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शब्दकल्पद्रुम मे दी हुई समाज की व्याख्या के अनुसार एक जैसा ही शरीर जिन्हें प्राप्त हुआ है, लेकिन कोई समान लक्ष्य लेकर जो जी नहीं रहे होते ऐसे समुदाय को ‘समज’ कहते हैं और एक जैसा ही शरीर जिन्हें प्राप्त हुआ है किंतु साथ ही में जो एक समान लक्ष्य को लेकर विचारपूर्वक उस लक्ष्य की प्राप्ति के लिये प्रयत्नशील हैं वह समुदाय समाज कहलाता है। इसीलिये मेले में एकत्रित मानव समुदाय को भीड कहते हैं। भीड में उपस्थित लोग अलग अलग उद्देश्य लेकर मेले में आते हैं। इसलिये भीड को समाज नहीं कहते। समाज भावना का सबसे अच्छा उदाहरण पंढरपुर की वारी जैसा होता है । इसमें सब का लक्ष्य एक होता है । और सबके सहभाग और सहयोग से इस लक्ष्य को प्राप्त किया जाता है । कुछ मुख्य बिंदु इस प्रकार हैं:  
 
शब्दकल्पद्रुम मे दी हुई समाज की व्याख्या के अनुसार एक जैसा ही शरीर जिन्हें प्राप्त हुआ है, लेकिन कोई समान लक्ष्य लेकर जो जी नहीं रहे होते ऐसे समुदाय को ‘समज’ कहते हैं और एक जैसा ही शरीर जिन्हें प्राप्त हुआ है किंतु साथ ही में जो एक समान लक्ष्य को लेकर विचारपूर्वक उस लक्ष्य की प्राप्ति के लिये प्रयत्नशील हैं वह समुदाय समाज कहलाता है। इसीलिये मेले में एकत्रित मानव समुदाय को भीड कहते हैं। भीड में उपस्थित लोग अलग अलग उद्देश्य लेकर मेले में आते हैं। इसलिये भीड को समाज नहीं कहते। समाज भावना का सबसे अच्छा उदाहरण पंढरपुर की वारी जैसा होता है । इसमें सब का लक्ष्य एक होता है । और सबके सहभाग और सहयोग से इस लक्ष्य को प्राप्त किया जाता है । कुछ मुख्य बिंदु इस प्रकार हैं:  
 
# मानव अकेला अपने आप जन्म नहीं लेता। वह माँ के साथ बँधकर ही, नाल से जुडकर ही जन्म लेता है। उसे एक अलग मानव तो नाल काटकर ही बनाया जाता है। इस प्रकार से मानव का समष्टि से संबंध तो गर्भ से ही आरम्भ होता है। नाल काटी जाने तक तो वह माता का ही एक हिस्सा होता है। इसलिये मानव का समाज पर अवलंबन तो गर्भावस्था से ही आरम्भ होता है। जन्म से पशूवत् मानव को रक्षण, पोषण तथा संस्कार और शिक्षा देकर उसे समाज में रहने और अपना दायित्व निभाने योग्य बनाना समाज का काम होता है। आगे समर्थ और सक्षम बनकर समाज के ऋण को चुकाना व्यक्ति का दायित्व होता है। इस दायित्व को निभाना उस व्यक्ति को अपने आगामी जीवन के लिये और समाज के लिये भी सदैव हितकारी होता है।
 
# मानव अकेला अपने आप जन्म नहीं लेता। वह माँ के साथ बँधकर ही, नाल से जुडकर ही जन्म लेता है। उसे एक अलग मानव तो नाल काटकर ही बनाया जाता है। इस प्रकार से मानव का समष्टि से संबंध तो गर्भ से ही आरम्भ होता है। नाल काटी जाने तक तो वह माता का ही एक हिस्सा होता है। इसलिये मानव का समाज पर अवलंबन तो गर्भावस्था से ही आरम्भ होता है। जन्म से पशूवत् मानव को रक्षण, पोषण तथा संस्कार और शिक्षा देकर उसे समाज में रहने और अपना दायित्व निभाने योग्य बनाना समाज का काम होता है। आगे समर्थ और सक्षम बनकर समाज के ऋण को चुकाना व्यक्ति का दायित्व होता है। इस दायित्व को निभाना उस व्यक्ति को अपने आगामी जीवन के लिये और समाज के लिये भी सदैव हितकारी होता है।
# मानव जन्म के समय तो इतना अक्षम होता है कि वह अन्य लोगों की सहायता के बगैर जी नहीं सकता। उसका पूरा विकास ही लोगों की यानी समाज की सहायता लेकर ही होता रहता है। समाज का यह ऋण होता है। देवऋण, पितरऋण, गुरूऋण, समाजऋण और भूतऋण ऐसे मोटे मोटे प्रमुख रूप से पाँच ऋण लेता हुआ ही जीवन में मानव आगे बढता है। इन ऋणों से उॠण होने के प्रयास यदि वह नहीं करता है तो इन ऋणों का बोझ, इन उपकारों का बोझ बढता ही जाता है। जिस प्रकार से ऋण नहीं चुकाने से गृहस्थ की साख घटती जाती है उसी तरह जो अपने ऋण उसी जन्म में नहीं चुका पाता वह अधम गति को प्राप्त होता है। यानी घटिया स्तर का मानव जन्म या ऋणों का बोझ जब अत्यधिक हो जाता है तब पशू योनियों में जन्म प्राप्त करता है। कृतज्ञता या ऋण का बोझ और अधम गति को जाना केवल मनुष्य को इसलिये लागू है कि उसे परमात्मा ने श्रेष्ठ स्मृति की शक्ति दी हुई है। ऋण सिध्दांत की अधिक जानकारी के लिये इस [[Elements of Hindu Jeevan Drishti and Life Style (धार्मिक/हिन्दू जीवनदृष्टि और जीवन शैली के सूत्र)|लेख]] और इस [[Personality (व्यक्तित्व)|लेख]] को देखें ।
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# मानव जन्म के समय तो इतना अक्षम होता है कि वह अन्य लोगोंं की सहायता के बगैर जी नहीं सकता। उसका पूरा विकास ही लोगोंं की यानी समाज की सहायता लेकर ही होता रहता है। समाज का यह ऋण होता है। देवऋण, पितरऋण, गुरूऋण, समाजऋण और भूतऋण ऐसे मोटे मोटे प्रमुख रूप से पाँच ऋण लेता हुआ ही जीवन में मानव आगे बढता है। इन ऋणों से उॠण होने के प्रयास यदि वह नहीं करता है तो इन ऋणों का बोझ, इन उपकारों का बोझ बढता ही जाता है। जिस प्रकार से ऋण नहीं चुकाने से गृहस्थ की साख घटती जाती है उसी तरह जो अपने ऋण उसी जन्म में नहीं चुका पाता वह अधम गति को प्राप्त होता है। यानी घटिया स्तर का मानव जन्म या ऋणों का बोझ जब अत्यधिक हो जाता है तब पशू योनियों में जन्म प्राप्त करता है। कृतज्ञता या ऋण का बोझ और अधम गति को जाना केवल मनुष्य को इसलिये लागू है कि उसे परमात्मा ने श्रेष्ठ स्मृति की शक्ति दी हुई है। ऋण सिध्दांत की अधिक जानकारी के लिये इस [[Elements of Hindu Jeevan Drishti and Life Style (धार्मिक/हिन्दू जीवनदृष्टि और जीवन शैली के सूत्र)|लेख]] और इस [[Personality (व्यक्तित्व)|लेख]] को देखें ।
 
# यत् पिंडे तत् ब्रह्मांडे के न्याय से समाज भी एक जीवंत ईकाई है। यह भी सुखी होता है, समृध्द होता है, सुसंस्कृत होता है। समाज को भी मन होता है। पंचकोश होते हैं। अपने जीने का एक तरीका होता है। श्रेष्ठ जीवन जीने की जीवनदृष्टि होती है। धार्मिक (धार्मिक) जीवनदृष्टि और व्यवहार सूत्र या जीवनशैली के सूत्र जानने के लिये इस [[Elements of Hindu Jeevan Drishti and Life Style (धार्मिक/हिन्दू जीवनदृष्टि और जीवन शैली के सूत्र)|लेख]] और इस [[Personality (व्यक्तित्व)|लेख]] को देखें ।
 
# यत् पिंडे तत् ब्रह्मांडे के न्याय से समाज भी एक जीवंत ईकाई है। यह भी सुखी होता है, समृध्द होता है, सुसंस्कृत होता है। समाज को भी मन होता है। पंचकोश होते हैं। अपने जीने का एक तरीका होता है। श्रेष्ठ जीवन जीने की जीवनदृष्टि होती है। धार्मिक (धार्मिक) जीवनदृष्टि और व्यवहार सूत्र या जीवनशैली के सूत्र जानने के लिये इस [[Elements of Hindu Jeevan Drishti and Life Style (धार्मिक/हिन्दू जीवनदृष्टि और जीवन शैली के सूत्र)|लेख]] और इस [[Personality (व्यक्तित्व)|लेख]] को देखें ।
# समाज जीवन का लक्ष्य ‘सर्वे भवन्तु सुखिन:’ से भिन्न नहीं हो सकता। इसलिये व्यक्तियों में जो अच्छी बुरी वृत्तियाँ होतीं हैं उन्हें ध्यान में रखकर समाज में व्यवस्थाएँ निर्माण करनी होती हैं। व्यवस्थाओं का प्रवर्तन चार प्रकार से होता है। सज्जन लोगों के लिये तो शिक्षा का माध्यम पर्याप्त होता है। इसे हमारे पूर्वज विनयाधान कहते थे। जो नासमझ लोग होते हैं कुछ अल्पबुध्दि होते हैं और अपनी नासमझी या अल्पबुध्दि को जानते हैं, उन के लिये अधिकारी व्यक्ति के आदेश के माध्यम से काम चल जाता है। कुछ लोग क्षणिक आवेग में व्यवस्था भंग कर देते हैं या अपराध कर देते हैं। ऐसे लोगों के लिये पश्चात्ताप और प्रायश्चित्त की व्यवस्था होती है। लेकिन जो नासमझ होकर भी अपने को समझदार मानते हैं ऐसे मूर्ख लोग और जो मूलत: दुष्ट बुध्दि होते हैं ऐसे लोगों के लिये दण्डविधान की व्यवस्था होती है।
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# समाज जीवन का लक्ष्य ‘सर्वे भवन्तु सुखिन:’ से भिन्न नहीं हो सकता। इसलिये व्यक्तियों में जो अच्छी बुरी वृत्तियाँ होतीं हैं उन्हें ध्यान में रखकर समाज में व्यवस्थाएँ निर्माण करनी होती हैं। व्यवस्थाओं का प्रवर्तन चार प्रकार से होता है। सज्जन लोगोंं के लिये तो शिक्षा का माध्यम पर्याप्त होता है। इसे हमारे पूर्वज विनयाधान कहते थे। जो नासमझ लोग होते हैं कुछ अल्पबुध्दि होते हैं और अपनी नासमझी या अल्पबुध्दि को जानते हैं, उन के लिये अधिकारी व्यक्ति के आदेश के माध्यम से काम चल जाता है। कुछ लोग क्षणिक आवेग में व्यवस्था भंग कर देते हैं या अपराध कर देते हैं। ऐसे लोगोंं के लिये पश्चात्ताप और प्रायश्चित्त की व्यवस्था होती है। लेकिन जो नासमझ होकर भी अपने को समझदार मानते हैं ऐसे मूर्ख लोग और जो मूलत: दुष्ट बुध्दि होते हैं ऐसे लोगोंं के लिये दण्डविधान की व्यवस्था होती है।
# अपनी जीवनदृष्टि के अनुसार जीने के लिये तथा लोगों के योगक्षेम के लिये समाज अपनी कुछ व्यवस्थाएँ, संस्थाएँ और प्रक्रियाएँ विकसित करता है। यह व्यवस्थाएँ मोटे तौरपर तीन उद्देष्यों के लिये होती हैं। रक्षण, पोषण और शिक्षण।
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# अपनी जीवनदृष्टि के अनुसार जीने के लिये तथा लोगोंं के योगक्षेम के लिये समाज अपनी कुछ व्यवस्थाएँ, संस्थाएँ और प्रक्रियाएँ विकसित करता है। यह व्यवस्थाएँ मोटे तौरपर तीन उद्देष्यों के लिये होती हैं। रक्षण, पोषण और शिक्षण।
 
# मानव समाज में परमात्मा निर्मित चार वर्ण होते हैं । अब इन वर्णों का लाभ व्यक्ति और समाज दोनों को मिले इस लिये हमारे पूर्वजों ने जो व्यवस्था की थी उसका विचार करेंगे। वेद सत्य ज्ञान के ग्रंथ हैं। वेदों के अनुसार जो विभिन्न वर्णों की योग्यता है उसी के लिये व्यवस्था बनाना उचित होगा। इस के चरण निम्न हैं:
 
# मानव समाज में परमात्मा निर्मित चार वर्ण होते हैं । अब इन वर्णों का लाभ व्यक्ति और समाज दोनों को मिले इस लिये हमारे पूर्वजों ने जो व्यवस्था की थी उसका विचार करेंगे। वेद सत्य ज्ञान के ग्रंथ हैं। वेदों के अनुसार जो विभिन्न वर्णों की योग्यता है उसी के लिये व्यवस्था बनाना उचित होगा। इस के चरण निम्न हैं:
 
#* प्रत्येक जन्मे हुए बालक को परखकर उसका वर्ण जानना। यह काम माता पिता अपने कुल पुरोहित के मार्गदर्शन में करें यह परंपरा थी
 
#* प्रत्येक जन्मे हुए बालक को परखकर उसका वर्ण जानना। यह काम माता पिता अपने कुल पुरोहित के मार्गदर्शन में करें यह परंपरा थी
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सहिष्णुता  
 
सहिष्णुता  
 
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विभूति संयम के लिये लोगों की या समाज की मानसिकता बनाए बगैर संतुलन संभव नहीं होता। यह मानसिकता बनाना अत्यंत कठिन काम है। ब्राह्मण वर्ण को दरिद्रता और विषय त्याग के बदले में सर्वोच्च सम्मान, क्षत्रिय को सदैव लोगों के रक्षण में रत रहकर मृत्यू की छाया में रहने के बदले में ऐश्वर्य और सत्ता, वैश्य को समूचे समाज का माता की तरह पोषण करने की जिम्मेदारी के बदले में विलास और उपभोग और शूद्र को अन्य सभी वर्णों के लोगों की सेवा के बदले में आजीविका की निश्चिन्तता प्राप्त होती है। जब समाज में सभी विभूतियाँ एक को ही या कुछ लोगों को ही प्राप्त हों और अन्य लोग विभूतियों से वंचित रह जाएँ तो कोई समाज सुख चैन से नहीं रह सकता। इसीलिये विभूति संयम (व्यक्ति की ओर से) और विभूति संतुलन (समाज की ओर से) की समाज में प्रतिष्ठापना समाज स्वास्थ्य के लिये अत्यंत महत्वपूर्ण बात है।
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विभूति संयम के लिये लोगोंं की या समाज की मानसिकता बनाए बगैर संतुलन संभव नहीं होता। यह मानसिकता बनाना अत्यंत कठिन काम है। ब्राह्मण वर्ण को दरिद्रता और विषय त्याग के बदले में सर्वोच्च सम्मान, क्षत्रिय को सदैव लोगोंं के रक्षण में रत रहकर मृत्यू की छाया में रहने के बदले में ऐश्वर्य और सत्ता, वैश्य को समूचे समाज का माता की तरह पोषण करने की जिम्मेदारी के बदले में विलास और उपभोग और शूद्र को अन्य सभी वर्णों के लोगोंं की सेवा के बदले में आजीविका की निश्चिन्तता प्राप्त होती है। जब समाज में सभी विभूतियाँ एक को ही या कुछ लोगोंं को ही प्राप्त हों और अन्य लोग विभूतियों से वंचित रह जाएँ तो कोई समाज सुख चैन से नहीं रह सकता। इसीलिये विभूति संयम (व्यक्ति की ओर से) और विभूति संतुलन (समाज की ओर से) की समाज में प्रतिष्ठापना समाज स्वास्थ्य के लिये अत्यंत महत्वपूर्ण बात है।
    
समाज का वर्णगत वर्गीकरण और उन के अनुसार विभूतियों की प्राप्ति उन्हें होने से समाज में संतुलन बना रहता है। अर्थ का अभाव और प्रभाव दोनों नहीं रहते। शासन भी विकेंद्रित रहने से बिगडने की संभावनाएँ कम हो जातीं हैं ।
 
समाज का वर्णगत वर्गीकरण और उन के अनुसार विभूतियों की प्राप्ति उन्हें होने से समाज में संतुलन बना रहता है। अर्थ का अभाव और प्रभाव दोनों नहीं रहते। शासन भी विकेंद्रित रहने से बिगडने की संभावनाएँ कम हो जातीं हैं ।
    
अन्य मुख्य बिंदु इस प्रकार हैं:
 
अन्य मुख्य बिंदु इस प्रकार हैं:
# समाज में विशेष प्रतिभावान लोग तो अपवाद से ही होते हैं। धर्म क्या है इसे समझना उसके अनुसार आचरण करना, लोगों को अपनी बातों (शिक्षा) से और आचरण से समझाना और शिक्षा या शासन के माध्यम से समाज धर्माचरण करे यह सुनिश्चित करना, यह काम इन प्रतिभावान लोगों का होना चाहिये। इस दृष्टि से उन्हें संस्कारित, शिक्षित और प्रशिक्षित करना चाहिये। साथ ही में शेष समाज आज्ञाकारी बनें यह भी उतना ही आवश्यक है। आज्ञाकारी बनाने के काम का बडा हिस्सा भारत में परिवारों में होता था। उस का शास्त्रीय समर्थन गुरुकुलों (विद्याकेंद्रों) की शिक्षा में होता था। और लोकशिक्षा के माध्यम से उस मानसिकता को बनाए रखने के लिये प्रयास होते थे। वर्तमान में यह संस्कार परिवारों में अभाव से ही होते हैं । वर्तमान विपरीत शिक्षा और डेमोक्रेसी तंत्र तो समाज की आज्ञाकारिता को नष्ट करने का काम ही करते हैं ।
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# समाज में विशेष प्रतिभावान लोग तो अपवाद से ही होते हैं। धर्म क्या है इसे समझना उसके अनुसार आचरण करना, लोगोंं को अपनी बातों (शिक्षा) से और आचरण से समझाना और शिक्षा या शासन के माध्यम से समाज धर्माचरण करे यह सुनिश्चित करना, यह काम इन प्रतिभावान लोगोंं का होना चाहिये। इस दृष्टि से उन्हें संस्कारित, शिक्षित और प्रशिक्षित करना चाहिये। साथ ही में शेष समाज आज्ञाकारी बनें यह भी उतना ही आवश्यक है। आज्ञाकारी बनाने के काम का बडा हिस्सा भारत में परिवारों में होता था। उस का शास्त्रीय समर्थन गुरुकुलों (विद्याकेंद्रों) की शिक्षा में होता था। और लोकशिक्षा के माध्यम से उस मानसिकता को बनाए रखने के लिये प्रयास होते थे। वर्तमान में यह संस्कार परिवारों में अभाव से ही होते हैं । वर्तमान विपरीत शिक्षा और डेमोक्रेसी तंत्र तो समाज की आज्ञाकारिता को नष्ट करने का काम ही करते हैं ।
 
# समाज की मानव से अपेक्षायँ निम्न होतीं हैं:
 
# समाज की मानव से अपेक्षायँ निम्न होतीं हैं:
 
#* व्यवस्थाओं का अनुपालन
 
#* व्यवस्थाओं का अनुपालन
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#* जीवनदृष्टि के अनुरूप व्यवहार
 
#* जीवनदृष्टि के अनुरूप व्यवहार
 
#* सामाजिक परंपराओं का निर्वहन
 
#* सामाजिक परंपराओं का निर्वहन
# सामाजिक जटिलताओंको सुलझानेवाला जनसमुदाय जिसका पालनपोषण, गौरव और अनुवर्तन समाज, प्रेम अथवा भय के कारण करता है वह ‘शासन’ कहलाता है। समाज में सब लोग अपने कर्तव्यों का निर्वहन करें जिससे समाज के सभी लोगों के अधिकारों की रक्षा हो यह सुनिश्चित करनेवाली व्यवस्था का नाम ‘शासन’ है। समाज में समाजधर्म का सब लोग पालन करें यह सुनिश्चित करनेवाली व्यवस्था का नाम ‘शासन’ है। इसके अलावा भी शासन की जिम्मेदारियाँ होतीं हैं। जैसे अन्य समाजों के सैनिक आक्रमणों या अपने समाज के स्वतंत्रता हरण के प्रयासों से सुरक्षा।
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# सामाजिक जटिलताओंको सुलझानेवाला जनसमुदाय जिसका पालनपोषण, गौरव और अनुवर्तन समाज, प्रेम अथवा भय के कारण करता है वह ‘शासन’ कहलाता है। समाज में सब लोग अपने कर्तव्यों का निर्वहन करें जिससे समाज के सभी लोगोंं के अधिकारों की रक्षा हो यह सुनिश्चित करनेवाली व्यवस्था का नाम ‘शासन’ है। समाज में समाजधर्म का सब लोग पालन करें यह सुनिश्चित करनेवाली व्यवस्था का नाम ‘शासन’ है। इसके अलावा भी शासन की जिम्मेदारियाँ होतीं हैं। जैसे अन्य समाजों के सैनिक आक्रमणों या अपने समाज के स्वतंत्रता हरण के प्रयासों से सुरक्षा।
 
# समाज की आवश्यकताओं की पूर्ति की दृष्टि से समाज में व्यावसायिक कौशलों का विकास करना होता है। समाज की बढती घटती जनसंख्या के साथ इन कौशलों का मेल बिठाने की आवश्यकता होती है। समाज के हर घटक को उसकी संभाव्य योग्यतातक विकास करने की और ऐसे विकसित समाज घटकों का उपयोग उन व्यक्तियों को और समाज को दोनोंको हो सके ऐसी व्यवस्था निर्माण करना समाज का काम है।
 
# समाज की आवश्यकताओं की पूर्ति की दृष्टि से समाज में व्यावसायिक कौशलों का विकास करना होता है। समाज की बढती घटती जनसंख्या के साथ इन कौशलों का मेल बिठाने की आवश्यकता होती है। समाज के हर घटक को उसकी संभाव्य योग्यतातक विकास करने की और ऐसे विकसित समाज घटकों का उपयोग उन व्यक्तियों को और समाज को दोनोंको हो सके ऐसी व्यवस्था निर्माण करना समाज का काम है।
 
# समाज में कुछ काम जैसे अन्न प्राप्ति, सामान्य जीने की शिक्षा, औषधि/औषधोपचार यह बातें अर्थ से ऊपर होनी चाहिये। यानि क्रय विक्रय की नहीं होनीं चाहिये। यह तो हर पात्र व्यक्ति को नि:शुल्क और बिना किसी शर्त के मिलनी चाहिये।
 
# समाज में कुछ काम जैसे अन्न प्राप्ति, सामान्य जीने की शिक्षा, औषधि/औषधोपचार यह बातें अर्थ से ऊपर होनी चाहिये। यानि क्रय विक्रय की नहीं होनीं चाहिये। यह तो हर पात्र व्यक्ति को नि:शुल्क और बिना किसी शर्त के मिलनी चाहिये।
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#* गृहस्थाश्रम में मानव परिवार और समाज के लिये आवश्यक कोई काम जैसे अध्यापन, उत्पादन या सेवा करता है। अन्य तीनों आश्रमियों की आजीविका की जिम्मेदारी उठाता है। गृहस्थाश्रमी लोग ही वानप्रस्थियों के मार्गदर्शन में विभिन्न सामाजिक व्यवस्थाओं का संचालन करते हैं। गृहस्थों के पुरूषार्थ से ही समाज में लोग सुख से जी सकते हैं। गृहस्थ में गृहिणी भी आ जाती है। गृहस्थ एक ओर तो पारिवारिक वातावरण के माध्यम से श्रेष्ठ बच्चे समाज को देते हैं और दूसरी ओर समाज की विभिन्न आवश्यकताओं की पूर्ति की व्यवस्था भी करते हैं।  
 
#* गृहस्थाश्रम में मानव परिवार और समाज के लिये आवश्यक कोई काम जैसे अध्यापन, उत्पादन या सेवा करता है। अन्य तीनों आश्रमियों की आजीविका की जिम्मेदारी उठाता है। गृहस्थाश्रमी लोग ही वानप्रस्थियों के मार्गदर्शन में विभिन्न सामाजिक व्यवस्थाओं का संचालन करते हैं। गृहस्थों के पुरूषार्थ से ही समाज में लोग सुख से जी सकते हैं। गृहस्थ में गृहिणी भी आ जाती है। गृहस्थ एक ओर तो पारिवारिक वातावरण के माध्यम से श्रेष्ठ बच्चे समाज को देते हैं और दूसरी ओर समाज की विभिन्न आवश्यकताओं की पूर्ति की व्यवस्था भी करते हैं।  
 
#* घटती शारीरिक क्षमताओं के अनुसार मनुष्य धीरे धीरे गृहस्थी से मुक्त होता है। किसी जमाने में घर छोडकर वन में चला जाता था। वानप्रस्थी बन जाता था। अब घर में ही रहते हुए वह नयी पीढी के हाथों में अधिकार का अंतरण करता है। बच्चा जब जन्म लेता है तब वह केवल अपने अधिकारों की सोचता है। और जब वह घर का मुखिया बनता है तब वह अपने को छोड सारे परिवार के सदस्यों के अधिकारों की सोचता है। इस दृष्टि से परिवार यह सामाजिकता की सीख देनेवाली पाठशाला ही होती है।  
 
#* घटती शारीरिक क्षमताओं के अनुसार मनुष्य धीरे धीरे गृहस्थी से मुक्त होता है। किसी जमाने में घर छोडकर वन में चला जाता था। वानप्रस्थी बन जाता था। अब घर में ही रहते हुए वह नयी पीढी के हाथों में अधिकार का अंतरण करता है। बच्चा जब जन्म लेता है तब वह केवल अपने अधिकारों की सोचता है। और जब वह घर का मुखिया बनता है तब वह अपने को छोड सारे परिवार के सदस्यों के अधिकारों की सोचता है। इस दृष्टि से परिवार यह सामाजिकता की सीख देनेवाली पाठशाला ही होती है।  
#* सामान्य लोगों के लिये संन्यास आश्रम नहीं होता। अपवादस्वरूप लोग ही सर्वसंग परित्याग कर संन्यासी बनते हैं। संन्यासियों की मोक्ष साधना भी ठीक से चल सके यह देखना गृहस्थाश्रमी लोगों का ही दायित्व है।
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#* सामान्य लोगोंं के लिये संन्यास आश्रम नहीं होता। अपवादस्वरूप लोग ही सर्वसंग परित्याग कर संन्यासी बनते हैं। संन्यासियों की मोक्ष साधना भी ठीक से चल सके यह देखना गृहस्थाश्रमी लोगोंं का ही दायित्व है।
# आश्रम व्यवस्था में कुटुंब व्यवस्था एक अत्यंत महत्त्वपूर्ण रचना है। अधार्मिक (अधार्मिक) समाजों में सामाजिक और पर्यावरणीय संबंधों का आधार 'स्वार्थ' होता है। यह उनके ‘व्यक्तिवादिता’ की जीवनदृष्टि के कारण ही है। इसीलिये अधार्मिक (अधार्मिक) समाजों में विवाह नहीं होते मॅरेज या निकाह होते हैं। विवाह तो दो भिन्न व्यक्तित्वों का एक व्यक्तित्व बनकर जीने का संस्कार होता है। मॅरेज या निकाह ये करार, या काँट्रॅक्ट या समझौता होते हैं, जो दो व्यक्ति अपने अपने स्वार्थ की आश्वस्ति के लिये करते हैं। कुटुंब व्यवस्था यह धार्मिक (धार्मिक) समाज रचना और व्यवस्थाओं का आधार है। कुटुंब व्यवस्था का उद्देश्य ही परिवार के लोगों में कौटुम्बिक भावना यानी परस्पर आत्मीयता की, एकत्व की भावना जगाना यही है। सभी सामाजिक और सृष्टिगत संबंधों का आधार कुटुंब भावना ही है। धार्मिक (धार्मिक) समाजशास्त्र का आधार सार्वत्रिक कुटुंब भावना का विकास है। कुटुंब भावना का अर्थ है अपनापन, प्रेम। इस के विकास से पूरा समाज कम परिश्रम में अधिक व्यवस्थित काम करने लग जाता है। कुटुंब के विषय में अधिक जानने के लिये यह [[Family Structure (कुटुंब व्यवस्था)|लेख]] देखें।
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# आश्रम व्यवस्था में कुटुंब व्यवस्था एक अत्यंत महत्त्वपूर्ण रचना है। अधार्मिक (अधार्मिक) समाजों में सामाजिक और पर्यावरणीय संबंधों का आधार 'स्वार्थ' होता है। यह उनके ‘व्यक्तिवादिता’ की जीवनदृष्टि के कारण ही है। इसीलिये अधार्मिक (अधार्मिक) समाजों में विवाह नहीं होते मॅरेज या निकाह होते हैं। विवाह तो दो भिन्न व्यक्तित्वों का एक व्यक्तित्व बनकर जीने का संस्कार होता है। मॅरेज या निकाह ये करार, या काँट्रॅक्ट या समझौता होते हैं, जो दो व्यक्ति अपने अपने स्वार्थ की आश्वस्ति के लिये करते हैं। कुटुंब व्यवस्था यह धार्मिक (धार्मिक) समाज रचना और व्यवस्थाओं का आधार है। कुटुंब व्यवस्था का उद्देश्य ही परिवार के लोगोंं में कौटुम्बिक भावना यानी परस्पर आत्मीयता की, एकत्व की भावना जगाना यही है। सभी सामाजिक और सृष्टिगत संबंधों का आधार कुटुंब भावना ही है। धार्मिक (धार्मिक) समाजशास्त्र का आधार सार्वत्रिक कुटुंब भावना का विकास है। कुटुंब भावना का अर्थ है अपनापन, प्रेम। इस के विकास से पूरा समाज कम परिश्रम में अधिक व्यवस्थित काम करने लग जाता है। कुटुंब के विषय में अधिक जानने के लिये यह [[Family Structure (कुटुंब व्यवस्था)|लेख]] देखें।
 
# कुटुंब भावना का सार्वत्रिकीकरण यह धार्मिक (धार्मिक) समाज का अनिवार्य पहलू है। वर्तमान में कुटुंब भी बाजार भावना से चलते हैं। सौदेबाजी से चलते हैं। धार्मिक (धार्मिक) समाज में तो बाजार भी परिवार भावना से चलने चाहिये। हमारे कुटुंब के दायरे में चराचर का समावेश होता है। शिष्य गुरूका मानसपुत्र माना जाता है। प्रजा शब्द का अर्थ ही संतान होता है। राजा को प्रजा का पिता माना जाता है। एक ही व्यवसाय में काम करनेवाले एक दूसरे के प्रतिस्पर्धी न होकर व्यवसाय बन्धु होते हैं। परिवार भावना का सार्वत्रिकीकरण तब ही हो सकता है जब परिवारों में वह अत्यंत तीव्र होगी, तथा उसके सार्वत्रिकीकरण की सोच और वातावरण भी होगा। इस दृष्टि से परिवार में दो प्रकार की शिक्षा होती है। एक होती है परिवार में शिक्षा। इसमें विभिन्न प्रकार की आदतें, सामाजिकता, व्यावसायिक कौशल, आदि का समावेश होता है। दूसरी होती है परिवार की शिक्षा। इस शिक्षा से मुख्यत: परिवार में कैसे रहा जाता है, पारिवारिक विशेषताएँ क्या हैं आदि का और व्यवहार का अगली पीढी को अंतरण होता है। इसमें बच्चा पारिवारिक रिश्ते, पारिवारिक दैनंदिन काम, कुलधर्म, कुलाचार, परंपराएँ आदि सीखता है।  
 
# कुटुंब भावना का सार्वत्रिकीकरण यह धार्मिक (धार्मिक) समाज का अनिवार्य पहलू है। वर्तमान में कुटुंब भी बाजार भावना से चलते हैं। सौदेबाजी से चलते हैं। धार्मिक (धार्मिक) समाज में तो बाजार भी परिवार भावना से चलने चाहिये। हमारे कुटुंब के दायरे में चराचर का समावेश होता है। शिष्य गुरूका मानसपुत्र माना जाता है। प्रजा शब्द का अर्थ ही संतान होता है। राजा को प्रजा का पिता माना जाता है। एक ही व्यवसाय में काम करनेवाले एक दूसरे के प्रतिस्पर्धी न होकर व्यवसाय बन्धु होते हैं। परिवार भावना का सार्वत्रिकीकरण तब ही हो सकता है जब परिवारों में वह अत्यंत तीव्र होगी, तथा उसके सार्वत्रिकीकरण की सोच और वातावरण भी होगा। इस दृष्टि से परिवार में दो प्रकार की शिक्षा होती है। एक होती है परिवार में शिक्षा। इसमें विभिन्न प्रकार की आदतें, सामाजिकता, व्यावसायिक कौशल, आदि का समावेश होता है। दूसरी होती है परिवार की शिक्षा। इस शिक्षा से मुख्यत: परिवार में कैसे रहा जाता है, पारिवारिक विशेषताएँ क्या हैं आदि का और व्यवहार का अगली पीढी को अंतरण होता है। इसमें बच्चा पारिवारिक रिश्ते, पारिवारिक दैनंदिन काम, कुलधर्म, कुलाचार, परंपराएँ आदि सीखता है।  
 
# सृष्टि में कोई भी दो अस्तित्व पूर्णत: एक जैसे नहीं होते हैं। इसी तरह समाज में कोई भी दो व्यक्ति पूर्णत: समान नहीं हो सकते। इसलिये श्रेष्ठता कनिष्ठता तो किसी भी समाज में स्वाभाविक है। एक मानव के नाते, एक ही समाज के घटक होने के नाते समाज के सभी लोग, समान हैं। समान का अर्थ यह नहीं की हर मनुष्य को खाने के लिये चार रोटी दी जाए। जिस की आवश्यकता २ रोटी है उसे २ रोटी और जिस की आवश्यकता ६ रोटी की है उसे ६ रोटी मिलनी चाहिये। समाज के सभी घटक समान हैं का अर्थ है हर व्यक्ति की आवश्यकता की पूर्ति हो यह देखना। परिवार में बडे छोटे, बलवान, दुर्बल, स्त्री, पुरूष, मोटे, दुबले ऐसे लोग होते ही हैं। जिस प्रकार से परिवार में ऐसे किसी की भी आवश्यकताओं की पूर्ति की ओर ध्यान दिया जाता है उसी प्रकार समाज भी एक विशाल परिवार है ऐसा समझकर प्रत्येक की आवश्यकता और उचित अपेक्षाओं की पूर्ति करना हर व्यक्ति का और समाज का सामाजिक कर्तव्य है।  इसी के साथ हर व्यक्ति की क्षमताओं और योग्यताओं का उस व्यक्ति के हित के साथ साथ ही समाज के हित में उपयोग होना चाहिये। इसलिये प्रत्येक व्यक्ति के विकास की उच्चतम संभावनाओं के विकास के अवसर उसे समाज में प्राप्त होने चाहिये। ऐसा जब होता है तो समाज एक परिवार बनता है। साथ ही में सामाजिक न्याय की भी प्रतिष्ठापना हो जाती है।  
 
# सृष्टि में कोई भी दो अस्तित्व पूर्णत: एक जैसे नहीं होते हैं। इसी तरह समाज में कोई भी दो व्यक्ति पूर्णत: समान नहीं हो सकते। इसलिये श्रेष्ठता कनिष्ठता तो किसी भी समाज में स्वाभाविक है। एक मानव के नाते, एक ही समाज के घटक होने के नाते समाज के सभी लोग, समान हैं। समान का अर्थ यह नहीं की हर मनुष्य को खाने के लिये चार रोटी दी जाए। जिस की आवश्यकता २ रोटी है उसे २ रोटी और जिस की आवश्यकता ६ रोटी की है उसे ६ रोटी मिलनी चाहिये। समाज के सभी घटक समान हैं का अर्थ है हर व्यक्ति की आवश्यकता की पूर्ति हो यह देखना। परिवार में बडे छोटे, बलवान, दुर्बल, स्त्री, पुरूष, मोटे, दुबले ऐसे लोग होते ही हैं। जिस प्रकार से परिवार में ऐसे किसी की भी आवश्यकताओं की पूर्ति की ओर ध्यान दिया जाता है उसी प्रकार समाज भी एक विशाल परिवार है ऐसा समझकर प्रत्येक की आवश्यकता और उचित अपेक्षाओं की पूर्ति करना हर व्यक्ति का और समाज का सामाजिक कर्तव्य है।  इसी के साथ हर व्यक्ति की क्षमताओं और योग्यताओं का उस व्यक्ति के हित के साथ साथ ही समाज के हित में उपयोग होना चाहिये। इसलिये प्रत्येक व्यक्ति के विकास की उच्चतम संभावनाओं के विकास के अवसर उसे समाज में प्राप्त होने चाहिये। ऐसा जब होता है तो समाज एक परिवार बनता है। साथ ही में सामाजिक न्याय की भी प्रतिष्ठापना हो जाती है।  
 
# सृष्टि में सभी विषय और व्यवस्थाएँ एक दूसरे से अंगांगी भाव से जुडी हुई हैं। अंग विषय में कोई भी बात अंगी के विरोधी या विपरीत नहीं होगी। परामात्मा ने सृष्टि का निर्माण किया इस कारण प्रकृति के नियमों को खोजकर प्राकृतिक शास्त्रों की प्रस्तुति की गई है। जैसे प्राणिशास्त्र, वनस्पति शास्त्र, भौतिक शास्त्र आदि। मानव ने भी अपनी प्रतिभा से अपने हित की दृष्टि से कुछ शास्त्रों का निर्माण किया है। इन्हें सांस्कृतिक शास्त्र कहा जाता है। जैसे समाजशास्त्र, अर्थशास्त्र, न्यायशास्त्र, राज्यशास्त्र आदि। इन सभी शास्त्रों के उपयोग के लिये जो व्यवस्थाएँ बनतीं हैं उन्हें अगांगी संबंध समझकर बनाने से व्यक्तिगत समष्टिगत और सृष्टि जीवन अच्छा चलता है। इन की एक मोटी मोटी रूपरेखा इस [[Interrelationship in Srishti (सृष्टि में परस्पर सम्बद्धता)|लेख]] में दी है।
 
# सृष्टि में सभी विषय और व्यवस्थाएँ एक दूसरे से अंगांगी भाव से जुडी हुई हैं। अंग विषय में कोई भी बात अंगी के विरोधी या विपरीत नहीं होगी। परामात्मा ने सृष्टि का निर्माण किया इस कारण प्रकृति के नियमों को खोजकर प्राकृतिक शास्त्रों की प्रस्तुति की गई है। जैसे प्राणिशास्त्र, वनस्पति शास्त्र, भौतिक शास्त्र आदि। मानव ने भी अपनी प्रतिभा से अपने हित की दृष्टि से कुछ शास्त्रों का निर्माण किया है। इन्हें सांस्कृतिक शास्त्र कहा जाता है। जैसे समाजशास्त्र, अर्थशास्त्र, न्यायशास्त्र, राज्यशास्त्र आदि। इन सभी शास्त्रों के उपयोग के लिये जो व्यवस्थाएँ बनतीं हैं उन्हें अगांगी संबंध समझकर बनाने से व्यक्तिगत समष्टिगत और सृष्टि जीवन अच्छा चलता है। इन की एक मोटी मोटी रूपरेखा इस [[Interrelationship in Srishti (सृष्टि में परस्पर सम्बद्धता)|लेख]] में दी है।
# समाज में उत्पादन की प्रभूता हो। इस प्रभूता का संदर्भ समाज की आवश्यकताओं से रहे। इच्छाओं से नहीं। उत्पादन भी 'सर्वे भवन्तु सुखिन: के विपरीत नहीं हो। यानी जिस वस्तू के उत्पादन और उपयोग से किसी का भी अहित होता हो ऐसा उत्पादन नहीं करना चाहिये। जब शंका हो तब सर्वे भवन्तु सुखिन: के लिये जीनेवाले ज्ञानी लोगों से मार्गदर्शन लेना ।
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# समाज में उत्पादन की प्रभूता हो। इस प्रभूता का संदर्भ समाज की आवश्यकताओं से रहे। इच्छाओं से नहीं। उत्पादन भी 'सर्वे भवन्तु सुखिन: के विपरीत नहीं हो। यानी जिस वस्तू के उत्पादन और उपयोग से किसी का भी अहित होता हो ऐसा उत्पादन नहीं करना चाहिये। जब शंका हो तब सर्वे भवन्तु सुखिन: के लिये जीनेवाले ज्ञानी लोगोंं से मार्गदर्शन लेना ।
 
# नई पीढ़ी और पुरानी पीढ़ी का अंतर भी एक चिरंतन विषय है । इस के लिए मार्गदर्शक तत्त्व है – चिरंतन तत्त्वों की युगानुकूल प्रस्तुति करना । जैसे – वस्त्र पहनने के दो कारण हैं । पहला है विषम वातावरण से शरीर की रक्षा करना । दूसरा है लज्जा रक्षण । यहाँ लज्जा रक्षण का अर्थ ठीक से समझना होगा । जिन वस्त्रों के पहनने से देखनेवाला कामुक या उद्दीपित नहीं हो जाए ऐसे वस्त्र पहनना । जबतक इन दोनों बातों की आश्वस्ति होती है तबतक वस्त्रों के सभी नवाचार स्वीकार्य हैं । धार्मिक (धार्मिक) सोच के अनुसार धर्म के कुछ तत्त्व जैसे रक्षण, पोषण, शिक्षण, सत्य, अहिंसा, अस्तेय, अक्रोध आदि चिरंतन हैं। युगानुकूल सोच और व्यवहार का अर्थ है काल के साथ जो मानवीय क्षमताओं का क्षरण हुआ है, प्रकृति में जो परिवर्तन होते रहते हैं आदि जैसी बातों के साथ अनुकूलन । यही तत्व विदेशी सोच, व्यवहार और वस्तुओं के संबंध में उचित होती है। केवल किसी सोच, व्यवहार या वस्तु के उपयोग का प्रारंभ कहीं विदेश में हुआ है इसलिये उसको त्यागना ठीक नहीं है। वह यदि ‘सर्वे भवन्तु’ से सुसंगत है तो उसे देशानुकूल बनाकर उसका उपयोग करना चाहिये। जैसे भारत का बहुत बडा हिस्सा उष्ण जलवायू का है। यूरोप के देशों का वातावरण ठण्डा होने से वे टाय पहनते हैं। कमीज को टाय कॉलर भी होती है। भारत के ऊष्ण प्रदेशों में टाय लगाने की आवश्यकता नहीं होती। इसलिये बिना टाय कॉलर की कमीज इन प्रदेशों में योग्य है। इससे कुछ कपडे का दुरूपयोग और दर्जी के परिश्रम बचेंगे। खडी कॉलर यह विदेशी टाय कॉलर का देशानुकूल स्वरूप है।
 
# नई पीढ़ी और पुरानी पीढ़ी का अंतर भी एक चिरंतन विषय है । इस के लिए मार्गदर्शक तत्त्व है – चिरंतन तत्त्वों की युगानुकूल प्रस्तुति करना । जैसे – वस्त्र पहनने के दो कारण हैं । पहला है विषम वातावरण से शरीर की रक्षा करना । दूसरा है लज्जा रक्षण । यहाँ लज्जा रक्षण का अर्थ ठीक से समझना होगा । जिन वस्त्रों के पहनने से देखनेवाला कामुक या उद्दीपित नहीं हो जाए ऐसे वस्त्र पहनना । जबतक इन दोनों बातों की आश्वस्ति होती है तबतक वस्त्रों के सभी नवाचार स्वीकार्य हैं । धार्मिक (धार्मिक) सोच के अनुसार धर्म के कुछ तत्त्व जैसे रक्षण, पोषण, शिक्षण, सत्य, अहिंसा, अस्तेय, अक्रोध आदि चिरंतन हैं। युगानुकूल सोच और व्यवहार का अर्थ है काल के साथ जो मानवीय क्षमताओं का क्षरण हुआ है, प्रकृति में जो परिवर्तन होते रहते हैं आदि जैसी बातों के साथ अनुकूलन । यही तत्व विदेशी सोच, व्यवहार और वस्तुओं के संबंध में उचित होती है। केवल किसी सोच, व्यवहार या वस्तु के उपयोग का प्रारंभ कहीं विदेश में हुआ है इसलिये उसको त्यागना ठीक नहीं है। वह यदि ‘सर्वे भवन्तु’ से सुसंगत है तो उसे देशानुकूल बनाकर उसका उपयोग करना चाहिये। जैसे भारत का बहुत बडा हिस्सा उष्ण जलवायू का है। यूरोप के देशों का वातावरण ठण्डा होने से वे टाय पहनते हैं। कमीज को टाय कॉलर भी होती है। भारत के ऊष्ण प्रदेशों में टाय लगाने की आवश्यकता नहीं होती। इसलिये बिना टाय कॉलर की कमीज इन प्रदेशों में योग्य है। इससे कुछ कपडे का दुरूपयोग और दर्जी के परिश्रम बचेंगे। खडी कॉलर यह विदेशी टाय कॉलर का देशानुकूल स्वरूप है।
 
# हर समाज की अपनी कोई भाषा होती है। इस भाषा का विकास उस समाज के विकास के साथ ही होता है। इसलिये यह भाषा समाज की विचार, परंपराओं, मान्यताओं आदि को सही सही अभिव्यक्त करने की क्षमता रखती है। अन्य समाज की भाषा में सरल और सहज अभिव्यक्ति संभव नहीं होती। समाज की भाषा बिगडने से या नष्ट होने से विचार, परंपराओं, मान्यताओं आदि में परिवर्तन हो जाते हैं। फिर वह समाज पूर्व का समाज नहीं रह जाता।
 
# हर समाज की अपनी कोई भाषा होती है। इस भाषा का विकास उस समाज के विकास के साथ ही होता है। इसलिये यह भाषा समाज की विचार, परंपराओं, मान्यताओं आदि को सही सही अभिव्यक्त करने की क्षमता रखती है। अन्य समाज की भाषा में सरल और सहज अभिव्यक्ति संभव नहीं होती। समाज की भाषा बिगडने से या नष्ट होने से विचार, परंपराओं, मान्यताओं आदि में परिवर्तन हो जाते हैं। फिर वह समाज पूर्व का समाज नहीं रह जाता।
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# हर बच्चा जन्म लेते समय अपने विकास की सम्भावनाओं के साथ ही जन्म लेता है । इन सम्भावनाओं के उच्चतम स्तरतक विकास होने से वह बच्चा (मनुष्य) लाभान्वित होता है और साथ ही में समाज को भी लाभ होता है । अतः प्रत्येक बालक के विकास की जिम्मेदारी समाज की है । इस विकास के साथ ही समाज की व्यवस्थाओं और संगठनों को ठीक से चलाने के लिए भी प्रत्येक बालक को श्रेष्ठ शिक्षण, संस्कार और प्रशिक्षण मिलना आवश्यक है । समाज के लिए हितकारी स्वतंत्रता, सदाचार, सादगी, स्वावलंबन, सत्यनिष्ठा, सहजता, स्वदेशी आदि  गुणों का विकास सामाजिक हित की ही बातें हैं ।                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                       
 
# हर बच्चा जन्म लेते समय अपने विकास की सम्भावनाओं के साथ ही जन्म लेता है । इन सम्भावनाओं के उच्चतम स्तरतक विकास होने से वह बच्चा (मनुष्य) लाभान्वित होता है और साथ ही में समाज को भी लाभ होता है । अतः प्रत्येक बालक के विकास की जिम्मेदारी समाज की है । इस विकास के साथ ही समाज की व्यवस्थाओं और संगठनों को ठीक से चलाने के लिए भी प्रत्येक बालक को श्रेष्ठ शिक्षण, संस्कार और प्रशिक्षण मिलना आवश्यक है । समाज के लिए हितकारी स्वतंत्रता, सदाचार, सादगी, स्वावलंबन, सत्यनिष्ठा, सहजता, स्वदेशी आदि  गुणों का विकास सामाजिक हित की ही बातें हैं ।                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                       
 
== सामाजिक स्तर पर लक्ष्य ==
 
== सामाजिक स्तर पर लक्ष्य ==
जिस प्रकार व्यक्ति के स्तर पर मानव का लक्ष्य मोक्ष होता है। मुक्ति होता है। उसी प्रकार मानव जीवन का सामाजिक स्तर का लक्ष्य भी मोक्ष ही होगा। मुक्ति ही होगा। इस सामाजिक लक्ष्य का व्यावहारिक स्वरूप ‘स्वतंत्रता’ है। स्वतंत्रता का अर्थ है अपनी इच्छा के अनुसार व्यवहार करने की सामर्थ्य। सामर्थ्य प्राप्ति के लिये परिश्रम करने की सामान्यत: लोगों की तैयारी नहीं होती। लेकिन ऐसे किसी प्रयास के बगैर ही यदि जादू से वे समर्थ बन जाएँ तो प्रत्येक को ‘अनिर्बाध स्वतंत्रता’ की चाहत होती है। स्वैराचार और स्वतंत्रता में अंतर होता है। स्वैराचार की कोई सीमा नहीं होती। लेकिन समाज में जहाँ अन्यों के सुख के साथ संघर्ष खडा होता है तब स्वतंत्रता की सीमा आ जाती है। धर्म ही स्वैराचार को सीमामें बाँधकर उसे स्वतंत्रता बना देता है।                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                 
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जिस प्रकार व्यक्ति के स्तर पर मानव का लक्ष्य मोक्ष होता है। मुक्ति होता है। उसी प्रकार मानव जीवन का सामाजिक स्तर का लक्ष्य भी मोक्ष ही होगा। मुक्ति ही होगा। इस सामाजिक लक्ष्य का व्यावहारिक स्वरूप ‘स्वतंत्रता’ है। स्वतंत्रता का अर्थ है अपनी इच्छा के अनुसार व्यवहार करने की सामर्थ्य। सामर्थ्य प्राप्ति के लिये परिश्रम करने की सामान्यत: लोगोंं की तैयारी नहीं होती। लेकिन ऐसे किसी प्रयास के बगैर ही यदि जादू से वे समर्थ बन जाएँ तो प्रत्येक को ‘अनिर्बाध स्वतंत्रता’ की चाहत होती है। स्वैराचार और स्वतंत्रता में अंतर होता है। स्वैराचार की कोई सीमा नहीं होती। लेकिन समाज में जहाँ अन्यों के सुख के साथ संघर्ष खडा होता है तब स्वतंत्रता की सीमा आ जाती है। धर्म ही स्वैराचार को सीमामें बाँधकर उसे स्वतंत्रता बना देता है।                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                 
    
सामाजिक लक्ष्य स्वतंत्रता है। सामाजिक स्तर पर मोक्ष का स्वरूप मुक्ति या ‘स्वतंत्रता’ है। स्वाभाविक, शासनिक, आर्थिक ऐसी तीन प्रकार की स्वतंत्रता मिले और बनीं रहे यह देखना समाज के प्रत्येक व्यक्ति का व्यक्तिगत और सामुहिक कर्तव्य है। सामाजिक जीवन का लक्ष्य यद्यपि स्वतंत्रता है फिर भी सामान्यत: बहुत कम लोग इसे समझ पाते हैं। जिस प्रकार से पशूओं जैसा केवल प्राणिक आवेगों में ही सुख माननेवाले लोग इंद्रिय सुख को ही सुख की परमावधि मान लेते हैं। मानसिक दासता वाले लोग भी इंद्रिय सुख की प्राप्ति को जीवन का लक्ष्य मान लेते हैं।                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                 
 
सामाजिक लक्ष्य स्वतंत्रता है। सामाजिक स्तर पर मोक्ष का स्वरूप मुक्ति या ‘स्वतंत्रता’ है। स्वाभाविक, शासनिक, आर्थिक ऐसी तीन प्रकार की स्वतंत्रता मिले और बनीं रहे यह देखना समाज के प्रत्येक व्यक्ति का व्यक्तिगत और सामुहिक कर्तव्य है। सामाजिक जीवन का लक्ष्य यद्यपि स्वतंत्रता है फिर भी सामान्यत: बहुत कम लोग इसे समझ पाते हैं। जिस प्रकार से पशूओं जैसा केवल प्राणिक आवेगों में ही सुख माननेवाले लोग इंद्रिय सुख को ही सुख की परमावधि मान लेते हैं। मानसिक दासता वाले लोग भी इंद्रिय सुख की प्राप्ति को जीवन का लक्ष्य मान लेते हैं।                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                 

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