Line 22: |
Line 22: |
| | | |
| ==भाषा विज्ञान के सिद्धांत== | | ==भाषा विज्ञान के सिद्धांत== |
− | आधुनिक भाषा विज्ञान (Modern Linguistics) भाषा के वैज्ञानिक अध्ययन को संदर्भित करता है। यह 19वीं सदी के अंत और 20वीं सदी की शुरुआत में विकसित हुआ और इसमें भाषा की संरचना, ध्वनि, अर्थ, और सामाजिक उपयोग के अध्ययन शामिल हैं। आधुनिक भाषा विज्ञान के कुछ प्रमुख क्षेत्रों में शामिल हैं: | + | आधुनिक भाषा विज्ञान (Modern Linguistics) भाषा के वैज्ञानिक अध्ययन को संदर्भित करता है। यह 19वीं सदी के अंत और 20वीं सदी की शुरुआत में विकसित हुआ और इसमें भाषा की संरचना, ध्वनि, अर्थ, और सामाजिक उपयोग के अध्ययन शामिल हैं। आधुनिक भाषा विज्ञान के कुछ प्रमुख क्षेत्रों में शामिल हैं - |
| | | |
− | '''1.ध्वनिविज्ञान (Phonetics):''' भाषाओं में ध्वनियों के उत्पादन, ध्वनि गुणों, और ध्वनियों के ध्वनि तंत्र के अध्ययन को ध्वनिविज्ञान कहा जाता है। | + | * '''1.ध्वनिविज्ञान (Phonetics):''' भाषाओं में ध्वनियों के उत्पादन, ध्वनि गुणों, और ध्वनियों के ध्वनि तंत्र के अध्ययन को ध्वनिविज्ञान कहा जाता है। |
− | | + | * '''2. ध्वन्यात्मकता (Phonology):''' ध्वनियों की संरचना और उनके व्यवस्थित संगठन का अध्ययन। |
− | '''2. ध्वन्यात्मकता (Phonology):''' ध्वनियों की संरचना और उनके व्यवस्थित संगठन का अध्ययन। | + | * '''3. रूपविज्ञान (Morphology):''' शब्दों के आंतरिक संरचना और उनके निर्माण का अध्ययन। |
− | | + | * '''4. वाक्यविज्ञान (Syntax):''' वाक्यों की संरचना और उनके नियमों का अध्ययन। |
− | '''3. रूपविज्ञान (Morphology):''' शब्दों के आंतरिक संरचना और उनके निर्माण का अध्ययन। | + | * '''5. अर्थविज्ञान (Semantics):''' शब्दों और वाक्यों के अर्थ का अध्ययन। |
− | | + | * '''6.प्रग्मेटिक्स (Pragmatics):''' भाषा का उपयोग और उसका संदर्भ पर प्रभाव का अध्ययन। |
− | '''4. वाक्यविज्ञान (Syntax):''' वाक्यों की संरचना और उनके नियमों का अध्ययन। | + | * '''7.सामाजिक भाषा विज्ञान (Sociolinguistics):''' भाषा और समाज के बीच के संबंध का अध्ययन। |
− | | + | * '''8.मनोभाषाविज्ञान (Psycholinguistics):''' भाषा का मानसिक प्रक्रियाओं और भाषा के विकास के साथ संबंध का अध्ययन। |
− | '''5. अर्थविज्ञान (Semantics):''' शब्दों और वाक्यों के अर्थ का अध्ययन। | |
− | | |
− | '''6.प्रग्मेटिक्स (Pragmatics):''' भाषा का उपयोग और उसका संदर्भ पर प्रभाव का अध्ययन। | |
− | | |
− | '''7.सामाजिक भाषा विज्ञान (Sociolinguistics):''' भाषा और समाज के बीच के संबंध का अध्ययन। | |
− | | |
− | '''8.मनोभाषाविज्ञान (Psycholinguistics):''' भाषा का मानसिक प्रक्रियाओं और भाषा के विकास के साथ संबंध का अध्ययन। | |
| | | |
| आधुनिक भाषा विज्ञान में नोम चॉम्स्की का योगदान महत्वपूर्ण है, जिन्होंने भाषा की उत्पत्ति और संरचना को समझने के लिए कई सिद्धांत प्रस्तुत किए। इसके अतिरिक्त, आधुनिक तकनीकी साधनों और गणनात्मक भाषाविज्ञान (Computational Linguistics) ने भी इस क्षेत्र में नई संभावनाएँ खोली हैं। | | आधुनिक भाषा विज्ञान में नोम चॉम्स्की का योगदान महत्वपूर्ण है, जिन्होंने भाषा की उत्पत्ति और संरचना को समझने के लिए कई सिद्धांत प्रस्तुत किए। इसके अतिरिक्त, आधुनिक तकनीकी साधनों और गणनात्मक भाषाविज्ञान (Computational Linguistics) ने भी इस क्षेत्र में नई संभावनाएँ खोली हैं। |
Line 170: |
Line 163: |
| ईश्वर द्वारा प्रदत्त भाषा: विभिन्न धार्मिक ग्रंथों में यह माना जाता है कि भाषा ईश्वर द्वारा मानव को प्रदान की गई है, जिससे वह ब्रह्मांड की समझ और संचार कर सके। इस दृष्टिकोण में, भाषा का पवित्र और दिव्य महत्व है। | | ईश्वर द्वारा प्रदत्त भाषा: विभिन्न धार्मिक ग्रंथों में यह माना जाता है कि भाषा ईश्वर द्वारा मानव को प्रदान की गई है, जिससे वह ब्रह्मांड की समझ और संचार कर सके। इस दृष्टिकोण में, भाषा का पवित्र और दिव्य महत्व है। |
| | | |
− | तुलना
| + | '''1. उत्पत्ति का दृष्टिकोण''' |
− | | |
− | '''1. उत्पत्ति का दृष्टिकोण:''' | |
| | | |
− | आधुनिक भाषा विज्ञान: भाषा की उत्पत्ति को एक प्राकृतिक और जैविक प्रक्रिया के रूप में देखता है, जो मानव समाज के विकास के साथ हुई। | + | आधुनिक भाषा विज्ञान - भाषा की उत्पत्ति को एक प्राकृतिक और जैविक प्रक्रिया के रूप में देखता है, जो मानव समाज के विकास के साथ हुई। |
| | | |
− | दैवी वाक सिद्धांत: भाषा की उत्पत्ति को दैवीय और पवित्र मानता है, जिसे ईश्वर या किसी दिव्य शक्ति द्वारा प्रदान किया गया है। | + | दैवी वाक सिद्धांत - भाषा की उत्पत्ति को दैवीय और पवित्र मानता है, जिसे ईश्वर या किसी दिव्य शक्ति द्वारा प्रदान किया गया है। |
| | | |
− | '''2.भाषा की प्रकृति:''' | + | '''2.भाषा की प्रकृति''' |
| | | |
− | आधुनिक भाषा विज्ञान: भाषा को एक संरचनात्मक और सामाजिक उपकरण मानता है, जो समाज में संचार के लिए विकसित हुआ है। | + | आधुनिक भाषा विज्ञान - भाषा को एक संरचनात्मक और सामाजिक उपकरण मानता है, जो समाज में संचार के लिए विकसित हुआ है। |
| | | |
− | दैवी वाक सिद्धांत: भाषा को एक पवित्र और अलौकिक तत्व के रूप में देखता है, जो ज्ञान और सत्य की अभिव्यक्ति के लिए महत्वपूर्ण है। | + | दैवी वाक सिद्धांत - भाषा को एक पवित्र और अलौकिक तत्व के रूप में देखता है, जो ज्ञान और सत्य की अभिव्यक्ति के लिए महत्वपूर्ण है। |
| | | |
− | '''3. भाषा का अध्ययन:''' | + | '''3. भाषा का अध्ययन''' |
| | | |
− | आधुनिक भाषा विज्ञान: भाषा का अध्ययन वैज्ञानिक, तर्कसंगत, और अनुभवजन्य दृष्टिकोण से करता है। | + | आधुनिक भाषा विज्ञान - भाषा का अध्ययन वैज्ञानिक, तर्कसंगत, और अनुभवजन्य दृष्टिकोण से करता है। |
| | | |
− | '''दैवी वाक सिद्धांत:''' भाषा का अध्ययन धार्मिक, आध्यात्मिक, और दार्शनिक दृष्टिकोण से करता है।
| + | दैवी वाक सिद्धांत - भाषा का अध्ययन धार्मिक, आध्यात्मिक, और दार्शनिक दृष्टिकोण से करता है। |
| | | |
| '''निष्कर्ष''' | | '''निष्कर्ष''' |