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| ==ग्रह अधिष्ठित शरीराङ्ग॥ Planets Ruling The Body Parts== | | ==ग्रह अधिष्ठित शरीराङ्ग॥ Planets Ruling The Body Parts== |
| नवग्रहों में सूर्य-चन्द्र आदि जिस राशि में बैठते हैं, उसके अनुरूप रोग-विचार होता है। तथापि उनका स्वतन्त्र रूपमें जिस अङ्ग पर प्रभाव या रोग विशेष होने की सम्भावना होती है उसे अधोलिखित सारणी द्वारा समझा जा सकता है<ref>श्री नलिनजी पाण्डे, आरोग्य अङ्क, ज्योतिष-रोग एवं उपचार, गोरखपुरः गीताप्रेस (पृ०२८३)।</ref>- | | नवग्रहों में सूर्य-चन्द्र आदि जिस राशि में बैठते हैं, उसके अनुरूप रोग-विचार होता है। तथापि उनका स्वतन्त्र रूपमें जिस अङ्ग पर प्रभाव या रोग विशेष होने की सम्भावना होती है उसे अधोलिखित सारणी द्वारा समझा जा सकता है<ref>श्री नलिनजी पाण्डे, आरोग्य अङ्क, ज्योतिष-रोग एवं उपचार, गोरखपुरः गीताप्रेस (पृ०२८३)।</ref>- |
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− | मस्तिष्क-रोग, हृदय-रोग, उच्च रक्तचाप, उदरविकार, मेननजाइटिस, मिरगी, सिरदर्द, नेत्रविकार, बुखार।
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− | नेत्ररोग, हिस्टीरिया, ठंड, कफ, उदर-रोग, अस्थमा, डायरिया, दस्त, मानसिक रोग, जननाङ्ग रोग (स्त्रियोचित), पागलपन, हैजा, ट्यूमर, ड्रॉप्सी।
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− | तीव्र ज्वर, सिरदर्द, मुँहासे, चेचक, घाव, जलन, कटना, बवासीर, नासूर, साइनस, गर्भपात, रक्ताल्पता, फोड़ा, लकवा, पक्षाघात, पोलियो, गले-गर्दनके रोग, हाइड्रोसील, हर्निया ।
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| {| class="wikitable" | | {| class="wikitable" |
| |+नवग्रह, रोग तथा तत्संबन्धित अङ्ग | | |+नवग्रह, रोग तथा तत्संबन्धित अङ्ग |