Line 65:
Line 65:
अध्यात्म शास्त्र
अध्यात्म शास्त्र
[[File:Part 2 Chapter 3 Table.jpg|center|thumb|720x720px]]
[[File:Part 2 Chapter 3 Table.jpg|center|thumb|720x720px]]
−
−
धर्मशास्त्र
−
−
प्राकृतिक शास्त्र मानव धर्मशास्त्र /समाजशास्त्र/ अर्थशास्त्र
−
−
वनस्पति शास्त्र प्राणि शास्त्र भौतिक शास्त्र संपत्ति/समृद्धि शास्त्र सांस्कृतिक शास्त्र
उपर्युक्त शास्त्रों में जीवन से संबंधित सभी विषय आ जाते हैं। भौतिक शास्त्र में वर्तमान की लगभग सभी विज्ञान शाखाओं का समावेश हो जाता है। मनुष्य भी एक प्राणी होनेसे प्राणिक शास्त्र सभी प्राणियों को जैसे लागू होता है वैसे ही मनुष्य को भी लागू होता है। लेकिन मनुष्य पञ्चविध है। इसमें केवल दो ही स्तर प्राणिक हैं। मनोमय, विज्ञानमय और आनन्दमय ये स्तर मानव को प्राणिक आवेगों से ऊपर उठाते हैं। इसलिए मानवधर्मशास्त्र एक अलग विषय बनता है। इसके अंतर्गत आनेवाले सांस्कृतिक और समृद्धिशास्त्र भी केवल मानव को लागू होते हैं।
उपर्युक्त शास्त्रों में जीवन से संबंधित सभी विषय आ जाते हैं। भौतिक शास्त्र में वर्तमान की लगभग सभी विज्ञान शाखाओं का समावेश हो जाता है। मनुष्य भी एक प्राणी होनेसे प्राणिक शास्त्र सभी प्राणियों को जैसे लागू होता है वैसे ही मनुष्य को भी लागू होता है। लेकिन मनुष्य पञ्चविध है। इसमें केवल दो ही स्तर प्राणिक हैं। मनोमय, विज्ञानमय और आनन्दमय ये स्तर मानव को प्राणिक आवेगों से ऊपर उठाते हैं। इसलिए मानवधर्मशास्त्र एक अलग विषय बनता है। इसके अंतर्गत आनेवाले सांस्कृतिक और समृद्धिशास्त्र भी केवल मानव को लागू होते हैं।