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; 14. '''च्छलः ॥ Chhala (Minor criticism)''': It consists in opposing a proposition by assigning to it a meaning other than the one intended. It is of three kinds.
 
; 14. '''च्छलः ॥ Chhala (Minor criticism)''': It consists in opposing a proposition by assigning to it a meaning other than the one intended. It is of three kinds.
<blockquote>वचनविघातः अर्थविकल्पोपपत्त्या छलम् ॥१०॥{छललक्षणम्} (Nyay. Sutr. 1.2.10)<ref name=":0" /> </blockquote><blockquote>तत्त्रिविधं वाक्छलं सामान्यच्छलं उपचारच्छलं च इति ॥११॥ {छलभेदौद्देशसूत्रम्}</blockquote> <blockquote>अविशेषाभिहिते अर्थे वक्तुः अभिप्रायातर्थान्तरकल्पना वाक्छलम् ॥१२॥ {वाक्छललक्षणम्}</blockquote><blockquote>सम्भवतः अर्थस्य अतिसामान्ययोगातसम्भूतार्थकल्पना सामान्यच्छलम् ॥१३॥ {सामान्यच्छललक्षणम्} </blockquote><blockquote>धर्मविकल्पनिर्देशे अर्थसद्भावप्रतिषेधः उपचारच्छलम् ॥१४॥ {उपचारच्छललक्षणम्}</blockquote><blockquote>वाक्छलं एव उपचारच्छलं ततविशेषात् ॥१५॥ {उपचारच्छलपूर्वपक्षलक्षणम्}</blockquote><blockquote>न ततर्थान्तरभावात् ॥१६॥ {उपचारच्छललक्षणम्}</blockquote><blockquote>अविशेषे वा किञ्चित्साधर्म्यातेकच्छलप्रसङ्गः ॥१७॥ {उपचारच्छललक्षणम्}</blockquote>
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<blockquote>वचनविघातः अर्थविकल्पोपपत्त्या छलम् ॥१०॥{छललक्षणम्} (Nyay. Sutr. 1.2.10)<ref name=":0" /> </blockquote><blockquote>तत्त्रिविधं वाक्छलं सामान्यच्छलं उपचारच्छलं च इति ॥११॥ {छलभेदौद्देशसूत्रम्}</blockquote>
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;# Vakchhala <blockquote>अविशेषाभिहिते अर्थे वक्तुः अभिप्रायातर्थान्तरकल्पना वाक्छलम् ॥१२॥ {वाक्छललक्षणम्}</blockquote>
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;# Samanya chhala <blockquote>सम्भवतः अर्थस्य अतिसामान्ययोगातसम्भूतार्थकल्पना सामान्यच्छलम् ॥१३॥ {सामान्यच्छललक्षणम्} </blockquote>
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;# Upachara Chhala <blockquote>धर्मविकल्पनिर्देशे अर्थसद्भावप्रतिषेधः उपचारच्छलम् ॥१४॥ {उपचारच्छललक्षणम्}</blockquote>
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; 15. '''जातिः ॥ Jati (Refutation)''':  
 
; 15. '''जातिः ॥ Jati (Refutation)''':  
 
साधर्म्यवैधर्म्याभ्यां प्रत्यवस्थानं जातिः ॥ १८ ॥ {जातिलक्षणम्}  
 
साधर्म्यवैधर्म्याभ्यां प्रत्यवस्थानं जातिः ॥ १८ ॥ {जातिलक्षणम्}  

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