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के लिये तो इच्छुक रहती हैं परन्तु विवाह के लिये नहीं ।
 
के लिये तो इच्छुक रहती हैं परन्तु विवाह के लिये नहीं ।
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उन्हें विवाह से भी नौकरी का आकर्षण और महत्त्व अधिक... मानसिकता के जिम्मेदार कारण
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उन्हें विवाह से भी नौकरी का आकर्षण और महत्त्व अधिक
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==== मानसिकता के जिम्मेदार कारण ====
 
होता है । जितना अधिक पढ़ती हैं और अधिक कमाई युवकयुवतियों की यह मानसिकता अचानक नहीं बन
 
होता है । जितना अधिक पढ़ती हैं और अधिक कमाई युवकयुवतियों की यह मानसिकता अचानक नहीं बन
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हैं । उनमें होगा तो विद्यार्थियों में आयेगा ।
 
हैं । उनमें होगा तो विद्यार्थियों में आयेगा ।
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विद्यार्थियों का मन:सन्तुलन
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=== विद्यार्थियों का मन:सन्तुलन ===
 
   
भय की मानसिकता है । तनाव, निराशा, हताशा, आत्मग्लानि, हीनताग्रन्थि,
 
भय की मानसिकता है । तनाव, निराशा, हताशा, आत्मग्लानि, हीनताग्रन्थि,
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पर्व २ : विद्यार्थी, शिक्षक, विद्यालय, परिवार
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==== नई पीढ़ी का मनोबल बढ़ाना ====
 
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नई पीढ़ी का मनोबल बढ़ाना
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आज घर और विद्यालय दोनों ही नई पीढी को
 
आज घर और विद्यालय दोनों ही नई पीढी को
  
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