इसलिये हमें अपना और लोगों का मानस यह बनाना चाहिये कि केवल अक्षरज्ञान से नहीं अपितु जीवन के ज्ञान से साक्षर बनना चाहिये । ऐसा साक्षर हर कोई बन सकता है । इस अर्थ में तो भारत अन्य कई देशों से अधिक मात्रा में साक्षर | इसलिये हमें अपना और लोगों का मानस यह बनाना चाहिये कि केवल अक्षरज्ञान से नहीं अपितु जीवन के ज्ञान से साक्षर बनना चाहिये । ऐसा साक्षर हर कोई बन सकता है । इस अर्थ में तो भारत अन्य कई देशों से अधिक मात्रा में साक्षर |