सम्भलपुर महानदी के किनारे स्थित अति प्राचीन नगर है। ग्रीक
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सम्भलपुर महानदी के किनारे स्थित अति प्राचीन नगर है। ग्रीक विद्वान टालेमी ने (दूसरी शताब्दी) इसका वर्णन मानद' के तट पर स्थित 'सम्बलक' के रूप में किया है। यहीं पर परिमल गिरेि नामक बौद्ध विश्वविद्यालय था। वज़यान नामक बौद्ध सम्प्रदाय के प्रवर्तक इन्द्रभूति का जन्म-स्थान भी यही है। सम्बलेश्वरी या सामालयी यहाँ प्रधान पूज्य देवी हैं जो महानदी के तट पर स्थित सामलयी गुडी नामक मन्दिर में प्रतिष्ठित हैं। होमा, मानेश्वर पास ही स्थित पवित्र तीर्थ हैं।
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एकऔरमहत्व की बात यहहै कि पुनरुक्ति से बचने का प्रयत्न किया
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विद्वान टालेमी ने (दूसरी शताब्दी) इसका वर्णन मानद' के तट पर स्थित
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गया है।अत: कहीं-कहीं ऐसा लग सकता हैकि कुछ स्थान छूट गये हैं।
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'सम्बलक' के रूप में किया है। यहीं पर परिमल गिरेि नामक बौद्ध पवित्र नदियों अथवा पर्वतों आदि की महिमा का प्रतिपादन करते समय
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विश्वविद्यालय था। वज़यान नामक बौद्ध सम्प्रदाय के प्रवर्तक इन्द्रभूति का
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कुछ स्थलों का विवरण भी आ गया है,अत: व्यर्थ ही पुस्तक के आकार
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जन्म-स्थान भी यही है। सम्बलेश्वरी या सामालयी यहाँ प्रधान पूज्य देवी
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में वृद्धि सेबचने के लिए स्थानों के वर्णन में उन्हेंछोड़ दिया गयाहै। आगे
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हैं जो महानदी के तट पर स्थित सामलयी गुडी नामक मन्दिर में प्रतिष्ठित भी इसी बात को ध्यान में रखकर विषय का प्रतिपादन करेंगे।
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हैं। होमा, मानेश्वर पास ही स्थित पवित्र तीर्थ हैं।
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मुटावेटर
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=== कोणार्क ===
कोणावल यह ऐतिहासिक नगर वर्तमान उड़ीसा की राजधानी है। प्राचीन
कोणावल यह ऐतिहासिक नगर वर्तमान उड़ीसा की राजधानी है। प्राचीन