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तीर्थ क्षेत्र भारतीय संस्कृति, धर्म और परंपराओं का अभिन्न हिस्सा हैं। वैदिक साहित्य में तीर्थ शब्द पवित्र स्थान के अर्थ में प्रयोग हुआ है। तीर्थ क्षेत्र न केवल आध्यात्मिक उन्नति का मार्ग प्रदान करते हैं किन्तु शिक्षा एवं कला के ज्ञान में, स्वास्थ्य के संरक्षण तथा अर्थव्यवस्था के लिये भी सहायक हैं। चार धाम, सात पुरी, द्वादश ज्योतिर्लिंग तथा अनेक नदी, वन, उपवन तीर्थों की श्रेणी में आते हैं, इनके दर्शन, निवास, स्नान, भजन, पूजन, अर्चन आदि की सुस्थिर मान्यता है। तीर्थ क्षेत्रों में अनुपम प्राकृतिक सौन्दर्य, विशुद्ध जलवायु एवं महात्माओं का सत्संग व्यक्ति के मन को शुद्ध एवं पवित्र करता है।
 
तीर्थ क्षेत्र भारतीय संस्कृति, धर्म और परंपराओं का अभिन्न हिस्सा हैं। वैदिक साहित्य में तीर्थ शब्द पवित्र स्थान के अर्थ में प्रयोग हुआ है। तीर्थ क्षेत्र न केवल आध्यात्मिक उन्नति का मार्ग प्रदान करते हैं किन्तु शिक्षा एवं कला के ज्ञान में, स्वास्थ्य के संरक्षण तथा अर्थव्यवस्था के लिये भी सहायक हैं। चार धाम, सात पुरी, द्वादश ज्योतिर्लिंग तथा अनेक नदी, वन, उपवन तीर्थों की श्रेणी में आते हैं, इनके दर्शन, निवास, स्नान, भजन, पूजन, अर्चन आदि की सुस्थिर मान्यता है। तीर्थ क्षेत्रों में अनुपम प्राकृतिक सौन्दर्य, विशुद्ध जलवायु एवं महात्माओं का सत्संग व्यक्ति के मन को शुद्ध एवं पवित्र करता है।
  

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