क्योंकि इस दौरान मां स्वयं और गर्भ के बालक दोनों की इच्छा की जानकारी प्राप्त होती है और पूर्ति के लिए अग्रसर रहती हैं। बच्चे के मानसिक विकास के लिए दोहले को पूरा करना महत्वपूर्ण माना जाता है। गर्भ में बच्चे को सब कुछ आत्म-सचेतन द्वारा समझ मी आता है और मां के प्रत्येक सुख दुख में एकरूप हो जाते है | </blockquote> | क्योंकि इस दौरान मां स्वयं और गर्भ के बालक दोनों की इच्छा की जानकारी प्राप्त होती है और पूर्ति के लिए अग्रसर रहती हैं। बच्चे के मानसिक विकास के लिए दोहले को पूरा करना महत्वपूर्ण माना जाता है। गर्भ में बच्चे को सब कुछ आत्म-सचेतन द्वारा समझ मी आता है और मां के प्रत्येक सुख दुख में एकरूप हो जाते है | </blockquote> |