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सुधार जारि
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|गीतम् ॥ गानविद्या
 
|गीतम् ॥ गानविद्या
|नर्तनम् ॥ Nartana (Dancing)
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|हावभावादिसंयुक्तं नर्त्तनम् - हावभाव के साथ नाचना
 
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|वाद्यम् ॥ भिन्न-भिन्न प्रकार के बाजे बजाना
 
|वाद्यम् ॥ भिन्न-भिन्न प्रकार के बाजे बजाना
|<nowiki>वादनम् || Vadana (Playing musical instruments)</nowiki>
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|अनेकवाद्यविकृतौ तद्वादने ज्ञानम्-आरकेस्ट्रा में अनेक प्रकार के बाजे बजा लेना
 
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|नृत्यम् ॥ नाचना
 
|नृत्यम् ॥ नाचना
|<nowiki>वस्त्रालङ्कारसन्धानम् || Vastralankara sandhana (Decoration by dress and ornaments)</nowiki>
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|स्त्रीपुंसोः वस्त्रालंकारसन्धानम्-स्त्री और पुरुषों को वस्त्र - अलंकार पहनाने की कला
 
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|नाट्यम् अभिनय करना
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|आलेख्यम् चित्रकारी
|<nowiki>अनेकरूपाविर्भावकृतिज्ञानम् || Anekaroopavirbhavakrti jnana (Knowledge of sundry mimicry and antics)</nowiki>
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|अनेकरूपाविर्भावकृतिज्ञानम्-पत्थर, काठ आदि पर भिन्न-भिन्न आकृतियों का निर्माण ।
 
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|आलेख्यम् चित्रकारी
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|विशेषकच्छेद्यम् तिलकरचना, पत्रावलीरचना के साँचे बनाना
|<nowiki>शय्यस्तरणसंयोगपुष्पादिग्रथनम् || shayyastaranasamyoga pushpadi grathana (Laying out of beds and furniture and weaving of garland)</nowiki>
+
|शय्यास्तरणसंयोगपुष्पादिग्रथनम् - फूल का हार गूंथना और शय्या सजाना।
 
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|विशेषकच्छेद्यम् तिलकरचना, पत्रावलीरचना के साँचे बनाना
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|तण्डुलकुसुमयलिविकाराः पूजा के लिये अक्षत एवं पुष्पों को सजाना
|<nowiki>द्युताद्यनेकक्रीडा || Dyutadyanekakreeda (Entertaining people with gambling and various tricks of magic)</nowiki>
+
|द्यूताद्यनेकक्रीडाभी रञ्जनम् - जुआ इत्यादि से मनोरंजन करना
 
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|तण्डुलकुसुमयलिविकाराः पूजा के लिये अक्षत एवं पुष्पों को सजाना
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|पुष्पास्तरणम् पुष्पसज्जा
|<nowiki>अनेकासनसन्धानैः रतेः ज्ञानम् || Anekasanasandhanaih rateh jnaana (Knowledge of different aspects of giving pleasure)</nowiki>
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|अनेकासनसन्धानै रमतेर्ज्ञानम्-कामशास्त्रीय आसनों आदि का ज्ञान
 
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|पुष्पास्तरणम् पुष्पसज्जा
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|दशनवसनाङ्गरागाः दाँत-वस्त्र एवं शरीर के अंगों को रंगना
|<nowiki>मकरन्दादीनां मद्यादीनां कृतिः || Makarandadinam madyadinam krti (Distillation of wines and spirituous liquors from flowers)</nowiki>
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|मकरन्दासवादीनां मद्यादीनां कृतिः - भिन्न-भिन्न भाँति के शराब बनाना
 
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|दशनवसनाङ्गरागाः दाँत-वस्त्र एवं शरीर के अंगों को रंगना
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|मणिभूमिकाकर्म भूमि को मणियों से सजाना
|<nowiki>शिराव्रणव्याधे शूल्यगूढाहृतौ ज्ञानम् || Shiravranavyadhe shulyagudhahrtau jnana (Extrication of thorns and relieving pain by operating on the wounds of a vein)</nowiki>
+
|शल्यगूढाहृतौ सिराघ्रणव्यधे ज्ञानम्-शरीर में घुसे हुए शल्य को शस्त्रों की सहायता से निकालना, जर्राही
 
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|मणिभूमिकाकर्म भूमि को मणियों से सजाना
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|शयनरचनम् शय्या की रचना
|<nowiki>हिङ्ग्वादिरससंयोगाद् अन्नादिपचनम् || Hingvadi rasasamyogad annadi pachana (Cooking of food by intermixtures of various tastes)</nowiki>
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|हीनाद्रिरससंयोगान्नादिसम्पाचनम्-नाना रसों का भोजन बनाना ।
 
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|शयनरचनम् शय्या की रचना
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|उदकवाद्यम् जल पर हाथ से इस प्रकार आघात करना कि मृदङ्ग आदि वाद्यों के समान ध्वनि उत्पन्न हो
|<nowiki>वृक्षादिप्रसवारोपपालनादिकृतिः || Vrkshadiprasavaropapalanadi krti Udakaghat (Planting, grafting and preservation of plants)</nowiki>
+
|वृक्षादिप्रसवारोपपालनादिकृतिः- पेड़-पौधों की देखभाल, रोपाई, सिंचाई का ज्ञान ।
 
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|उदकवाद्यम् ॥ जल पर हाथ से इस प्रकार आघात करना कि मृदङ्ग आदि वाद्यों के समान ध्वनि उत्पन्न हो
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|उदकाघातः जलक्रीड़ा के समय कलात्मक ढंग से छींटे मारना या जल को उछालना
|<nowiki>पाषाणधात्वादिहतिस्तद्भस्मोकरणम् || Pashanadhatvadi hatistadbhasmokarana (Melting and powdering of stones and metals)</nowiki>
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|पाषाणधात्वादिदृतिभस्मकरणम्-पत्थर और धातुओं को गलाना तथा भस्म बनाना ।
 
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|उदकघातः जलक्रीड़ा के समय कलात्मक ढंग से छींटे मारना या जल को उछालना
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|चित्रायोगाः औषधि, मणि, मंत्र आदि के रहस्यमय प्रयोग
|<nowiki>इक्षुविकाराणां कृतिज्ञानम् || Ikshuvikaranam Krtijnana (Using preparations from sugarcanes)</nowiki>
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|यावदिक्षुविकाराणां कृतिज्ञानम्-फल के रस से मिश्री, चीनी आदि भिन्न-भिन्न चीजें बनाना।
 
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|चित्रायोगाः ॥ औषधि, मणि, मंत्र आदि के रहस्यमय प्रयोग
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|माल्यग्रथनविकल्पाः ॥ औषधि, मणि, मंत्र आदि के रहस्यमय प्रयोग
|<nowiki>धात्वौषधीनां संयोगक्रियाज्ञानम् || Dhatu Aushadhinam samyoga Kriya jnana (Knowledge of mixtures of metals and medicinal plants)</nowiki>
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|धात्वोषधीनां संयोगक्रियाज्ञानम्-धातु और औषधों के संयोग से रसायनों का बनाना।
 
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|माल्यग्रथनविकल्पाः ॥ औषधि, मणि, मंत्र आदि के रहस्यमय प्रयोग
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|शेखरकापीडयोजनम् ॥ शेखरक और आपीड (शिर पर धारण किये जाने वाले पुष्पाभरण) की योजना
|<nowiki>धातुसाङ्कर्य्यपार्थक्यकरणम् || Dhatu sankaryaparthakya karana (Analysis and synthesis of metals)</nowiki>
+
|धातुसाङ्कर्यपार्थक्यकरणम्-धातुओं के मिलाने और अलग करने की विद्या । के नये संयोग बनाना ।
 
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|शेखरकापीडयोजनम् ॥ शेखरक और आपीड (शिर पर धारण किये जाने वाले पुष्पाभरण) की योजना
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|नेपथ्ययोगाः ॥ वेश-भूषा धारण की कला
|<nowiki>धात्वादीनां संयोगापूर्वज्ञानम् || Dhatu adinam samyogapoorva jnana (Preparation of alloys)</nowiki>
+
|धात्वादीनां संयोगापूर्वविज्ञानम्-धातुओं के नये संयोग बनाना ।
 
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|नेपथ्ययोगाः वेश-भूषा धारण की कला
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|कर्णपत्रभङ्गाः हाथीदाँत के पत्तरों आदि से कर्णाभूषण की रचना
|<nowiki>क्षारनिष्कासनज्ञानम् || ksharanishkasana jnana (Preparation of salts)</nowiki>
+
|क्षारनिष्कासनज्ञानम्-खार बनाना ।
 
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|कर्णपत्रभङ्गाः हाथीदाँत के पत्तरों आदि से कर्णाभूषण की रचना
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|गन्धयुक्तिः सुगंध की योजना
|<nowiki>पदादिन्यासतः शस्त्रसन्धानविक्षेपः || Padadinyasata shastrasandhana vikshepa (Use and arrangement of arms by proper arrangement of legs). </nowiki>
+
|पदादिन्यासतः शस्त्रसन्धाननिक्षेपः-पैर ठीक करके धनुष चढ़ाना और बाण फेंकना।
 
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|गन्धयुक्तिः सुगंध की योजना
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|भूषणयोजनम् आभूषण निर्माण की कला
|<nowiki>सन्ध्याघाताकृष्टिभेदैः मल्लयुद्धम् || Sandhyaghatakrshribhedaih Mallayuddha (Duelling with various artifices)</nowiki>
+
|सन्ध्याघाताकृष्टिभेदैः मल्लयुद्धम्-तरह-तरह के दाँव-पेंच के साथ कुश्ती लड़ना ।
 
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|भूषणयोजनम् ॥ आभूषण निर्माण की कला
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|ऐन्द्रजालम् ॥ इन्द्रजाल या जादू का खेल
|<nowiki>मल्लानामशस्त्रं मुष्टिभिः बाहुयुद्धम् || Mallanamashastram mushtibhih bahuyuddha (Hand to hand fight)</nowiki>
+
|अभिलक्षिते देशे यन्त्राद्यस्त्रनिपातनम्-शस्त्रों को निशाने पर फेंकना ।
 
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|इन्द्रजालम् ॥ इन्द्रजाल या जादू का खेल
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|कौचुमारयोगाः ॥ कुचुमारतंत्र में बताये गये वाजीकरण आदि प्रयोग
|<nowiki>बलदर्पविनाशान्तं नियुद्धम् || Baladarpavinashantam Niyuddha (Niyuddha for destruction of enemy's power and vanity)</nowiki>
+
|वाद्यसंकेततो व्यूहरचनादि-बाजे के संकेत से सेना की व्यूह रचना।
 
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|22
|कौचुमारयोगाः कुचुमारतंत्र में बताये गये वाजीकरण आदि प्रयोग
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|हस्तलाघवम् हाथ की सफाई
|<nowiki>सन्निपातावघातैश्च कृतं निपीडनम् तन्मुक्तिः || Sannipatavaghataishcha Krtam nipeedanam tanmukti (Attack by duellers and method of extricating oneself from these)</nowiki>
+
|गजाश्वरथगत्या तु युद्धसंयोजनम्-हाथी, घोड़े या रथ से युद्ध करना ।
 
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|हस्तलाघवम् ॥ हाथ की सफाई
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|विचित्रशाकयूषभक्ष्यविकारक्रिया ॥ नाना प्रकार के व्यंजन, यूष-सूप आदि बनाने की कला ।
|<nowiki>अभिलक्षिते देशे यन्त्राद्यस्वनिपातनम् || Abhilakshite deshe yantradyasvanipatana (Throwing of arms and implements towards some fixed point)</nowiki>
+
|विविधासनमुद्राभिः देवतातोषणम्-विभिन्न आसनों तथा मुद्राओं के द्वारा देवता को प्रसन्न करना।
 
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|24
|विचित्रशाकापूपभक्ष्यविकारक्रिया ॥ नाना प्रकार के व्यंजन, यूष-सूप आदि बनाने की कला
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|पानकरसरागासवयोजनम् ॥ प्रपाणक, आराव आदि पेय बनाने की कला
|<nowiki>वाद्यसङ्केततो व्यूहरचना || Vadyasanketato Vyuharachana (Formation of battle arrays according to signals given by musical instruments)</nowiki>
+
|सारथ्यम् रथ हाँकना, वाहन चलाना।
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|पानकरसरागासवयोजनम् ॥ प्रपाणक, आराव आदि पेय बनाने की कला
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|[[Textile Technology (तन्तुकार्यम्)|सूचीवापकर्म]] ॥  वस्त्ररचना एवं कढ़ाई का शिल्प
|<nowiki>गजाश्वरथगत्या युद्धसंयोजनम् || Gajashvarathagatya Yuddhasamyojana (Arrangement of horses, elephants and chariots in war)</nowiki>
+
|गजाश्वादे: गतिशिक्षा- हाथी-घोड़ों आदि की चाल सिखाना।
 
   
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|[[Textile Technology (तन्तुकार्यम्)|सूचीवापकर्म]] ॥  वस्त्ररचना एवं कढ़ाई का शिल्प
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|सूत्रक्रीडा ॥ हाथ के सूत्र (धागा आदि) से नानाप्रकार की आकृतियॉं बुनना
|<nowiki>विविधासनमुद्राभिः देवतातोषणम् || Vividhasanamudrabhih devatatoshana (Propitiation of Gods by various seats and postures)</nowiki>
+
|मृत्तिकाकाष्ठपाषाणधातुभाण्डादिसत्क्रिया-मिट्टी, लकड़ी पत्थर और धातु के बर्तन बनाना ।
 
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|27
|वीणाडमरुकसूत्रक्रीडा ॥ वीणा, डमरु आदि बजाना
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|वीणाडमरुकवाद्यानि ॥ वीणा, डमरु आदि बजाना
|<nowiki>सारथ्यं च गजाश्वादेर्गतिशिक्षा || Sarathyam cha Gajashvadergatishiksha (Driving horses and elephants)</nowiki>
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|चित्राद्यालेखनम् - चित्र बनाना।
    
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|प्रहेलिका ॥ पहेलियाँ बुझाना
 
|प्रहेलिका ॥ पहेलियाँ बुझाना
|<nowiki>मृत्तिकाभाण्डादिसत्क्रिया || Mrttika bhandadi satkrya (Cleansing, etc of earthen vessels)</nowiki>
+
|तटाकवापीप्रसादसमभूमिक्रिया-कुँआ, पोखरे खोदना तथा जमीन बराबर करना
 
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|प्रतिमा* ॥ अंत्याक्षरी
 
|प्रतिमा* ॥ अंत्याक्षरी
|<nowiki>काष्ठभाण्डादिसत्क्रिया || Kashtha bhandadi satkrya (Cleansing, etc of wooden vessels)</nowiki>
+
|घट्याद्यनेकयन्त्राणां वाद्यानां कृतिः - वाद्य - यन्त्र तथा पनचक्की जैसी मशीनों का बनाना ।
 
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|दुर्वचकयोगाः ॥ कठिन उच्चारण और गूढ अर्थों वाले श्लोको
+
|दुर्वाचकयोगाः ॥ कठिन उच्चारण और गूढ अर्थों वाले श्लोकों की रचना
की रचना
+
|हीनमध्यादिसंयोगवर्णाद्यै रंजनम् - रंगों के भिन्न-भिन्न मिश्रणों से चित्र रँगना
|<nowiki>पाषाणभाण्डादिसत्क्रिया || Pashana bhandadi satkrya (Cleansing, etc of stone vessels)</nowiki>
   
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|पुस्तकवाचनम् ॥ पुस्तक बाँचने का शिल्प
 
|पुस्तकवाचनम् ॥ पुस्तक बाँचने का शिल्प
|<nowiki>धातुभाण्डादिसत्क्रिया || Dhatu bhandadi satkrya (Cleansing, etc of metal vessels)</nowiki>
+
|जलवाटवग्निसंयोगनिरोधैः क्रिया- जल, वायु, अग्नि को साथ मिलाकर और अलग-अलग रखकर कार्य करना, इन्हें बाँधना ।
 
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|नाटिकाख्यायिकादर्शनम्  ॥ नाट्य एवं कथा-काव्यों का रसास्वादन  
 
|नाटिकाख्यायिकादर्शनम्  ॥ नाट्य एवं कथा-काव्यों का रसास्वादन  
|<nowiki>चित्राद्यालिखनम् || Chitradyalikhana (Picture drawing)</nowiki>
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|नौकारथादियानानां कृतिज्ञानम् - नौका, रथ आदि सवारियों का बनाना।
 
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|काव्यसमस्यापूरणम् ॥ समस्यापूर्ति
 
|काव्यसमस्यापूरणम् ॥ समस्यापूर्ति
|<nowiki>तडागवापीप्रासादसमभूमिक्रिया || Tadagavapiprasada samabhumi krya (Construction of tanks, canals, palaces and squares)</nowiki>
+
|सूत्रादिरज्जुकरणविज्ञानम्- सूत और रस्सी बनाने का ज्ञान ।
 
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|पट्टिकावेत्रवाणविकल्पाः ॥ बेंत ओर बाँस का शिल्प
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|पट्टिकावानवेत्रविकल्पाः ॥ बेंत ओर बाँस का शिल्प
|<nowiki>घट्यादानेकयन्त्राणां वाद्यानां कृतिः || Ghatyadanekayantranam vadyanam krtih (Construction of clocks, watches and musical instruments)</nowiki>
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|अनेकतन्तुसंयोगैः पटबन्धः- सूत से कपड़ा बुनना ।
 
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|तक्षकर्माणि ॥ नक्काशी का काम
 
|तक्षकर्माणि ॥ नक्काशी का काम
|<nowiki>हीनमध्यादिसंयोगवर्णाद्यै रञ्जनम् || Hinamadhyadisamyogavarnadyai ranjana (Dyeing by application of inferior, middling and other colours)</nowiki>
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|रत्नानां वेधादिसदसद्ज्ञानम् रत्नों की परीक्षा, उन्हें काटना- छेदना आदि।
 
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|तक्षणम् ॥ काष्ठकर्म  
 
|तक्षणम् ॥ काष्ठकर्म  
|<nowiki>जलवाय्वग्निसंयोगनिरोधैश्च क्रिया || Jalavayvanisamyoga nirodhaishcha krya (Putting down actions of water, air and fire)</nowiki>
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|स्वर्णादीनान्तु याथार्थ्यविज्ञानम् - सोने आदि के जाँचने का ज्ञान।
 
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|वास्तुविद्या ॥ स्थापत्य शिल्प
 
|वास्तुविद्या ॥ स्थापत्य शिल्प
|<nowiki>नौकारथादियानानां कृतिज्ञानम् || naukarathadiyananam krti jnana (Preparation of boats, chariots and conveyances)</nowiki>
+
|कृत्रिमस्वर्णरत्नादिक्रियाज्ञानम् - बनावटी सोना, रत्न (इमिटेशन) आदि बनाना।
 
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|रूप्यरत्नपरीक्षा  ॥ चाँदी-सोना आदि धातुओं तथा रत्नों की परीक्षा
 
|रूप्यरत्नपरीक्षा  ॥ चाँदी-सोना आदि धातुओं तथा रत्नों की परीक्षा
|<nowiki>सूत्रादिरज्जुकरणविज्ञानम् || Sutradirajjukarana vijnana (Preparation of threads and ropes)</nowiki>
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|स्वर्णाद्यलंकारकृतिः - सोने आदि का गहना बनाना।
 
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|धातुवादः  ॥  धातु-शोधन, मिश्रण आदि  
 
|धातुवादः  ॥  धातु-शोधन, मिश्रण आदि  
|<nowiki>अनेकतन्त्तुसंयोगैः पटबन्धः || Anekatantusamyogaih Patabandha (Weaving of fabrics)</nowiki>
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|लेपादिसत्कृतिः- मुलम्मा देना, पानी चढ़ाना।
 
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|मणिरागज्ञानम्  ॥ मणियों को रंगना एवं उनके आकर का ज्ञान
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|मणिरागाकरज्ञानम् ॥ मणियों को रंगना एवं उनके आकर का ज्ञान
|<nowiki>रत्नानां वेधादिसदसज्ज्ञानम् || Ratnanam vedhadisadasad jnana (Testing of gems)</nowiki>
+
|चर्मणां मार्दवादिक्रियाज्ञानम् चमड़े को नर्म बनाना।
 
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|आकरज्ञानम् Akara jnana (Knowledge of latent minerals)
+
|वृक्षायुर्वेदयोगाः वृक्षों के दीर्घायुष्य का शिल्प एवं उपवन लगाने की कला
|<nowiki>स्वर्णादीनां याथात्म्यविज्ञानम् || Svarnadinam yathatmya vijnana (Testing of gold and other metals)</nowiki>
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|पशुचर्माङ्गनिर्हारज्ञानम्-पशु के शरीर से चमड़ा, मांस आदि को अलग कर सकना।
 
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|वृक्षायुर्वेदयोगाः ॥ मेष आदि पशु पक्षियों को लड़ाना
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|मेषकुक्कुटलावकयुद्धविधिः ॥ मेष आदि पशु पक्षियों को लड़ाना
|<nowiki>कृत्रिमस्वर्णरत्नादिक्रियाज्ञानम् || Krtrimasvarnaratnadi krya jnana (Preparation of artificial gold and gems) and स्वर्णाद्यलङ्कारकृतिः लेपादिसत्कृतिः ॥ Svarnadi alankara krti lepadisatkrti (Making of ornaments with gold and other metals and enamelling)</nowiki>
+
|दुग्धदोहादिघृतान्तं विज्ञानम् - दूध दुहना और उससे घी आदि निकालना।
 
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|मेषकुक्कुटलावकयुद्धविधिः मेष आदि पशु पक्षियों को लड़ाना
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|शुकसारिकाप्रलापनम्  तोता-मैना आदि को बोलना सिखाना
|<nowiki>चर्मणां मार्दवादिक्रियाज्ञानम् || Charmanam mardavadi krya jnana (Softening of leathers)</nowiki>
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|कञ्चुकादीनां सीवने विज्ञानम् - चोली आदि का सीना ।
 
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|शुकसारिकाप्रलापनम्  ॥ तोता-मैना आदि को बोलना सिखाना
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|उत्सादने संवाहने केशमर्दने च कौशलम् ॥ शरीर दबाने, सिर पर तेल लगाने आदि की
|<nowiki>पशुचर्माङ्गनिर्हारक्रियाज्ञानम् || Pashucharmanganirhara krya jnana (Flaying of skins from the bodies of the beasts)</nowiki>
+
|जले बाह्वादिभिस्तरणम् हाथ की सहायता से तैरना। ।
 
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|-
 
|45
 
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|उत्सादनम्  शरीर दबाने, सिर पर तेल लगाने आदि की
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|अक्षरमुष्टिकाकथनम् संकेत भाषा का ज्ञान
|<nowiki>दुग्धदोहादिविज्ञानम् || Dugdhadohadi vijnana (Milking)</nowiki>
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|गृहभाण्डादेर्मार्जने विज्ञानम् - घर तथा घर के बर्तनों को साफ करने में निपुणता।
 
   
|-
 
|-
 
|46
 
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|केशमार्जनकौशलम्  Keshamarjana kaushala (Cleaning and dressing the hair)
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|म्लेच्छितकविकल्पाः गुप्तभाषा का ज्ञान
|<nowiki>घृतान्तम् || Grtanta (Churning)</nowiki>
+
|वस्त्रसंमार्जनम् - कपड़ा साफ करना
 
|-
 
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|अक्षरमुष्टिकाकथनम् Aksharamushtika kathana (Reading letters removed from one's sight and divining the nature of substances held within one's palm)
+
|देशभाषाज्ञानम्  लोकभाषाओं का ज्ञान
|<nowiki>सीवने कञ्चुकादीनां विज्ञानम् || Seevane Kanchukadinam Vijnana (Sewing of covers)</nowiki>
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|क्षुरकर्म - हजामत बनाना ।
 
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|म्लेच्छितकविकल्पाः ॥ Mlecchitaka vikalpa (Knowledge of books written in the language of Barbarians)
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|पुष्पशकटिका॥ पुष्पों से गाड़ी आदि बनाना या सजाना
|<nowiki>बाह्वादिभिः जले तरणम् || Bahvadibhih jale tarana (Swimming)</nowiki>
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|तिलमांसादिस्नेहानां निष्कासने कृतिः-तिल और मांस आदि से तेल निकालना।
 
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|देशभाषाज्ञानम्  Deshabhasha jnana (Fluently talking in the different Bharat's dialects)
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|निमित्तज्ञानम् शकुन ज्ञानम्
|<nowiki>मार्जने गृहभाण्डादेः विज्ञानम् || Marjane Grhabhandadeh Vijnana (Cleansing of domestic utensils)</nowiki>
+
|सीराद्याकर्षणे ज्ञानम्-खेत जोतना, निराना आदि।
 
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|पुष्पशकटिकानिमित्तज्ञानम् Pushpashakatika nimitta jnana (Decoration of vehicles with flowers and Reading good or bad omens)
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|यन्त्रमातृका यंत्ररचना का शिल्प
|<nowiki>वस्त्रसम्मार्जनम् || Vastrasammarjana (Cleaning of clothes)</nowiki>
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|वृक्षाद्यारोहणे ज्ञानम् - वृक्ष आदि पर चढ़ना।
 
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|यन्त्रमातृका Yantramatrka (Making diagrams by means of letters arranged in different orders as mystical formulae to be worshipped or worn as an amulet)
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|धारणमातृका स्मरणशक्ति बढ़ाने की कला
|<nowiki>क्षुरकर्म || Kshurakarma (Shaving)</nowiki>
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|मनोनुकूलसेवायाः कृतिज्ञानम् - अनुकूल सेवा द्वारा दूसरों को प्रसन्न करना ।
 
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|धारणमातृका Dharanamatrka (Remembering heard sentences)
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|सम्पाठ्यम् काव्यपाठ की कला
|<nowiki>तिलमांसादिस्नेहानां निष्कासने कृतिः || Tilamamsadisnehanam nishkasane krti ((Extraction of oil from seeds and fats from flesh)</nowiki>
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|वेणुतृणादिपात्राणां कृतिज्ञानम् -बाँस, नरकट आदि से बर्तन आदि बना लेना।
 
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|सम्पाट्यम् ॥ Sampatya (Splitting hard substances such as diamonds into two or more pieces of different shapes)
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|मानसीकाव्यक्रिया ॥ मौखिक काव्यरचना
|<nowiki>सीराद्याकर्षणे ज्ञानम् || Seeradyakarshane jnana (Drawing of ploughs)</nowiki>
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|काचपात्रादिकरणविज्ञानम् - शीशे का बर्तन आदि बनाना
 
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|मानसीकाव्यक्रिया ॥ Manasikavya kriya (Reading the thoughts of others and bringing them out in a verse)
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|अभिधानकोष ॥ शब्दकोष
|<nowiki>वृक्षाद्यारोहणे कला || Vrkshadyarohane kala (Climbing of trees)</nowiki>
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|लोहाभिसारशस्त्राकृतिज्ञानम्-धातुओं से हथियार बनाना।
 
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|क्रियाविकल्पाः ॥ Kriyavikalpa (Poetry forms)
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|छ्न्दोज्ञानम् ॥ छन्द का ज्ञान
|<nowiki>मनोऽनुकूलसेवायाः कृतिज्ञानम् || Manonukulasevayah krti jnana (Knowledge of pleasing in work)</nowiki>
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|गजाश्ववृषभोष्ट्राणां पल्याणादिक्रिया - हाथी, घोड़ा, बैल, ऊँट आदि का जीन, चारजामाओं का हौदा बनाना ।
 
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|छलितकयोगाः ॥ Chalitayoga (Conceal body or speech)
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|क्रियाकल्पः ॥ काव्यालंकार का ज्ञान
|<nowiki>वेणुतृणादिपात्राणां कृतिज्ञानम् || Venutrnadipatranam krti jnana (Making of vessels with bamboo straws)</nowiki>
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|शिशोस्संरक्षणे धारणे क्रीडने ज्ञानम्-बच्चों को पालना और खेलाना।
 
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|अभिधानकोषच्छन्दोज्ञानम् Abhidhanakosh chanda jnana (lexicography and prosody)
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|छलितकयोगाः छलने का कौशल
|<nowiki>काचपात्रादिकरणविज्ञानम् || Kacapatradikarana vijnana (Making of glass vessels)</nowiki>
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|अपराधिजनेषु युक्तताडनज्ञानम्-अपराधियों को ढंग से दण्ड देना।
 
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|वस्त्रगोपनानि ॥ Vastragopana (Showing off one's clothes as made of a superior texture than what they actually are)
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|वस्त्रगोपनानि ॥ असुंदर को छिपाते हुये वस्त्रधारण का कौशल
|<nowiki>जलानां संसेचनं संहरणम् || Jalanam sansechanam saharana (Pumping and withdrawing water)</nowiki>
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|नानादेशीयवर्णानां सुसम्यग्लेखने ज्ञानम्-भिन्न-भिन्न देशीय लिपियों का लिखना।
 
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|द्यूतविशेषः ॥ Dyutavishesha (Playing at dice)
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|द्यूतविशेषः ॥ द्यूतक्रीडा
|<nowiki>लोहाभिसारशस्त्रास्त्रकृतिज्ञानम् || Lohabhisarashastrastra krti jnana (Preparation of tools and implements from iron)</nowiki>
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|ताम्बूलरक्षादिकृतिविज्ञानम्-पान को रखने, बीड़ा बनाने की विधि।
 
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|आकर्षणक्रीडा ॥ Akarshana kreeda (Attracting remote objects)
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|आकर्षक्रीडा ॥ पासे का खेल
|<nowiki>गजाश्ववृषभोष्ट्राणां पल्याणादिक्रिया || Gajashvavrshbhoshtranam palyanadi krya (Preparation of saddles for horses, elephants, bulls and camels)</nowiki>
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|आदानम् - कलामर्मज्ञता।
 
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|बालकक्रीडनकानि ॥ Balaka kreedanaka (Playing childrens' games)
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|बालकक्रीडनकानि ॥ बच्चों की विभिन्न क्रीडाओं का ज्ञान
|<nowiki>शिशोः संरक्षणे धारणे क्रीडने ज्ञानम् || Shisho samrakshane dharane kreedane jnana (Maintenance, entertainment and nursing of children)</nowiki>
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|आशुकारित्वम् - शीघ्र काम कर सकना ।
 
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|वैनायिकीनां विद्यानां ज्ञानम् ॥ Vainaayiki vidya jnana (The Practice of charms)
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|वैनायिकीनां विद्यानां ज्ञानम् ॥ विनय सिखाने वाली विद्याओं का ज्ञान
|<nowiki>अपराधिजने मुयुक्ताताडनज्ञानम् || Aparadhijane muyuktatadana jnana (Punishment of offenders)</nowiki>
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|प्रतिदानम् - कलाओं को सिखा सकना ।
 
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|वैजयिकीनां विद्यानां ज्ञानम् ॥ Vaijayiki vidya jnana (Fore knowledge of the party going to win in a debate)
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|वैजयिकीनां विद्यानां ज्ञानम् ॥ विजय दिलाने वाली विद्याओं का ज्ञान
|<nowiki>नानादेशीयवर्णानां सुसम्यग् लेखने || Nanadeseeyavarnanam susamyag lekhane (Writing characters of various languages)</nowiki>
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|वैतालिकीनां विद्यानां ज्ञानम्  ॥ Vaitaliki vidya jnana (Keeping goblins and vampires under one's control)
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|व्यायामिकीनां नांविद्यानां ज्ञानम्  ॥ व्यायामविद्या का ज्ञान
|<nowiki>ताम्बूलरक्षादिकृतिविज्ञानम् || Tambularakshadi krti vijnana (Making and preservation of betels)</nowiki>
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|चिरक्रिया - देर-देर से काम करना।
 
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<nowiki>*</nowiki>The शब्दकल्पद्रुमः ॥ Shabdakalpadruma mentions प्रतिमाला ॥ Pratimala (Capping verses) instead of प्रतिमा ॥ Pratima (Sculpture)
 
<nowiki>*</nowiki>The शब्दकल्पद्रुमः ॥ Shabdakalpadruma mentions प्रतिमाला ॥ Pratimala (Capping verses) instead of प्रतिमा ॥ Pratima (Sculpture)
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