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→‎जमशेदपुर ( टाटा नगर ): लेख सम्पादित किया
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=== जमशेदपुर ( टाटा नगर ) ===
 
=== जमशेदपुर ( टाटा नगर ) ===
आज से लगभग ९० वर्ष पूर्व कोई नहीं जानता था कि थोड़े ही दिनों में छोटा सा साक्ची गाँव दुनियाभर में इस्पातनगरी के रूप में प्रसिद्ध हो जायेगा। परन्तुआज यह बात प्रसिद्ध उद्यमी जमशेदजी टाटा के अथक परिश्रम से सर्वविदित है। १९०७ में श्री टाटा ने यहाँ इस्पात का एक कारखाना लगाया और देखते ही देखते पुराना साकची गाँव जमशेदपुर (टाटा नगर) में बदल गया।जमशेदपुर इस बात का जीता-जागता प्रमाण है कि भारत में सभी समुदायों के लोगों को उन्नति के न केवल समान अवसरप्राप्त हैं वरन् वे उन्नति करते-करते चरमोत्कर्ष पर पहुँच सकते हैं।  
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आज से लगभग ९० वर्ष पूर्व कोई नहीं जानता था कि थोड़े ही दिनों में छोटा सा साक्ची गाँव दुनियाभर में इस्पातनगरी के रूप में प्रसिद्ध हो जायेगा। परन्तुआज यह बात प्रसिद्ध उद्यमी जमशेदजी टाटा के अथक परिश्रम से सर्वविदित है। १९०७ में श्री टाटा ने यहाँ इस्पात का एक कारखाना लगाया और देखते ही देखते पुराना साकची गाँव जमशेदपुर (टाटा नगर) में बदल गया।जमशेदपुर इस बात का जीता-जागता प्रमाण है कि भारत में सभी समुदायों के लोगों को उन्नति के न केवल समान अवसरप्राप्त हैं वरन् वे उन्नति करते-करते चरमोत्कर्ष पर पहुँच सकते हैं।स्मरण रहे कि जमशेद जी टाटा पारसी समुदाय से सम्बन्धित हैं। यह समुदाय सैकड़ों वर्ष पहले मध्य पूर्व से इस्लाम के अनुयायियों से मार खाकर भारत में आया और यहाँ की उन्नति में ही अपनी उन्नति समझने लगा। जमशेदपुर भारत के स्वच्छतम नगरों में गिना जाता है। पास में पहाड़ी पर विजयतारा देवी का मन्दिर, रुद्र हनुमान मन्दिरऔर गुफा में दलमेश्वर शिव, शीतलादेवी तथा कालमैरव मन्दिर स्थित हैं। 
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=== गया ===
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बिहार राज्य में फल्गु नदी के तटपर बसा प्राचीन नगरहै। जिसका उल्लेख पुराणों, महाभारत तथा बौद्ध साहित्य में हुआ है। पुराणों के अनुसार गाय नामक महापुण्यवान् विष्णुभक्त असुर के नाम पर इस तीर्थ नगर का नामकरण हुआ। मान्यता है कि गया में जिसका श्राद्ध हो वह पाप मुक्त होकरब्रह्मलोक में वास करता है।भगवान् रामचन्द्र और धर्मराज ने गया में पितृश्राद्ध किया था। पितृश्राद्ध का यह विख्यात तीर्थ है। विष्णुपद मन्दिर यहाँ का प्रमुख दर्शनीय स्थान है। गौतम बुद्ध को यहाँ से कुछ दूरी पर बोध प्राप्त हुआ था। वह स्थान बोध गया अथवा बुद्ध गया। कहलाता है। वहाँ प्रसिद्ध बोधिवृक्ष तथा भगवान् बुद्ध का विशाल मन्दिर विद्यमान है। महाभारत के वन पर्व में तथा वायु पुराण में गया का विस्तार के साथ वर्णन' किया गया है। सम्पूर्ण मगध क्षेत्र में गया पुणक्षेत्र माना गया है।" विष्णुपद, गदाधर प्रमुख मन्दिर तथा सीताकुण्ड, ब्रह्मकुण्ड, रामशिला, मतंगवापी, धर्मारण्य आदि पवित्र सरोवर व तीर्थ स्थल गया में विद्यमान हैं।
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उत्तरप्रदेश में गांगा-यमुना के संगम पर स्थित प्रयाग प्रसिद्धतीर्थहै।
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अपने असाधारण महात्म्य के कारण इसे त्रिवेणी संगम भी कहते हैं। प्रयाग
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में प्रति बारहवें वर्ष कुम्भ, प्रति छठे वर्षअर्द्ध कुम्भ औरप्रतिवर्ष माघ मेला
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लगता है।इन मेलोंमें करोड़ोंश्रद्धालु और साधु-संत पर्व स्नान करनेआते
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हैं। प्रयाग क्षेत्र में प्रजापति ने यज्ञ किया था जिससे इसे प्रयाग नाम प्राप्त
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हुआ। भारद्वाज मुनि का प्रसिद्ध गुरुकुल प्रयाग में ही था। वन जाते हुए
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श्रीराम, सीता और लक्ष्मण उसआश्रम में ठहरेथे। तुलसीकृत रामचरित-मानस
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के अनुसार वहीं परमुनि याज्ञवल्क्य नेभारद्वाज मुनि को रामकथा सुनायी
    
==References==
 
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