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इसलिये हमें अपना और लोगों का मानस यह बनाना चाहिये कि केवल अक्षरज्ञान से नहीं अपितु जीवन के ज्ञान से साक्षर बनना चाहिये । ऐसा साक्षर हर कोई बन सकता है । इस अर्थ में तो भारत अन्य कई देशों से अधिक मात्रा में साक्षर
 
इसलिये हमें अपना और लोगों का मानस यह बनाना चाहिये कि केवल अक्षरज्ञान से नहीं अपितु जीवन के ज्ञान से साक्षर बनना चाहिये । ऐसा साक्षर हर कोई बन सकता है । इस अर्थ में तो भारत अन्य कई देशों से अधिक मात्रा में साक्षर
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एक उत्तरदाता ने सही कहा है कि सरकार इस अभियान में लगेगी तो कभी भी यश प्राप्त नहीं होगा । जड तन्त्र का शिक्षा से कोई लेनादेना होता भी नहीं है । जड तत्त्व ढाँचा बना सकता है उसमें जीवन नहीं होता है। अतः बिना सरकारी योजना के भी भारत को शत प्रतिशत साक्षरता के लक्ष्य को प्राप्त करने वाला तो बनाना ही चाहिये । भारत हमेशा शिक्षितों का देश रहा है, पराये नहीं अपितु अपने ही मापदण्डों और प्रयासों से ।।
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एक उत्तरदाता ने सही कहा है कि सरकार इस अभियान में लगेगी तो कभी भी यश प्राप्त नहीं होगा । जड तन्त्र का शिक्षा से कोई लेनादेना होता भी नहीं है । जड तत्त्व ढाँचा बना सकता है उसमें जीवन नहीं होता है। अतः बिना सरकारी योजना के भी भारत को शत प्रतिशत साक्षरता के लक्ष्य को प्राप्त करने वाला तो बनाना ही चाहिये । भारत सदा शिक्षितों का देश रहा है, पराये नहीं अपितु अपने ही मापदण्डों और प्रयासों से ।।
    
==== प्रश्न ४ भारत का जीडीपी क्यों नहीं बढता है ? उसे बढाने के लिये क्या करना चाहिये ? ====
 
==== प्रश्न ४ भारत का जीडीपी क्यों नहीं बढता है ? उसे बढाने के लिये क्या करना चाहिये ? ====

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