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उपसंहार  
 
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पारिवारिक उद्योग आधारित समाजजीवन की प्रतिष्ठापना/जीवन के प्रतिमान में पारिवारिक उद्योगों की भूमिका अत्यंत महत्त्वपूर्ण होती है । आश्रम व्यवस्था भारतीय प्रतिमान के अनुसार जीनेवाले समाज की श्रेष्ठ पोषण व्यवस्था के लिए अनिवार्य बात होती है । और कौटुम्बिक उद्योग यह आश्रम व्यवस्था का अविभाज्य अंग है । इसा तरह जीवन के भारतीय प्रतिमान और कौटुम्बिक उद्योगों का अन्योन्याश्रित संबंध होता है ।
 
पारिवारिक उद्योग आधारित समाजजीवन की प्रतिष्ठापना/जीवन के प्रतिमान में पारिवारिक उद्योगों की भूमिका अत्यंत महत्त्वपूर्ण होती है । आश्रम व्यवस्था भारतीय प्रतिमान के अनुसार जीनेवाले समाज की श्रेष्ठ पोषण व्यवस्था के लिए अनिवार्य बात होती है । और कौटुम्बिक उद्योग यह आश्रम व्यवस्था का अविभाज्य अंग है । इसा तरह जीवन के भारतीय प्रतिमान और कौटुम्बिक उद्योगों का अन्योन्याश्रित संबंध होता है ।
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[[Category:Bhartiya Jeevan Pratiman (भारतीय जीवन (प्रतिमान)]]
 
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