Changes

Jump to navigation Jump to search
m
Text replacement - "हमेशा" to "सदा"
Line 23: Line 23:  
११. परन्तु देशीय ज्ञान की प्रतिष्ठा तो होनी चाहिए । कठिन हों तो भी मार्ग खोजने चाहिए । लम्बा रास्ता हो तो भी उस पर चलना चाहिए । यदि मार्ग एकमेव है तो चाहे जितना लम्बा हो उस पर ही चलना चाहिए ।
 
११. परन्तु देशीय ज्ञान की प्रतिष्ठा तो होनी चाहिए । कठिन हों तो भी मार्ग खोजने चाहिए । लम्बा रास्ता हो तो भी उस पर चलना चाहिए । यदि मार्ग एकमेव है तो चाहे जितना लम्बा हो उस पर ही चलना चाहिए ।
   −
१२. वर्तमान में ज्ञान की यात्रा का उल्टा चक्र चला है । वह प्रदक्षिणा का रास्ता न होकर उल्टी दिशा में चलता है । प्रदक्षिणा का रास्ता हमेशा भगवान को दाहिनी ओर रखकर चलता है । इसका संकेत यह है कि हमारे मार्गक्रमण में भगवान हमेशा साथ हैं । इसका अर्थ यही है कि हमारे ज्ञानक्षेत्र का अधिष्ठान अध्यात्म है ।
+
१२. वर्तमान में ज्ञान की यात्रा का उल्टा चक्र चला है । वह प्रदक्षिणा का रास्ता न होकर उल्टी दिशा में चलता है । प्रदक्षिणा का रास्ता सदा भगवान को दाहिनी ओर रखकर चलता है । इसका संकेत यह है कि हमारे मार्गक्रमण में भगवान सदा साथ हैं । इसका अर्थ यही है कि हमारे ज्ञानक्षेत्र का अधिष्ठान अध्यात्म है ।
    
१३. हमारा ज्ञानक्षेत्र ठीक करने के लिए हमें दिशा बदलनी पड़ेगी । जिस दिशा में चल रहे हैं उस दिशा की गति को प्रथम रोकनी पड़ेगा, अर्धवृत्त करना पड़ेगा | उसके बाद जो भी मार्ग होगा वह सही होगा । ऐसी दिशा बदलने के बाद ही हम शिक्षा को धार्मिक बना सकेंगे और धार्मिक ज्ञान की प्रतिष्ठा कर पाएंगे ।
 
१३. हमारा ज्ञानक्षेत्र ठीक करने के लिए हमें दिशा बदलनी पड़ेगी । जिस दिशा में चल रहे हैं उस दिशा की गति को प्रथम रोकनी पड़ेगा, अर्धवृत्त करना पड़ेगा | उसके बाद जो भी मार्ग होगा वह सही होगा । ऐसी दिशा बदलने के बाद ही हम शिक्षा को धार्मिक बना सकेंगे और धार्मिक ज्ञान की प्रतिष्ठा कर पाएंगे ।
Line 45: Line 45:  
२०. दूसरा अवरोध यह है कि टीवी का और उसके सदूश माध्यमों का उपयोग इतना अधिक खर्चीला होता है और टीवी की दुनिया इतनी अधिक स्पर्धा से भरी होती है कि उसका प्रयोग करते करते हम थक जाते हैं । बहुत प्रयास करने पर भी अपेक्षित परिणाम नहीं होता । बाजार में जिसे पैसा ही कमाना है उसके लिए टीवी का या विज्ञापन का उपयोग है ।
 
२०. दूसरा अवरोध यह है कि टीवी का और उसके सदूश माध्यमों का उपयोग इतना अधिक खर्चीला होता है और टीवी की दुनिया इतनी अधिक स्पर्धा से भरी होती है कि उसका प्रयोग करते करते हम थक जाते हैं । बहुत प्रयास करने पर भी अपेक्षित परिणाम नहीं होता । बाजार में जिसे पैसा ही कमाना है उसके लिए टीवी का या विज्ञापन का उपयोग है ।
   −
२१. संचार माध्यमों से प्रचार होता है इस सम्बन्ध में हमारी हमेशा दुविधा ही रहती है । अतः ऐसे प्रयास भी हम आधे मन से ही करते हैं । यह भी एक कारण है कि हम उस माध्यम से बहुत प्रभावी प्रयास नहीं कर सकते ।
+
२१. संचार माध्यमों से प्रचार होता है इस सम्बन्ध में हमारी सदा दुविधा ही रहती है । अतः ऐसे प्रयास भी हम आधे मन से ही करते हैं । यह भी एक कारण है कि हम उस माध्यम से बहुत प्रभावी प्रयास नहीं कर सकते ।
    
२२. जो मूल उपाय है वह कठिन है, लम्बा है और धैर्य की अपेक्षा करता है। वह है एक नया प्रतिमान विकसित करना और लागू करने की व्यावहारिक योजना बनाना । इस पर हम जितनी भी शक्ति लगाएंगे उतना ही परिणाम ठोस होगा । पूर्व में भी जब ऐसी परिस्थिति निर्माण हुई थी तब मनीषियों ने ऐसा ही किया था । उनके उदाहरण से हम बहुत कुछ सीख सकते हैं ।
 
२२. जो मूल उपाय है वह कठिन है, लम्बा है और धैर्य की अपेक्षा करता है। वह है एक नया प्रतिमान विकसित करना और लागू करने की व्यावहारिक योजना बनाना । इस पर हम जितनी भी शक्ति लगाएंगे उतना ही परिणाम ठोस होगा । पूर्व में भी जब ऐसी परिस्थिति निर्माण हुई थी तब मनीषियों ने ऐसा ही किया था । उनके उदाहरण से हम बहुत कुछ सीख सकते हैं ।

Navigation menu