१७ वीं सदी में भारत में अंग्रेज आए। भारत में चलनेवाली विभिन्न सामाजिक प्रक्रियाओं को समझना उन की समझ से परे था। यहाँ पहले स्नान कौन करेगा इस के लिये झगडते नि:स्वार्थी साधू देखे। मेकॉले को कोई भिखारी दिखाई नही दिया। लोग धर्मशाला बनवाते थे। अन्नछत्र चलाते थे। धर्म का काम करते थे। ऐसा ये लोग क्यों करते हैं ? यह उन की समझ से बाहर था। | १७ वीं सदी में भारत में अंग्रेज आए। भारत में चलनेवाली विभिन्न सामाजिक प्रक्रियाओं को समझना उन की समझ से परे था। यहाँ पहले स्नान कौन करेगा इस के लिये झगडते नि:स्वार्थी साधू देखे। मेकॉले को कोई भिखारी दिखाई नही दिया। लोग धर्मशाला बनवाते थे। अन्नछत्र चलाते थे। धर्म का काम करते थे। ऐसा ये लोग क्यों करते हैं ? यह उन की समझ से बाहर था। |