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भारत में कर्तव्य आधारित, पारस्परिकता से सिंचित, निर्भय, निष्पक्ष, निर्लोभता के वातावरण में संयमित जीवन दर्शन की छाया में, परमार्थ मूलक, सहकारी साझेदारी की विश्व बन्धुत्व स्थापित करने की नीति का व्यवहार मानव जीवन को सुखी और समृद्ध बनाने की दिशा में प्रगति कर रहा था । इस समृद्धशाली जीवन दर्शन को गोलमेज समुदाय के विशिष्ट महापुरुषों ने विकृत करने का षडयंत्र रचा है।
 
भारत में कर्तव्य आधारित, पारस्परिकता से सिंचित, निर्भय, निष्पक्ष, निर्लोभता के वातावरण में संयमित जीवन दर्शन की छाया में, परमार्थ मूलक, सहकारी साझेदारी की विश्व बन्धुत्व स्थापित करने की नीति का व्यवहार मानव जीवन को सुखी और समृद्ध बनाने की दिशा में प्रगति कर रहा था । इस समृद्धशाली जीवन दर्शन को गोलमेज समुदाय के विशिष्ट महापुरुषों ने विकृत करने का षडयंत्र रचा है।
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राउन्ड टेबिल समुदाय के लिये धार्मिक जीवन दर्शन की बुनियाद चुनौती बनी हुई थी। इस समृद्ध जीवन दर्शन की बुनियाद में सहज, स्वाभाविक, परस्परता, स्वयंसेवा, आत्मनिर्भरता, स्वावलम्बन, सहकारी साझेदारी की कर्तृत्व आधारित व्यवस्था प्रगति कर रही थी। भारत की प्रसिद्धि सोने की चिड़िया के रूप में होती रही थी, इसलिए अनेक लुटेरे भारत में आये । भारत कभी किसी देश को लूटने नहीं गया । ब्रिटिश साम्राज्यवाद ने फूट डालो और राज करो की नीति का अनुसरण करके सारी दुनिया में अपने राजनीतिक उपनिवेशों के रूप में साम्राज्य स्थापित किया था। एक समय ऐसा आया कि जब राजनीतिक उपनिवेश रखना कठिन हो गया था, तो योरोप और अमेरिका के कुछ विशिष्ट धनी व्यक्तियों ने राजनीतिक उपनिवेश समाप्त करके आर्थिक साम्राज्य के द्वारा विश्व सरकार की योजना बनाई। आर्थिक साम्राज्यवादियों की निगाहें समूचे पूर्व में भारत की स्थिति को रणनीतिक दृष्टि से बहुत महत्व का मानती रही थी। इसलिए ब्रिटिश साम्राज्य ने अपनी राजसत्ता समेटने के साथ-साथ भारत को अनेक राजनीति हिस्सों में विभाजित करके भारत को कमजोर करने का षड़यंत्र रचाया । सत्ता हस्तान्तरण के साथ-साथ विभाजित भारत को इंडिया बना दिया । स्वतंत्र भारत में नागरिकों के मध्य देश के पुनर्निर्माण का अभिक्रम जाग रहा था, इस स्वाभाविक लोक अभिक्रम को समाप्त करने के लिये इंडियन गवर्नवमेंट को विकास और निर्माण का लालच देकर १९४८ में ही ट्मैन के द्वारा चार सूत्री कृषि मिशन की स्थापना कर दी गई। कृषि मिशन के अन्तर्गत अमरीकी कृषि विशेषज्ञ अलबर्ट मायर द्वारा ग्रामीण पुनर्निर्माण के नाम पर उत्तर प्रदेश के इटावा जिले में पायलैट प्रोजेक्ट प्रारम्भ किया। इस योजना के लिये फोर्ड फाउंडेशन के तत्कालीन अध्यक्ष पाल हाफमैनने भारत में अमरीकि राजदूत चेस्टर बोवेल्स की देखरेख में दो अरब अमरीकी डालर खर्च करने का लक्ष्य बनाया । इसके बाद फोर्ड फाउंडेशन की मदद से २ अक्टूबर १९५२ को सामुदायिक विकास कार्यक्रम तथा भारत सेवक समाज की स्थापना की गयी। स्वतंत्रता के प्रथम उत्साह में राष्ट्र निर्माण हेतु जो लोक अभिक्रम जग रहा था, फोर्ड फाउडेंशन के धन ने उसकी भ्रूण हत्या ही कर दी, साम्राज्यवादी विदेशी ताकतें यही चाहती थीं।
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राउन्ड टेबिल समुदाय के लिये धार्मिक जीवन दर्शन की बुनियाद चुनौती बनी हुई थी। इस समृद्ध जीवन दर्शन की बुनियाद में सहज, स्वाभाविक, परस्परता, स्वयंसेवा, आत्मनिर्भरता, स्वावलम्बन, सहकारी साझेदारी की कर्तृत्व आधारित व्यवस्था प्रगति कर रही थी। भारत की प्रसिद्धि सोने की चिड़िया के रूप में होती रही थी, अतः अनेक लुटेरे भारत में आये । भारत कभी किसी देश को लूटने नहीं गया । ब्रिटिश साम्राज्यवाद ने फूट डालो और राज करो की नीति का अनुसरण करके सारी दुनिया में अपने राजनीतिक उपनिवेशों के रूप में साम्राज्य स्थापित किया था। एक समय ऐसा आया कि जब राजनीतिक उपनिवेश रखना कठिन हो गया था, तो योरोप और अमेरिका के कुछ विशिष्ट धनी व्यक्तियों ने राजनीतिक उपनिवेश समाप्त करके आर्थिक साम्राज्य के द्वारा विश्व सरकार की योजना बनाई। आर्थिक साम्राज्यवादियों की निगाहें समूचे पूर्व में भारत की स्थिति को रणनीतिक दृष्टि से बहुत महत्व का मानती रही थी। अतः ब्रिटिश साम्राज्य ने अपनी राजसत्ता समेटने के साथ-साथ भारत को अनेक राजनीति हिस्सों में विभाजित करके भारत को कमजोर करने का षड़यंत्र रचाया । सत्ता हस्तान्तरण के साथ-साथ विभाजित भारत को इंडिया बना दिया । स्वतंत्र भारत में नागरिकों के मध्य देश के पुनर्निर्माण का अभिक्रम जाग रहा था, इस स्वाभाविक लोक अभिक्रम को समाप्त करने के लिये इंडियन गवर्नवमेंट को विकास और निर्माण का लालच देकर १९४८ में ही ट्मैन के द्वारा चार सूत्री कृषि मिशन की स्थापना कर दी गई। कृषि मिशन के अन्तर्गत अमरीकी कृषि विशेषज्ञ अलबर्ट मायर द्वारा ग्रामीण पुनर्निर्माण के नाम पर उत्तर प्रदेश के इटावा जिले में पायलैट प्रोजेक्ट प्रारम्भ किया। इस योजना के लिये फोर्ड फाउंडेशन के तत्कालीन अध्यक्ष पाल हाफमैनने भारत में अमरीकि राजदूत चेस्टर बोवेल्स की देखरेख में दो अरब अमरीकी डालर खर्च करने का लक्ष्य बनाया । इसके बाद फोर्ड फाउंडेशन की मदद से २ अक्टूबर १९५२ को सामुदायिक विकास कार्यक्रम तथा भारत सेवक समाज की स्थापना की गयी। स्वतंत्रता के प्रथम उत्साह में राष्ट्र निर्माण हेतु जो लोक अभिक्रम जग रहा था, फोर्ड फाउडेंशन के धन ने उसकी भ्रूण हत्या ही कर दी, साम्राज्यवादी विदेशी ताकतें यही चाहती थीं।
    
फोर्ड फाउंडेशन के अलावा अमरीकी तेल सम्राट रॉकफेलर फाउंडेशन, स्टील सम्राट कारनेगी फाउंडेशन आदि ने भारत को अपना निशाना बनाकर स्वयंसेवी संस्थाओं के मार्फत भारत की सांस्कृतिक, धार्मिक और आध्यात्मिक संस्थाओं को प्रदूषित करके आर्थिक साम्राज्यवाद को जनजीवन में प्रवेश करने का जाल बुनना प्रारम्भ कर दिया । भारत में आन्तरिक कलह पैदा करने के लिये नागालैंड में माइकल स्कॉट के द्वारा बैपटिस्ट मिशन स्थापित किया गया । १९६४ में नागालैंड पीस मिशन की स्थापना हुई। इन दोनों संस्थाओं के माध्यम से CIAने ऑपरेशन ब्रह्मपुत्र प्रारम्भ किया । परिणाम स्वरूप स्वतंत्र नागालैण्ड की माँग पैदा हो गयी। इतना ही नहीं सीआईए इटली के मार्फत भारत में सक्रिय थी। बड़ी कुशलता से भारत के प्रधानमंत्री के घर में स्थाई रूप से एक सी.आई.ए. के एजेन्ट को स्थापित कर दिया गया।
 
फोर्ड फाउंडेशन के अलावा अमरीकी तेल सम्राट रॉकफेलर फाउंडेशन, स्टील सम्राट कारनेगी फाउंडेशन आदि ने भारत को अपना निशाना बनाकर स्वयंसेवी संस्थाओं के मार्फत भारत की सांस्कृतिक, धार्मिक और आध्यात्मिक संस्थाओं को प्रदूषित करके आर्थिक साम्राज्यवाद को जनजीवन में प्रवेश करने का जाल बुनना प्रारम्भ कर दिया । भारत में आन्तरिक कलह पैदा करने के लिये नागालैंड में माइकल स्कॉट के द्वारा बैपटिस्ट मिशन स्थापित किया गया । १९६४ में नागालैंड पीस मिशन की स्थापना हुई। इन दोनों संस्थाओं के माध्यम से CIAने ऑपरेशन ब्रह्मपुत्र प्रारम्भ किया । परिणाम स्वरूप स्वतंत्र नागालैण्ड की माँग पैदा हो गयी। इतना ही नहीं सीआईए इटली के मार्फत भारत में सक्रिय थी। बड़ी कुशलता से भारत के प्रधानमंत्री के घर में स्थाई रूप से एक सी.आई.ए. के एजेन्ट को स्थापित कर दिया गया।

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