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चटग्राम देश की स्वतंत्रता के लिए प्राण हथेली पर रखकर जूझने वाले क्रान्तिकारियों का प्रमुख केन्द्र रहा। मास्टर सूर्यसेन के नेतृत्व में क्रांतिकारियों ने यहाँ के शस्त्रागार को लूट लिया था। यह शाक्त मतानुयायियों का पवित्र तीर्थ स्थान है।शक्तिपीठ के रूप में चन्द्रशेखर पर्वत परचट्टल देवी का मन्दिर पूजित है। सती का दक्षिण बाहु यहाँ गिरा था। चन्द्रशेखर शिव हैं। यहाँ पर शिवरात्रि के पर्व पर मेला लगता था।  
 
चटग्राम देश की स्वतंत्रता के लिए प्राण हथेली पर रखकर जूझने वाले क्रान्तिकारियों का प्रमुख केन्द्र रहा। मास्टर सूर्यसेन के नेतृत्व में क्रांतिकारियों ने यहाँ के शस्त्रागार को लूट लिया था। यह शाक्त मतानुयायियों का पवित्र तीर्थ स्थान है।शक्तिपीठ के रूप में चन्द्रशेखर पर्वत परचट्टल देवी का मन्दिर पूजित है। सती का दक्षिण बाहु यहाँ गिरा था। चन्द्रशेखर शिव हैं। यहाँ पर शिवरात्रि के पर्व पर मेला लगता था।  
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चुका
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=== खुलना ===
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वर्तमान बंगला देश में स्थितप्राचीन नगर। मुस्लिम लीग की पाकिस्तान के निर्माण के लिए की गयी "सीधी कार्यवाही' के अन्तर्गत यहाँ भयंकर दंगेहुए। हिन्दू मोहल्ले पूरे के पूरे समाप्त कर दिये गए। माता-बहनों को सरेआम अपमानित किया गया।धार्मिक स्थानों की पवित्रता भंग की गयी। खुलना के पास शिकारपुर नामक ग्राम में सुनन्दा नदी के तटपर उग्रतारा देवी का मन्दिर है। यह प्रधान शक्तिपीठ है। सती की नासिका यहाँ पर गिरी थी।
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वर्तमान बंगला देश में स्थितप्राचीन नगर। मुस्लिम लीग की पाकिस्तान
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भवानीपुर, ईश्वरीपुर, कोमिल्ला, ब्रह्मपुत्रपुर, महार, कालीबाड़ी तथा जयन्तियापुर आदि बंगलादेश स्थित प्रमुख स्थान हैं। इन स्थानों पर संक्रान्ति जैसे पवों पर मेलों का आयोजन किया जाता है। ब्रह्मपुत्र तीर्थ तथा कुमारी कुण्ड में श्राद्ध करने का विशेष महात्म्य है। कालीबाड़ी प्रतिष्ठित व जाग्रत देवी स्थान है।
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के निर्माण के लिए की गयी "सीधी कार्यवाही' केअन्तर्गत यहाँभयंकर दंगे
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=== त्रिस्रोता (तीस्ता ) ===
 
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जलपाईगुड़ी जिले के शालवाड़ी ग्राम में त्रिस्रोता नदी के तट पर भ्रामरी देवी का मन्दिर विराजित है। यह स्थान प्रमुख शक्तिपीठ है। सती का बायाँ पैर यहाँ पर गिरा था। यह स्थान भ्रामरी पीठ के रूप में भी प्रसिद्ध है।  
हुए। हिन्दू मोहल्ले पूरे के पूरे समाप्त कर दिये गए। माता-बहनों को
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सरेआम अपमानित किया गया।धार्मिक स्थानों की पवित्रता भंग की गयी।
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खुलना के पास शिकारपुर नामक ग्राम में सुनन्दा नदी के तटपर उग्रतारा
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देवी का मन्दिर है। यह प्रधान शक्तिपीठ है। सती की नासिका यहाँ पर
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गिरी थी।
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भवानीपुर, ईश्वरीपुर, कोमिल्ला, ब्रह्मपुत्रपुर, महार, कालीबाड़ी तथा
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जयन्तियापुर आदि बंगलादेश स्थित प्रमुख स्थान हैं। इन स्थानों पर
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संक्रान्ति जैसे पवों पर मेलों का आयोजन किया जाता है। ब्रह्मपुत्र तीर्थ
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तथा कुमारी कुण्ड में श्राद्ध करने का विशेष महात्म्य है। कालीबाड़ी
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प्रतिष्ठित व जाग्रत देवी स्थान है।
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त्रिव्ोता(ति्ता)  
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जलपाईगुड़ी जिले के शालवाड़ी ग्राम में त्रिस्रोता नदी के तट पर  
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भ्रामरी देवी का मन्दिर विराजित है। यह स्थान प्रमुख शक्तिपीठ है। सती  
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का बायाँ पैर यहाँ पर गिरा था। यह स्थान भ्रामरी पीठ के रूप में भी  
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प्रसिद्ध है।  
      
ढहाविॉलेगा  
 
ढहाविॉलेगा  
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