जहाँ वह पेड़ था, वहीं से एक लोमड़ी जा रही थी और उसे बहुत तेज भूख लगी हुई थी। लोमड़ी की नजर पेड़ पर बैठे उस कौए पर पड़ी। उसने कौए के पास रोटी देखी और रोटी को किसी तरह प्राप्त कर सके इसका विचार करने लगी। जैसे ही कौआ रोटी खाने की शुरुआत करने वाला था वैसे ही नीचे से लोमड़ी की आवाज आई – “अरे कौआ महाराज, मैंंने सुना है कि यहां पर कोई कौआ है जिसकी आवाज बहुत ही मधुर है और वह बहुत ही सुरीली आवाज में गाना गाता है, क्या वो आप हैं?” | जहाँ वह पेड़ था, वहीं से एक लोमड़ी जा रही थी और उसे बहुत तेज भूख लगी हुई थी। लोमड़ी की नजर पेड़ पर बैठे उस कौए पर पड़ी। उसने कौए के पास रोटी देखी और रोटी को किसी तरह प्राप्त कर सके इसका विचार करने लगी। जैसे ही कौआ रोटी खाने की शुरुआत करने वाला था वैसे ही नीचे से लोमड़ी की आवाज आई – “अरे कौआ महाराज, मैंंने सुना है कि यहां पर कोई कौआ है जिसकी आवाज बहुत ही मधुर है और वह बहुत ही सुरीली आवाज में गाना गाता है, क्या वो आप हैं?” |