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भारतीय/हिन्दू जीवनदृष्टि और जीवन शैली के सूत्र
जीवन का स्वभावज लक्ष्य मोक्ष है
जीवन का स्वभावज लक्ष्य मोक्ष है
जितना गहराई से मानव के व्यक्तित्वका अध्ययन भारतीय मनीषियों ने किया है अन्य किसी ने नहीं किया है। भारतीय मनीषियों के अनुसार मानव जीवन का लक्ष्य मोक्ष है। वर्तमान की विपरीत शिक्षा से प्रभावित लोगों के लिए जीवन के इस लक्ष्य को समझना कठिन इसलिए बन गया है कि वे ‘विचार कैसे करना चाहिए’ इस की शिक्षा से वंचित हैं। सामान्य बुध्दिवाले हर मानव को मनुष्य जीवन का लक्ष्य क्या है यह समझना कठिन बात नहीं है। हर मनुष्य चाहता है कि - १. मैं अमर हो जाऊँ | २ मैं सर्वज्ञानी बन जाऊँ। ३ मैं सदासुखी रहूँ।
जितना गहराई से मानव के व्यक्तित्वका अध्ययन भारतीय मनीषियों ने किया है अन्य किसी ने नहीं किया है। भारतीय मनीषियों के अनुसार मानव जीवन का लक्ष्य मोक्ष है। वर्तमान की विपरीत शिक्षा से प्रभावित लोगों के लिए जीवन के इस लक्ष्य को समझना कठिन इसलिए बन गया है कि वे ‘विचार कैसे करना चाहिए’ इस की शिक्षा से वंचित हैं। सामान्य बुध्दिवाले हर मानव को मनुष्य जीवन का लक्ष्य क्या है यह समझना कठिन बात नहीं है। हर मनुष्य चाहता है कि - १. मैं अमर हो जाऊँ | २ मैं सर्वज्ञानी बन जाऊँ। ३ मैं सदासुखी रहूँ।
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3. श्रीमद्भगवद्गीता
3. श्रीमद्भगवद्गीता
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==References==
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<references />अन्य स्रोत:
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१.
[[Category:Bhartiya Jeevan Pratiman (भारतीय जीवन (प्रतिमान)]]
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