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| == महाभारत का महत्व == | | == महाभारत का महत्व == |
| + | महाभारत में धर्मराज युधिष्ठिर की सत्यनिष्ठा, कर्णकी दानशीलता एवं उदारता, अर्जुन का युद्ध कौशल आदि अनेक अवर्णनीय गुणोंसे युक्त वीरोंका वर्णन है और इन वीरोंका चरित्र पठनीय एवं मननीय है। अतः महाभारत ग्रन्थ का अध्ययन अवश्य करना चाहिये यह अत्यन्त महत्वपूर्ण ग्रन्थ है। |
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− | == महाभारतीय प्रमुख युद्ध== | + | ===महाभारत में अर्थ प्रबन्धन=== |
| + | अर्थ मनुष्य के जीवन यापन हेतु नितान्त आवश्यक है इस सन्दर्भ में महाभारत में कहा गया है कि खेती, व्यापार, गोपालन तथा भाँति-भाँति के शिल्प - ये सब अर्थ प्राप्ति के साधन हैं। अतः उपरोक्त साधनों का उत्तम प्रबन्ध राजा के द्वारा होना चाहिये - |
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| + | कर्मभूमिरियं राजन्निह वार्ता प्रशस्यते। कृषिर्वाणिज्य गोरक्षं शिल्पानि विविधानि च॥(शान्ति० १६७/११)<ref>शोधगंगा-राकेश कुमार, [https://shodhganga.inflibnet.ac.in/handle/10603/116894 महाभारत में आर्थिक प्रबन्धन एक समीक्षात्मक अध्ययन], सन् २०१२, शोधकेन्द्र-महर्षि दयानन्द विश्वविद्यालय (पृ० १४)।</ref> |
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| + | ==महाभारतीय प्रमुख युद्ध== |
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| *प्रथम दिवसीय युद्ध - भीमसेन का कौरव पक्ष के योद्धाओं से युद्ध। | | *प्रथम दिवसीय युद्ध - भीमसेन का कौरव पक्ष के योद्धाओं से युद्ध। |
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| *अर्जुन द्वारा अर्धचन्द्राकार व्यूह की रचना | | *अर्जुन द्वारा अर्धचन्द्राकार व्यूह की रचना |
| *भीष्मार्जुन युद्ध | | *भीष्मार्जुन युद्ध |
− | *चतुर्थ दिवसीय युद्ध - दोनों सेनाओं का व्यूह निर्माण और धृष्टद्युम्न एवं भीमसेन का कौरव सेना के साथ युद्ध | + | * चतुर्थ दिवसीय युद्ध - दोनों सेनाओं का व्यूह निर्माण और धृष्टद्युम्न एवं भीमसेन का कौरव सेना के साथ युद्ध |
| *घटोत्कच-भगदत्त युद्ध | | *घटोत्कच-भगदत्त युद्ध |
| *पंचम दिवसीय युद्ध - कौरवों का मकर व्यूह और पांडवों का श्येन व्यूह | | *पंचम दिवसीय युद्ध - कौरवों का मकर व्यूह और पांडवों का श्येन व्यूह |
| *भीमसेन और भीष्म का युद्ध | | *भीमसेन और भीष्म का युद्ध |
| *विराट और भीष्म का युद्ध | | *विराट और भीष्म का युद्ध |
− | *अश्वत्थामा-अर्जुन का युद्ध | + | * अश्वत्थामा-अर्जुन का युद्ध |
| *दुर्योधन-भीमसेन का युद्ध | | *दुर्योधन-भीमसेन का युद्ध |
| *अभिमन्यु और लक्ष्मण का युद्ध | | *अभिमन्यु और लक्ष्मण का युद्ध |
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| *भीमसेन का कौरव योद्धाओं के साथ युद्ध | | *भीमसेन का कौरव योद्धाओं के साथ युद्ध |
| *धृष्टद्युम्न का कौरव पक्षीय योद्धाओं के साथ युद्ध | | *धृष्टद्युम्न का कौरव पक्षीय योद्धाओं के साथ युद्ध |
− | *भीमसेन द्वारा दुर्योधन की पराजय | + | * भीमसेन द्वारा दुर्योधन की पराजय |
| *अभिमन्यु का कौरव पक्षीय योद्धाओं के साथ युद्ध | | *अभिमन्यु का कौरव पक्षीय योद्धाओं के साथ युद्ध |
| *सप्त दिवसीय युद्ध - | | *सप्त दिवसीय युद्ध - |
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| |+महाभारत की प्रगति के तीन चरण | | |+महाभारत की प्रगति के तीन चरण |
| !ग्रन्थ नाम | | !ग्रन्थ नाम |
− | !कर्ता | + | ! कर्ता |
| !श्लोक संख्या | | !श्लोक संख्या |
| !वक्ता-श्रोता | | !वक्ता-श्रोता |
− | !अवसर | + | ! अवसर |
| |- | | |- |
− | | जय | + | |जय |
| |व्यास | | |व्यास |
| |८८०० | | |८८०० |