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बुद्धि एक यंत्र है। ईश्वर ने इसे सभी मनुष्यों (समान रूप से) को दिया है। आइंस्टीन , सी.वी. रमन और आप की बुद्धि में कोई अंतर नहीं है अंतर बस इतना है की हमने इसका विकास कैसे किया और इसे किस काम में लगाया. इसके अध्ययन से  बुद्धि बढ़ती है। बुद्धि वैसा ही व्यवहार करती है जैसा मन सोचता है । मन में बुद्धि शरीर के द्वारा इच्छा उत्पन्न करने का कार्य करती है। दवाओं के माध्यम से बुद्धि के विकास के बारे में अनेक स्थानों पर वर्णित है। लेकिन स्थिर और सुरक्षित ऐसे बुद्धि का विकास अभ्यास से एकाग्रता और ध्यान से आसानी से प्राप्त किया जा सकता है। जो हम ईश्वर या महापुरुष को अपना आदर्श मानकर उसी पर एकाग्रचित्त होकर विचार करते हैं साधना बुद्धि को स्थिर करती है। बौद्धिक विकास में संस्कृत भाषा का अध्ययन भी जरूरी एक भूमिका निभाती है । निम्नलिखित प्रयोग का प्रयास करें।
 
बुद्धि एक यंत्र है। ईश्वर ने इसे सभी मनुष्यों (समान रूप से) को दिया है। आइंस्टीन , सी.वी. रमन और आप की बुद्धि में कोई अंतर नहीं है अंतर बस इतना है की हमने इसका विकास कैसे किया और इसे किस काम में लगाया. इसके अध्ययन से  बुद्धि बढ़ती है। बुद्धि वैसा ही व्यवहार करती है जैसा मन सोचता है । मन में बुद्धि शरीर के द्वारा इच्छा उत्पन्न करने का कार्य करती है। दवाओं के माध्यम से बुद्धि के विकास के बारे में अनेक स्थानों पर वर्णित है। लेकिन स्थिर और सुरक्षित ऐसे बुद्धि का विकास अभ्यास से एकाग्रता और ध्यान से आसानी से प्राप्त किया जा सकता है। जो हम ईश्वर या महापुरुष को अपना आदर्श मानकर उसी पर एकाग्रचित्त होकर विचार करते हैं साधना बुद्धि को स्थिर करती है। बौद्धिक विकास में संस्कृत भाषा का अध्ययन भी जरूरी एक भूमिका निभाती है । निम्नलिखित प्रयोग का प्रयास करें।
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संस्कृत में कोई भी किताब लें। हो सके तो भगवद गीता के ग्रन्थ के साथ आरंभ करें ,उससे  दो बाते पूर्ण हो सकती है |एक  संस्कृत भाषा का अध्ययन और पाठांतर | सनस्क्री कठिन है इसे मन से दूर भागना  और जो लिखा है उसे ही  पढ़ें , जोर से और उच्चारण पूर्वक पढ़ें ।
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संस्कृत में कोई भी किताब लें। हो सके तो भगवद गीता के ग्रन्थ के साथ आरंभ करें ,उससे  दो बाते पूर्ण हो सकती है |एक  संस्कृत भाषा का अध्ययन और पाठांतर | सनस्क्री कठिन है इसे मन से दूर भागना  और जो लिखा है उसे ही  पढ़ें , जोर से और उच्चारण पूर्वक पढ़ें ।इससे नब्बे प्रतिशत संस्कृत सीखी जा सकती है। प्रारंभ के दो चार दिन कठिन जाएंगे , परंतु कुछ महीनों के अध्ययन के बाद आप अनुभव करेंगे कि स्मृती शक्ती में वृद्धि हुई है। इसके अलावा संस्कृत शब्दो के उच्चारण से और एक लाभ है कि इनके उच्चारण से विश्व की अधिकांश भाषाओं का उच्चारण सही ढंग से किया जा सकता है। बौद्धिक विकास यह बहुत अधिक समय तक चलनेवाली प्रक्रिया है। ऐसा होने में कई साल लग सकते हैं। गर्भाधान विधी के पूर्व इसपर विचार किया जाये |
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=== आत्मा: ===
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यह शब्द और इसका आविष्कार भारतीय दर्शन की एक महत्वपूर्ण उपलब्धि माना जाता है। दर्शन के अनुसार आत्मा का अस्तित्व जन्म पूर्व हि हो जाता है , और मरने के बाद भी रहता है । इसमे परिवर्तन या बढ़ता या घटता नहीं है। इसे जलाया, सुखाया या किसी भी तरह से बनाया या नष्ट नहीं किया जा सकता है नहीं कर सकता यह जीवन का केंद्र है। जैसे ही भ्रूण विकसित होता है , इसमें आत्मा प्रवेश करती है और मृत्यु के समय शरीर छोड़ देती है। हिंदू  दर्शन के अनुसार आत्मा ईश्वर का अंश है और ध्यान के अभ्यास से इसे महसूस किया जा सकता है।
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जीवन में सही या गलत का निर्णय विवेक से होता है और इसलिये विवेक का जागरण जरूरी है। विवेक आत्मा से प्रभावित होता है। व्यक्ती को गलतियों को रोकने के लिए विवेक कार्य करता है। सभी प्रकार की पूजा , संतों साहित्य , सद्कर्म , धर्माचरण , यमनियम का उद्देश्य विवेक जागरण है। इसलिए गर्भधारण से पहले जितना हो सके इसका अध्ययन करना लाभदायक होता है।
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=== गर्भाधान प्रक्रिया ===
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शास्त्रों के अनुसार ऋतु के बाद के दिनों की रातें उपयुक्त मानी गई हैं , क्योंकि यह भ्रूण को विकसित होने के लिए पर्याप्त समय मिलता है। निषिद्ध तिथी और त्योहारो के दिन अपने कुलधर्म के अनुसार बचने की सलाह दी जाती है। उसी के अनुसार गर्भधारण की योजना बनानी चाहिए। घर का वातावरण शुभ , मंगलमय , निर्मल होता है तो इस अनुष्ठान के लिए घर एक उत्तम स्थान है। स्नान करने का मतलब शुद्ध होना , सुगंधित पदार्थ और मधुर संगीत मन को प्रसन्न करता है। वास्तविक स्खलन के समय धारणा , श्लोक , शुभवचन, सुयोगल संकल्पप्रपति संकल्प या प्रार्थना क्रिया करता है। इसलिए अपनी आस्था और मन की कला के अनुसार भगवान के नाम का जाप करें या कोई मंत्र बोलें । स्खलन के बाद प्रकृति द्वारा किया गया कार्य अपने आप हो जाता है । उस समय यदि शरीर शांत हो, मन प्रसन्न हो और ईश्वर प्रदत्त स्मरण बना रहे , तो शुभ फल प्राप्त होते हैं
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