प्राचीन काल की समृद्ध नगरी। अनेक पुराने भवनों के अवशेष आज भी इसकी कहानी कहते हैं।
प्राचीन काल की समृद्ध नगरी। अनेक पुराने भवनों के अवशेष आज भी इसकी कहानी कहते हैं।
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=== भोपाल ===
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वर्तमान मध्यप्रदेश की राजधानी व प्राचीन नगर है। यहाँ एक अति विशाल तालाब है जो अद्वितीय कहा जा सकता है। अत: यह कहावत है, ‘तालों में ताल भोपाल और सब तलैया हैं"।
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=== इन्दौर ===
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मध्यप्रदेश का प्रमुख नगर वऔद्योगिक केन्द्र।धर्मपरायण, प्रजावत्सला महारानी अहिल्याबाई की राजधानी रही है इन्दौर।
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=== अजन्ता ===
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जलगाँव से लगभग ६० कि.मी. दूरी में चित्र-गुफाएँ अर्द्धचन्द्राकार स्थिति में पर्वत को काटकर बनायी गयी हैं।अजन्ता समूह में २९ गुफाएँ हैं। ये सब गुफाएँ बौद्ध चैत्य या बौद्ध विहार हैं। गुफाओं की दीवारों पर सुन्दर चित्रकारी की गयी है। इनका निर्माण अलग-अलग कालखण्डों में किया गया है। सबसे पुरानी गुफा की चित्रकारी 200 ई. पूर्व की है। सैकड़ों वर्ष बीत जाने पर भी ये चित्र खराब नहींहुए। इनमें कुछ भित्तिचित्र तो चित्रकला के उत्कृष्ट नमूने हैं।
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=== एलोरा ===
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धृष्णेश्वर से मात्र २ कि.मी. की दूरी पर स्थिति ये गुफाएँ एक मील के घेरे में विस्तृत हैं।इस स्थान का एक नाम वेरूल भी है। यहाँ ३४ गुफा मन्दिर अथवा विहार हैं। क्रमांक १ से १३ तक की गुफाएँ बौद्ध मत से सम्बन्धित हैं। क्रमांक १४ से २९ तक की गुफाएँ शैव व वैष्णव मत का प्रतिनिधित्व करती हैं। शेष क्रमांक ३० से ३४ तक की गुफाएँ जैन मन्दिर हैं।इन्द्र गुफा, जगन्नाथ सभा तथा कलास गुफा अधिक प्रभावशाली हैं।
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=== सूरत ===
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गुजरात राज्य का यहप्रमुख नगरतापी या ताप्ती के तटपर बसा है।
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सूरत का पुराना नाम सूर्यपुर है। देव-वैद्य अश्विनीकुमारों ने यहाँ तपस्या
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की और शिव को प्रसन्न किया। वैद्यराज महादेव व अम्बाजी के मन्दिर
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यहाँ के सर्वप्रमुख मन्दिर हैं। टालेमी ने सूरत की पहचान फूलपाद के रूप
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है किआदि शांकराचार्य नेअपना वेदान्त भाष्य यहीं लिखा। ए.डी. बारबोसा
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नामक पुर्तगाली यात्रा ने सूरत का वर्णन एक व्यापारिक केन्द्र व प्रमुख
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पत्तन के रूप में किया है। सूरत केवल व्यापार का ही केन्द्र नहीं रहा वरन्