* भक्तियोग, कर्मयोग, राजयोग, ज्ञानयोग आदि अनुभूति तक पहुँचने के मार्ग हैं, अनुभूति नहीं । मार्ग में ज्ञान के विभिन्न स्वरूप सामने आते हैं जिन्हें व्यक्ति ज्ञान समझ लेता है परन्तु वे मार्ग के पड़ाव ही हैं यह समझना आवश्यक है । | * भक्तियोग, कर्मयोग, राजयोग, ज्ञानयोग आदि अनुभूति तक पहुँचने के मार्ग हैं, अनुभूति नहीं । मार्ग में ज्ञान के विभिन्न स्वरूप सामने आते हैं जिन्हें व्यक्ति ज्ञान समझ लेता है परन्तु वे मार्ग के पड़ाव ही हैं यह समझना आवश्यक है । |