Line 103:
Line 103:
नीचे ही देवी नांदनी रूप में प्रतिष्ठित मानी जाती हैं।
नीचे ही देवी नांदनी रूप में प्रतिष्ठित मानी जाती हैं।
−
१९. '''श्रीशैल :'''आन्ध्रप्रदेश में श्रीशैल पर्वत पर भगवान शिव मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिग के रूप में प्रतिष्ठित हैं। वहीं पर भ्रमराम्बा मन्दिर शक्तिपीठ है। इस मन्दिर में देवी महालक्ष्मी रूप में
+
१९. '''श्रीशैल :'''आन्ध्रप्रदेश में श्रीशैल पर्वत पर भगवान शिव मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग के रूप में प्रतिष्ठित हैं। वहीं पर भ्रमराम्बा मन्दिर शक्तिपीठ है। इस मन्दिर में देवी महालक्ष्मी रूप में
विराजमान है।
विराजमान है।
Line 125:
Line 125:
२५. '''रामगिरि :''' प्रसिद्ध ऐतिहासिक स्थल चित्रकूट के रामगिरि पर शारदा मन्दिर है। यहीं शक्तिपीठ है। यहाँ देवी शिवानी रुप में विराजमान हैं।
२५. '''रामगिरि :''' प्रसिद्ध ऐतिहासिक स्थल चित्रकूट के रामगिरि पर शारदा मन्दिर है। यहीं शक्तिपीठ है। यहाँ देवी शिवानी रुप में विराजमान हैं।
−
26. '''वैद्यनाथ :''' प्रसिद्ध ज्योतिर्लिग वैद्यनाथ के मन्दिर के सामनेशक्ति-मन्दिर स्थित है। यहाँ देवी जयदुर्गा नाम से विराजित है। यहाँ सती-देह का हुदय गिरा था, अत: देवी को हुदयेश्वरी जयदुगर्ग
+
26. '''वैद्यनाथ :''' प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग वैद्यनाथ के मन्दिर के सामनेशक्ति-मन्दिर स्थित है। यहाँ देवी जयदुर्गा नाम से विराजित है। यहाँ सती-देह का हुदय गिरा था, अत: देवी को हुदयेश्वरी जयदुगर्ग
के नाम से पुकारा जाता है।
के नाम से पुकारा जाता है।