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आयुर्वेदो   धनुर्वेदो  गांधर्वश्चैव    ते त्रयः। अर्थशास्त्रं चतुर्थन्तु विद्या ह्यष्टादशैव ताः।।</blockquote>
 
आयुर्वेदो   धनुर्वेदो  गांधर्वश्चैव    ते त्रयः। अर्थशास्त्रं चतुर्थन्तु विद्या ह्यष्टादशैव ताः।।</blockquote>
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* '''चतुर्वेदाः'''- ये ऋग्वेद, यजुर्वेद, सामवेद और अथर्ववेद चार वेद होते हैं।
 
* '''चतुर्वेदाः'''- ये ऋग्वेद, यजुर्वेद, सामवेद और अथर्ववेद चार वेद होते हैं।
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|अभिधानकोष ॥ शब्दकोष
 
|अभिधानकोष ॥ शब्दकोष
|लोहाभिसारशस्त्राकृतिज्ञानम्-धातुओं से हथियार बनाना।
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|छ्न्दोज्ञानम् ॥ छन्द का ज्ञान
 
|छ्न्दोज्ञानम् ॥ छन्द का ज्ञान
|गजाश्ववृषभोष्ट्राणां पल्याणादिक्रिया - हाथी, घोड़ा, बैल, ऊँट आदि का जीन, चारजामाओं का हौदा बनाना ।
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|लोहाभिसारशस्त्राकृतिज्ञानम्-धातुओं से हथियार बनाना।
 
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|क्रियाकल्पः ॥ काव्यालंकार का ज्ञान  
 
|क्रियाकल्पः ॥ काव्यालंकार का ज्ञान  
|शिशोस्संरक्षणे धारणे क्रीडने ज्ञानम्-बच्चों को पालना और खेलाना।
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|गजाश्ववृषभोष्ट्राणां पल्याणादिक्रिया - हाथी, घोड़ा, बैल, ऊँट आदि का जीन, चारजामाओं का हौदा बनाना
 
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|छलितकयोगाः ॥ छलने का कौशल
 
|छलितकयोगाः ॥ छलने का कौशल
|अपराधिजनेषु युक्तताडनज्ञानम्-अपराधियों को ढंग से दण्ड देना।
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|शिशोस्संरक्षणे धारणे क्रीडने ज्ञानम्-बच्चों को पालना और खेलाना
 
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|वस्त्रगोपनानि ॥ असुंदर को छिपाते हुये वस्त्रधारण का कौशल  
 
|वस्त्रगोपनानि ॥ असुंदर को छिपाते हुये वस्त्रधारण का कौशल  
|नानादेशीयवर्णानां सुसम्यग्लेखने ज्ञानम्-भिन्न-भिन्न देशीय लिपियों का लिखना।
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|अपराधिजनेषु युक्तताडनज्ञानम्-अपराधियों को ढंग से दण्ड देना।
 
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|द्यूतविशेषः ॥ द्यूतक्रीडा
 
|द्यूतविशेषः ॥ द्यूतक्रीडा
|ताम्बूलरक्षादिकृतिविज्ञानम्-पान को रखने, बीड़ा बनाने की विधि।
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|नानादेशीयवर्णानां सुसम्यग्लेखने ज्ञानम्-भिन्न-भिन्न देशीय लिपियों का लिखना।
 
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|आकर्षक्रीडा ॥ पासे का खेल
 
|आकर्षक्रीडा ॥ पासे का खेल
|आदानम् - कलामर्मज्ञता।
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|ताम्बूलरक्षादिकृतिविज्ञानम्-पान को रखने, बीड़ा बनाने की विधि।
 
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|बालकक्रीडनकानि ॥ बच्चों की विभिन्न क्रीडाओं का ज्ञान
 
|बालकक्रीडनकानि ॥ बच्चों की विभिन्न क्रीडाओं का ज्ञान
|आशुकारित्वम् - शीघ्र काम कर सकना ।
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|आदानम् - कलामर्मज्ञता।
 
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|वैनायिकीनां विद्यानां ज्ञानम् ॥ विनय सिखाने वाली विद्याओं का ज्ञान
 
|वैनायिकीनां विद्यानां ज्ञानम् ॥ विनय सिखाने वाली विद्याओं का ज्ञान
|प्रतिदानम् - कलाओं को सिखा सकना ।
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|आशुकारित्वम् - शीघ्र काम कर सकना ।
 
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|वैजयिकीनां विद्यानां ज्ञानम् ॥ विजय दिलाने वाली विद्याओं का ज्ञान
 
|वैजयिकीनां विद्यानां ज्ञानम् ॥ विजय दिलाने वाली विद्याओं का ज्ञान
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|प्रतिदानम् - कलाओं को सिखा सकना ।
 
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