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== महाभारत का वर्ण्यविषय ==
 
== महाभारत का वर्ण्यविषय ==
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== सारांश ==
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== महाभारत में आख्यान ==
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== उद्धरण ==
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== महाभारत का संक्षिप्त परिचय ==
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महाभारत की कथा एवं कथावस्तु मुख्य रूप से कौरवों और पाण्डवों के वंश के इतिहास और उनके राज्य के अधिकार तथा युद्ध पर आधारित है। महाभारत रचना के विषय में यह प्रसिद्ध श्लोक प्राप्त होता है कि -
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== महाभारत का पर्वानुसार संक्षिप्त परिचय==
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वर्तमान में उपलब्ध महाभारत हरिवंश पुराण समेत १९ पर्वों से युक्त माना जाता है, जिसमें एक लाख श्लोक हैं। यह एक विशद् महाकाव्य है। यहाँ हम उनकी संक्षिप्त कथाएँ प्रस्तत करेंगे -
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#आदिपर्व
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#सभापर्व
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#वनपर्व
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#विराटपर्व
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#उद्योगपर्व
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#भीष्मपर्व
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#द्रोणपर्व
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#कर्णपर्व
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#शल्यपर्व
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#सौप्तिकपर्व
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#स्त्रीपर्व
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#शान्तिपर्व
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#अनुशासनपर्व
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#आश्वमेधिकपर्व
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#आश्रमवासिक पर्व
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#मौसलपर्व
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#महाप्रस्थानिकपर्व
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#स्वर्गारोहणपर्व
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==सारांश==
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महाभारतीय कथा की रूपरेखा के तीन क्रम है - जय, भारत और महाभारत। इनमें से जय की रचना का श्रेय कृष्ण द्वैपायन को है। इसमें कौरव पाण्डवीय युद्ध का आख्यान प्रधान था। युद्ध के पर्व इसके अन्तर्गत प्रमुख थे। वैशम्पायन ने भारत और सौति ने महाभारत का व्याख्यान किया। परवर्ती दो विन्यासों में इसका वह रूप बना, जो लोक संग्रह की दृष्टि से अनुत्तम कहा जा सकता है। सौति के महाभारत में लगभग एक लाख श्लोक थे, वैशम्पायन के भारत में चौबीस हजार तथा जय में केवल आठ हजार आठ सौ श्लोक थे।
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==उद्धरण==
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