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| (ण) शनि शंख : जिन्हें शनि की साडा साती या देया चल रही हो, वे इस शंख को अपने पास रखें तो शनि का प्रकोप शान्त होता है और उन्हें आकस्मिक लाभ होता है । | | (ण) शनि शंख : जिन्हें शनि की साडा साती या देया चल रही हो, वे इस शंख को अपने पास रखें तो शनि का प्रकोप शान्त होता है और उन्हें आकस्मिक लाभ होता है । |
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− | (त) सूर्य शंख : इस शंख को अपने पास रखनेवाला व्यक्ति दरिद्रता एवं गरीबी से हमेशा दूर रहता है । | + | (त) सूर्य शंख : इस शंख को अपने पास रखनेवाला व्यक्ति दरिद्रता एवं गरीबी से सदा दूर रहता है । |
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| (थ) अन्नपूर्णा शंख : जिस घर में अन्नपूर्णा शंख होता है, वहाँ किसी वस्तु का अभाव नहीं होता । माता अत्रपूर्णा का साक्षात् वास इस शंख में होता है । इस शंख में रात्रि में पानी भरकर रखना और सवेरे उस पानी को पीने से पेट के विकारों से छुटकारा मिलता है । | | (थ) अन्नपूर्णा शंख : जिस घर में अन्नपूर्णा शंख होता है, वहाँ किसी वस्तु का अभाव नहीं होता । माता अत्रपूर्णा का साक्षात् वास इस शंख में होता है । इस शंख में रात्रि में पानी भरकर रखना और सवेरे उस पानी को पीने से पेट के विकारों से छुटकारा मिलता है । |
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| (प) गुरु शंख : इस शंख में जल भर कर शालिग्रामजी को स्नान करवाने से एवं तुलसी दल समर्पण करने से स्मरणशक्ति तेज होती है । और शिक्षा क्षेत्र में शीघ्रता से प्रगति होती है । कमजोर विद्यार्थियों के लिए तो इस शंख का पूजन बहुत लाभकारी है । | | (प) गुरु शंख : इस शंख में जल भर कर शालिग्रामजी को स्नान करवाने से एवं तुलसी दल समर्पण करने से स्मरणशक्ति तेज होती है । और शिक्षा क्षेत्र में शीघ्रता से प्रगति होती है । कमजोर विद्यार्थियों के लिए तो इस शंख का पूजन बहुत लाभकारी है । |
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− | वस्तुतः शंख एक बहुगुणी यंत्र है, इसे हमेशा घर में रखना चाहिए । जो जातक शंख का प्रतिदिन तुलसीदल से पूजन करता है उस घर में रोग, अशान्ति, क्लेश तथा तनाव नहीं रहते । शंख के सूर हमें अनेक प्रकार से सशक्त एवं सम्पन्न बनाते हैं । | + | वस्तुतः शंख एक बहुगुणी यंत्र है, इसे सदा घर में रखना चाहिए । जो जातक शंख का प्रतिदिन तुलसीदल से पूजन करता है उस घर में रोग, अशान्ति, क्लेश तथा तनाव नहीं रहते । शंख के सूर हमें अनेक प्रकार से सशक्त एवं सम्पन्न बनाते हैं । |
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| === शंख के विविध सफल नुस्खे === | | === शंख के विविध सफल नुस्खे === |
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| और दाम्पत्य सुख में अनोखा अनुभव मिलता है । पति-पत्नी इस शंख के जल से आचमन कर अपने शिर पर अभिषेक करे तो परस्पर वैमनस्य दूर होता है । | | और दाम्पत्य सुख में अनोखा अनुभव मिलता है । पति-पत्नी इस शंख के जल से आचमन कर अपने शिर पर अभिषेक करे तो परस्पर वैमनस्य दूर होता है । |
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− | ३. घर में दक्षिणावर्ती शंख हो तो लक्ष्मीजी का घर में स्थिर वास होता है । इस शंख का विधि-विधान पूर्वक पूजन करने से तथा अपने व्यवसाय स्थल पर रखने से हमेशा शुभ परिणाम एवं क्रणमुक्ति मिलती है । | + | ३. घर में दक्षिणावर्ती शंख हो तो लक्ष्मीजी का घर में स्थिर वास होता है । इस शंख का विधि-विधान पूर्वक पूजन करने से तथा अपने व्यवसाय स्थल पर रखने से सदा शुभ परिणाम एवं क्रणमुक्ति मिलती है । |
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| ४. अपनी माता से अक्षत (चावल) भरा हुआ मोती शंख लो, उसे विदेश यात्रा सम्बन्धित कागजों या दस्तावेजों के पास रखो । ऐसा करने से तुम्हारी बाधाएँ दूर होंगी और शीघ्र ही विदेश यात्रा कर सकोगे । | | ४. अपनी माता से अक्षत (चावल) भरा हुआ मोती शंख लो, उसे विदेश यात्रा सम्बन्धित कागजों या दस्तावेजों के पास रखो । ऐसा करने से तुम्हारी बाधाएँ दूर होंगी और शीघ्र ही विदेश यात्रा कर सकोगे । |